रांची: देश भर में मकर संक्रांति का पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का रिवाज है. इस त्योहार के मौके पर बाजारों में जहां तिल, गुड़, और तिलकुट की भरमार नजर आती है. वहीं दूसरी ओर रंग बिरंगी पतंग भी दुकानों पर सजी नजर आती है. राजधानी की बात करें तो पतंगों की दुकान पर एक से एक पतंग ग्राहकों की मांग पर बाजार में उतारे गए है. जिसे लोग खरीद भी रहे हैं.
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बाजारों में बढ़ी है पतंग की मांग
रांची के कर्बला चौक स्थित तालिब पतंग दुकान के मालिक बताते हैं कि रांची में पतंग का क्रेज धीरे-धीरे खत्म हो रहा था. बच्चे मोबाइल और डिजिटल संसाधनों से खुद को मनोरंजन कर रहे हैं जिससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास अच्छे से नहीं हो पा रहा है. लेकिन आज की तारीख की बात करें तो अब अभिभावक भी चाहते हैं कि उनके बच्चे पतंग के साथ खेलें जिससे उनका पूर्ण विकास हो सके. यही कारण है कि रांची में पतंगों की बिक्री बढ़ी है.
कोरिया के कपड़ों की पतंग
पतंग दुकानदार ने पतंगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस बार बाजार में कोरिया से कपड़े का पतंग आया है. जबकि हर वर्ष कागज और प्लास्टिक के पतंग आते थे. कपड़े के पतंग की कीमत 200 रुपये से 500 रुपये तक है जो लोग पतंग उड़ाने के शौकीन है वह इस पतंग को खूब खरीद रहे हैं. वही कोरोना का असर भी पतंग व्यापार पर दिख रहा है. लॉकडाउन में यह भी देखने को मिल रहा है कि जो लोग घर में है वह अपना समय पतंग उड़ा कर बिता रहे हैं ताकि वह खुद को स्वस्थ रख सकें.
बच्चों के बीच बढ़ी है पतंग की मांग
वहीं पतंग दुकान पर पतंग खरीदनें पहुंचे ग्राहक अपूर्व सिन्हा और हेमंत साहू बताते हैं कि अब पतंग का क्रेज फिर से युवाओं में देखने को मिल रहा है. नहीं तो मोबाइल और डिजिटल संसाधनों ने बच्चों में पतंग के प्रति रूझान समाप्त कर दिया था. इसीलिए हम लोग अपने बच्चों के लिए पतंग खरीद रहे हैं. ताकि वह पतंग उड़ा कर खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से विकसित रख सकें.