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रूपा तिर्की मौत मामला: सदन में सौंपी गई न्यायिक जांच रिपोर्ट, हत्या का नहीं मिला कोई साक्ष्य, पंकज मिश्रा को क्लीन चिट

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Published : Mar 24, 2022, 10:52 PM IST

Judicial inquiry commission report
Judicial inquiry commission report

साहिबगंज में तैनात महिला थानेदार रूपा तिर्की की मौत मामले में झारखंड विधानसभा में न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई. इस रिपोर्ट में पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्या के कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं.

रांची: साहिबगंज में तैनात महिला थानेदार रूपा तिर्की की मौत के मामले में हत्या के कोई साक्ष्य नही मिले हैं. झारखंड हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश वीके गुप्ता के अध्यक्षता में बनाई गई न्यायिक जांच की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है. गुरुवार को झारखंड विधानसभा में न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई. रिपोर्ट में बरहेट के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को भी क्लीनचिट दी है. हालांकि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई के द्वारा भी की जा रही है.

सभी को क्लीनचिट: जांच आयोग ने बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को भी क्लीनचिट दी है. रिपोर्ट में जिक्र है कि जांच के क्रम में पंकज मिश्रा के चार मोबाइल फोन के लोकेशन निकाले गए थे. लेकिन 20 अप्रैल से 3 मई 2021 तक पंकज मिश्रा का लोकेशन रांची में था. वहीं, रूपा तिर्की के मौत के बाद पंकज मिश्रा या पुलिस अधिकारियों के द्वारा प्रताड़ित करने की कोई पुष्टि नहीं हुई है. साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी को भी क्लीनचिट दी गई है.

रूपा तिर्की की खुदकुशी की वजह: सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश वीके गुप्ता के रिपोर्ट में जिक्र है कि रूपा तिर्की का अपने बैचमेट शिव कुमार कनौजिया के साथ प्रेम संबंध था. लेकिन दोनों के परिवारवाले उनके अलग जाति होने के कारण उनके खिलाफ थे और शादी के लिए तैयार नहीं हो रहे थे. इसे लेकर रूपा तिर्की और शिव कुमार कनौजिया में विवाद होता था. न्यायिक जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि प्रेम संबंधों के कारण ही रूपा तिर्की काफी तनाव में रहती थी, शिवा से शादी नहीं कर पाने की वजह से वह मानसिक तौर पर भी परेशान थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि 3 मई 2021 को रूपा की मौत के बाद बोरियो पुलिस ने तहकीकात शुरू की तब 28.55 मिनट की बातचीत का एक ऑडियो भी मिला. यह ऑडियो 21 अप्रैल 2020 का था. न्यायिक जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि दोनों के बीच घंटों बातचीत और कई टेक्स्ट मैसेज भी लगातार किए गए थे. जिससे उनके संबंधों के उतार चढ़ाव और तनाव की पुष्टि होती है.

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कोई दूसरी वजह नहीं: रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच के क्रम में न्यायिक आयोग ने साहिबगंज डीसी, एसपी, वहां के कई पुलिस अधिकारियों, रूपा तिर्की के बैचमेट, मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों समेत 18 लोगों की गवाही ली. इस दौरान कहीं से भी यह पुष्टि नहीं हुई कि किसी सरकारी कामकाज या दूसरी वजहों से रूपा तिर्की की मौत हुई हो. मौत की वजह सिर्फ शिव कुमार कनौनिया के साथ संबंधों को बताया गया है.

सीबीआई जांच जारी: वहीं दूसरी तरफ इस मामले में सीबीआई की जांच अभी भी जारी है. पुलिस की प्राथमिक अनुसंधान के आधार पर सीबीआई ने इस मामले में निलंबित और जेल में बंद दरोगा शिव कुमार कनौजिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया है. 9 मई को रूपा तिर्की का शव उनके साहिबगंज स्थित सरकारी आवास में फंदे से लटका हुआ मिला था. जिसके बाद साहिबगंज के जिरवाबाड़ी थाने में यूडी केस पुलिस ने दर्ज किया था. हालांकि परिजनों ने तब साहिबगंज के पंकज मिश्रा समेत अन्य पर रूपा तिर्की को प्रताड़ित करने और जान से मारने का आरोप लगाया था. तब जांच में पुलिस ने पुलिस ने पंकज मिश्रा, रूपा तिर्की की बैचमेट ज्योतना समेत अन्य की भूमिका संदिग्ध नहीं पायी थी. वहीं चाईबासा में पोस्टेड रूपा के कथित दोस्त और बैचमेट शिवकुमार कनौजिया को 24 अप्रैल 2021 की बातचीत के एक ऑडियो और कथित प्रेम संबंधों के बाद आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला मान जेल भेज दिया गया था.

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परिजनों के आग्रह पर हाईकोर्ट ने दिया था जांच का आदेश: रूपा तिर्की की मौत के बाद पिता देवानंद उरांव ने झारखंड हाईकोर्ट में पुलिसिया तफ्तीश पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के एक सितंबर के आदेश के आधार पर केस दर्ज किया है. सीबीआई पटना के स्पेशल क्राइम ब्यूरो के डीएसपी विश्वंभर दीक्षित के बयान पर सीबीआई ने दोबारा केस रजिस्टर कर मामले की जांच शुरू कर चुकी है. केस का अनुसंधान डीएसपी स्तर के अधिकारी पी गोइरोला कर रहे हैं.

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