ETV Bharat / state

रोड एक्सीटेंड का बढ़ता ग्राफ, ट्रॉमा सेंटर ना होने से हर साल होती है हजारों मौत

author img

By

Published : Feb 7, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Feb 8, 2021, 8:17 PM IST

झारखंड में लगातर सड़क हादसे हो रहे हैं. इस वजह से हर साल करीब 4 हजारों लोगों की मौत हो रही है. इसका मुख्य कारण घायलों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाना है. रांची के रिंग रोड और नेशनल हाइवे पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध नहीं है, जबकि यहां पर आए दिन करीब 60% से ज्यादा एक्सीडेंट होती है.

lack-of-health-facility-due-to-road-accidents-in-jharkhand
ट्रामा सेंटर नहीं रहने से हजारों लोगों की होती है हर साल मौत

रांची: झारखंड में सड़क हादसों की वजह से हर साल 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है, जिसका मुख्य कारण सड़क हादसों में घायल लोगों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाना है. अगर बात करें राजधानी की तो यहां हर साल एक हजार से ज्यादा लोग सड़क हादसों के शिकार हो जाते हैं, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ ऐसे घायल लोग होते हैं, जिन्हें अगर सही समय पर इलाज मिल जाए तो शायद उनकी जान बच जाती, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण नेशनल हाइवे और रिंग रोड पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं रहने के कारण लोगों की जान जा रही है.

देखें स्पेशल खबर

एक्सीडेंट जोन के क्षेत्र में भी नहीं है स्वास्थ्य केंद्र

रांची के रिंग रोड और नेशनल हाइवे की बात करें तो कहीं पर भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध नहीं है, जबकि यहां पर आए दिन करीब 60% से ज्यादा एक्सीडेंट होती है. राजधानी का एक्सीडेंट जोन कहे जाने वाले नामकुम, ओरमांझी और सिकिदिरी जैसे जगहों पर भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध नहीं है. इस वजह से घायल लोगों को राजधानी के अस्पतालों में लाना पड़ता है और कई बार उन्हें अस्पताल लाने में जाम जैसी समस्या से जूझना पड़ता है, जिसमें उनकी मौत हो जाती है.

ये भी पढ़ें-झामुमो ने कहा- किसानों के समर्थन में हाइवे चक्का जाम सफल, बजट सत्र में कृषि कानून वापस ले सरकार

नेशनल हाइवे पर नहीं है ट्रामा सेंटर की व्यवस्था

रोड सेफ्टी पर काम कर रहे रेशब कुमार बताते हैं कि झारखंड में सबसे ज्यादा सड़क हादसे रांची और जमशेदपुर में होती है और इसी शहर में ज्यादा मौत भी होती है. इसके बावजूद भी इन शहरों के रिंग रोड और नेशनल हाइवे पर कहीं भी ट्रॉमा सेंटर या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं बनाया गया है. रोड सेफ्टी पर काम कर रहे रेशब कुमार बताते हैं कि हाइवे और रिंग रोड पर एक्सीडेंट का मुख्य कारण जानवर, बालू और आसपास के लोग होते हैं, क्योंकि कई बार लोग बिना जानकारी के ही अचानक सड़क पार करने लगते हैं. ऐसे में अगर गाड़ी अत्यधिक स्पीड में होती है तो तुरंत ब्रेक लगाने से एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है.

इन कारणों से होती है दुर्घटनाएं

रेशब कुमार बताते हैं कि सड़क किनारे केटल फेंसिंग नहीं होने के कारण हाइवे पर कभी भी जानवर आ जाते हैं जो कि एक्सीडेंट का मुख्य कारण बनता है. नेशनल हाइवे की सही समय पर साफ सफाई भी दुर्घटना का एक कारण है. इससे हाइवे पर बालू जम जाता है, जिसमें गाड़ियां स्लिप करती है और एक्सीडेंट हो जाता है. इसके अलावा ड्राइविंग में लापरवाही जैसे फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाना, ओवरटेकिंग करना या फिर अत्यधिक स्पीड में चलना, यह सब एक्सीडेंट के महत्वपूर्ण कारण है, लेकिन अगर हाइवे और रिंग रोड पर समुचित संख्या में प्राइमरी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर होते तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी. झारखंड में इस तरह की व्यवस्था नहीं रहने के कारण राज्य के लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-कोडरमा: एसपी और डीसी का फेसबुक एकाउंट हैक, मैसेंजर के जरिए मांगे जा रहे पैसे

इलाज के लिए बेसिक सुविधाओं की जरुरत

रिम्स के ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज डॉ प्रदीप भट्टाचार्य बताते हैं कि बड़े-बड़े शहरों में सड़क हादसे में घायल लोगों की जान बचाने के लिए रेडिएशन सेंटर बनाया जाता है, जिसे हम ट्रॉमा सेंटर भी कह सकते हैं. यहां पर इलाज की बेसिक सुविधाएं मौजूद होती है अगर सड़क हादसे में कोई गंभीर घायल हुआ तो उन्हें त्वरित प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा का लाभ दिया जा सके. नेशनल हाइवे और रिंग रोड के पास बने प्राइमरी ट्रॉमा सेंटर में सीपीआर की सुविधा, हेड इंजरी में ब्लीडिंग रोकने की दवा, चेस्ट इंजरी या फिर शरीर का कोई अंग टूट जाए तो उसे तत्काल जोड़ने की सुविधाएं, बेसिक वेंटीलेटर और बेहतर एंबुलेंस सुविधा मौजूद होती है.

सड़क हादसों की मुख्य वजह

भट्टाचार्य बताते हैं कि नेशनल हाइवे और रिंग रोड पर सड़क हादसे का मुख्य वजह अत्यधिक गति और भारी भरकम गाड़िया होती है. ऐसे में इंसान को हेड इंजरी, चेस्ट इंजरी और हड्डियों के टूटने का ज्यादा डर रहता है. ऐसी स्थिति में जरूरी है कि घायल इंसान को त्वरित डॉक्टर के पास ले जाया जाए, ताकि उसे जरूरत के हिसाब से दवाई और इलाज मिल सके और जान बचाई जा सके. ईटीवी भारत की टीम ने जब हाइवे और रिंग रोड के किनारे के थानों में जाकर जानकारी ली.

पुलिसकर्मियों को भी हो रही परेशानी

पुलिसकर्मियों ने बताया कि सरकारी सुविधा और एंबुलेंस नहीं रहने की वजह से कई बार हमें पेट्रोलिंग गाड़ी पर ही घायलों को अस्पताल ले जाना पड़ता है. इस वजह से कई तरह की परेशानियां भी होती है. पेट्रोलिंग की गाड़ियों में घायल को ले जाने से एक तो हाइवे पर पेट्रोलिंग नहीं हो पाती है. सड़क हादसे में घायल होने वाले लोगों को उठाकर अस्पताल पहुंचाने में पुलिस कर्मियों का वर्दी भी प्रतिदिन गंदा होता है, जिसके लिए हमें विभागीय स्तर पर कोई सुविधा भी नहीं मिल पाता है, जबकि नियमानुसार हाईवे पर स्थित पुलिस थानों में मुकम्मल एंबुलेंस और कुछ ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति होनी चाहिए, जो कि समय-समय पर सड़क हादसे में घायल लोगों को हाइवे से उठाकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा सके, लेकिन राजधानी सहित राज्य के कई स्थानों पर इस तरह की सुविधा अभी भी उपलब्ध नहीं है.

ये भी पढ़ें-गिरिडीह में है 'बेवकूफ' की भरमार, सारे 'बेवकूफ'हो गए होशियार तो खुल गया 'महाबेवकूफ'

सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी

कुछ दिन पहले तक मेडिका अस्पताल और राज्य सरकार की मदद से राज्य के विभिन्न जिलों में घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए वाहन सुविधा दी जा रही थी, फिलहाल वह भी बंद हो गई है, जिससे सड़क हादसे में घायल लोगों को समय पर अस्पताल भी नहीं पहुंचाया जा पाता है. साल 2018 में सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या करीब 3 हजार 700 थी. साल 2019 में इसकी संख्या बढ़कर करीब 4 हजार हो गई. साल 2020 में यह संख्या 4 हजार के आंकड़े को भी पार कर गई. जो यह बताता है कि अभी भी राजधानी और राज्य के नेशनल हाइवे और रिंग रोड पर अस्पताल सुविधा नहीं होने के कारण सड़क हादसे में घायल होने वाले लोगों के मरने की संख्या लगातार बढ़ रही है.

सड़क हादसों में घायल लोगों का इलाज

ईटीवी भारत की टीम ने जब राजधानी के रिंग रोड और नेशनल हाइवे का जायजा लिया तो पता चला कि यहां कहीं भी सरकारी अस्पताल या प्राइमरी ट्रॉमा सेंटर नहीं बनाए गए हैं, जिससे सड़क हादसों में घायल लोगों का त्वरित इलाज हो सके. पूरे मामले पर राजधानी के सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद ने बताया कि इसको लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन सजग है. आने वाले समय में जल्द ही रिंग रोड नेशनल हाइवे पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जाएगा.

Last Updated : Feb 8, 2021, 8:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.