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Jharkhand Weather Update: अगले हफ्ते की बारिश पर टिकी सबकी निगाहें, सामान्य से कम वर्षापात ने बढ़ाई चिंता

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Published : Aug 8, 2023, 7:22 AM IST

Updated : Aug 8, 2023, 9:55 AM IST

झारखंड के 22 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है. जिससे किसानों और कृषि विभाग की चिंता बढ़ गयी है. क्योंकि अब तक प्रदेश में सिर्फ 30 फीसदी ही धान की रोपनी हुई है. लेकिन अगले 07 दिनों की वर्षा पर थोड़ी बेहतरी की उम्मीद किसानों और कृषि विभाग को है.

Less than normal rainfall in 22 out of 24 districts of Jharkhand Weather Update
डिजाइन इमेज
जानकारी देते कृषि निदेशालय के उपनिदेशक

रांची: झारखंड के 24 में से 22 जिलों में अभी भी वर्षापात सामान्य से कम है. चतरा में जहां स्थिति बेहद विकट है. वहीं अन्य 21 जिलों में भी वर्षापात की स्थिति ठीक नहीं है. सिमडेगा और साहिबगंज को छोड़ राज्य के बाकी सभी 22 जिलों में कम वर्षापात का असर खेती पर पड़ा है.

इसे भी पढ़ें- फिर सुखाड़ की दहलीज पर झारखंड, राज्य में सामान्य से 45 फीसदी कम हुई बारिश

राज्य में अभी तक जहां 5.46 लाख हेक्टेयर (30%) में धान का आच्छादन हुआ है. वहीं सभी खरीफ फसल को मिलाकर 10 लाख 51 हजार हेक्टेयर का आच्छादन हुआ है जो लक्ष्य का 37 प्रतिशत है. राज्य में वर्ष 2022 में भी मानसून के शुरुआती दिनों में काफी कम वर्षा हुई थी और खेतीबाड़ी को जबर्दस्त नुकसान पहुंचा था. इसके बाद 01 जून से 07 अगस्त तक सामान्य से 48 फीसदी कम वर्षा हुई थी. इस समय अंतराल में इस वर्ष बारिश की स्थिति थोड़ी बेहतर जरूर है.

पिछले वर्ष सामान्य से 48 प्रतिशत कम वर्षापात की अपेक्षा इस वर्ष सामान्य से 37 फीसदी कम वर्षा हुई है. कृषि निदेशालय के उपनिदेशक मुकेश कुमार सिन्हा कहते हैं कि इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले हालात थोड़ा ही बेहतर जरूर है. इसके बावजूद अभी तक के आच्छादन की रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाला है. अगले सात दिनों में राज्य में धान एवं अन्य खरीफ फसलों का कवरेज एरिया बढ़ने की उम्मीद कृषि विभाग को है. इसको लेकर कृषि निदेशालय में उपनिदेशक कहा कि 15 अगस्त तक हुए आच्छादन और अन्य पहलुओं को देखते हुए विभाग आगे का फैसला लेगी.

कृषि निदेशालय के उपनिदेशक ने कहा कि 15 अगस्त तक राज्य के किसान धान रोपनी करते हैं. ऐसे में विभाग की नजर भी 15 अगस्त तक राज्य में धान एवं अन्य खरीफ फसलों के आच्छादन पर है. कृषि उपनिदेशक ने कहा 15 अगस्त के बाद राज्य भर में हुए आच्छादन की वास्तविक स्थित की जानकारी लेकर वैकल्पिक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों के जिला कृषि पदाधिकारियों को यह निर्देश दे दिए गए हैं कि 15 अगस्त के बाद बिना आच्छादन वाले खेतों में वैकल्पिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. मक्का, दलहन, तिलहन और मड़ुआ के बीज भी जिलों को उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने कहा कि विभाग की मंशा है कि खरीफ फसल के लिए 28 लाख हेक्टेयर में खेती का जो लक्ष्य रखा गया था उसके करीब पहुंचा जाए.

राज्य में सिर्फ 30 फीसदी धान आच्छादनः झारखंड में सामान्य से कम वर्षा की वजह से खेतों में धान की रोपनी के लायक पानी नहीं थी. पिछले कुछ दिनों में हुई अच्छी वर्षा से धान की रोपनी में तेजी आने के बावजूद धान का आच्छादन 30 प्रतिशत ही हुआ है. अभी तक के आंकड़े के अनुसार राज्य में 05 लाख 46 हजार 876 हेक्टेयर में धान रोपनी हुई है. वहीं सभी खरीफ फसलों को मिलाकर आच्छादन 10 लाख 51 हजार 462 हेक्टेयर में हुआ है, जो लक्ष्य का 37 फीसदी है. झारखंड राज्य में कुल खेती लगभग 28 लाख हेक्टेयर में की जाती है, उसमें 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. कम बारिश और खराब मौसम की वजह से इस वर्ष पूरी खेती की स्थिति बेहद खराब है.

जानकारी देते कृषि निदेशालय के उपनिदेशक

रांची: झारखंड के 24 में से 22 जिलों में अभी भी वर्षापात सामान्य से कम है. चतरा में जहां स्थिति बेहद विकट है. वहीं अन्य 21 जिलों में भी वर्षापात की स्थिति ठीक नहीं है. सिमडेगा और साहिबगंज को छोड़ राज्य के बाकी सभी 22 जिलों में कम वर्षापात का असर खेती पर पड़ा है.

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राज्य में अभी तक जहां 5.46 लाख हेक्टेयर (30%) में धान का आच्छादन हुआ है. वहीं सभी खरीफ फसल को मिलाकर 10 लाख 51 हजार हेक्टेयर का आच्छादन हुआ है जो लक्ष्य का 37 प्रतिशत है. राज्य में वर्ष 2022 में भी मानसून के शुरुआती दिनों में काफी कम वर्षा हुई थी और खेतीबाड़ी को जबर्दस्त नुकसान पहुंचा था. इसके बाद 01 जून से 07 अगस्त तक सामान्य से 48 फीसदी कम वर्षा हुई थी. इस समय अंतराल में इस वर्ष बारिश की स्थिति थोड़ी बेहतर जरूर है.

पिछले वर्ष सामान्य से 48 प्रतिशत कम वर्षापात की अपेक्षा इस वर्ष सामान्य से 37 फीसदी कम वर्षा हुई है. कृषि निदेशालय के उपनिदेशक मुकेश कुमार सिन्हा कहते हैं कि इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले हालात थोड़ा ही बेहतर जरूर है. इसके बावजूद अभी तक के आच्छादन की रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाला है. अगले सात दिनों में राज्य में धान एवं अन्य खरीफ फसलों का कवरेज एरिया बढ़ने की उम्मीद कृषि विभाग को है. इसको लेकर कृषि निदेशालय में उपनिदेशक कहा कि 15 अगस्त तक हुए आच्छादन और अन्य पहलुओं को देखते हुए विभाग आगे का फैसला लेगी.

कृषि निदेशालय के उपनिदेशक ने कहा कि 15 अगस्त तक राज्य के किसान धान रोपनी करते हैं. ऐसे में विभाग की नजर भी 15 अगस्त तक राज्य में धान एवं अन्य खरीफ फसलों के आच्छादन पर है. कृषि उपनिदेशक ने कहा 15 अगस्त के बाद राज्य भर में हुए आच्छादन की वास्तविक स्थित की जानकारी लेकर वैकल्पिक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों के जिला कृषि पदाधिकारियों को यह निर्देश दे दिए गए हैं कि 15 अगस्त के बाद बिना आच्छादन वाले खेतों में वैकल्पिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेंगे. मक्का, दलहन, तिलहन और मड़ुआ के बीज भी जिलों को उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने कहा कि विभाग की मंशा है कि खरीफ फसल के लिए 28 लाख हेक्टेयर में खेती का जो लक्ष्य रखा गया था उसके करीब पहुंचा जाए.

राज्य में सिर्फ 30 फीसदी धान आच्छादनः झारखंड में सामान्य से कम वर्षा की वजह से खेतों में धान की रोपनी के लायक पानी नहीं थी. पिछले कुछ दिनों में हुई अच्छी वर्षा से धान की रोपनी में तेजी आने के बावजूद धान का आच्छादन 30 प्रतिशत ही हुआ है. अभी तक के आंकड़े के अनुसार राज्य में 05 लाख 46 हजार 876 हेक्टेयर में धान रोपनी हुई है. वहीं सभी खरीफ फसलों को मिलाकर आच्छादन 10 लाख 51 हजार 462 हेक्टेयर में हुआ है, जो लक्ष्य का 37 फीसदी है. झारखंड राज्य में कुल खेती लगभग 28 लाख हेक्टेयर में की जाती है, उसमें 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. कम बारिश और खराब मौसम की वजह से इस वर्ष पूरी खेती की स्थिति बेहद खराब है.

Last Updated : Aug 8, 2023, 9:55 AM IST
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