रांची: सातवीं से दसवीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एक तरफ छात्र आंदोलनरत हैं, वहीं दूसरी ओर झारखंड लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा लेने की तैयारी शुरू कर दी है. JPSC इस बार 6 दिन के बजाय तीन दिन में ही सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा पूरी कराने की तैयारी कर रहा है. परीक्षा 28 से 30 जनवरी को राजधानी के कुल 14 केंद्रों में आयोजित की जाने की संभावना है. इसको लेकर झारखंड लोक सेवा आयोग के सचिव ने रांची डीसी को पत्र लिखा है. आयोग ने जिला प्रशासन को 7 दिसंबर तक परीक्षा केंद्रों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है. इसको लेकर मोरहाबादी बापू वाटिका में झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन की प्रेसवार्ता में सदस्यों ने कई सवाल उठाए.
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आंदोलन तेज करने की धमकी
इधर, JPSC की मुख्य परीक्षा की तैयारियों को देखते हुए छात्रों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. इस सिलसिले में मोरहाबादी में धरना दे रहे छात्रों ने 7 दिसंबर को छात्रों का महाजुटान आयोजित करने का निर्णय लिया है. साथ ही छात्र राज्यपाल न्याय गुहार यात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं, जिसके तहत झारखंड राजभवन के सामने महाधरना देंगे.
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन दे रहा धरना
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले मोरहाबादी बापू वाटिका में सातवीं से दसवीं JPSC EXAM RESULT में धांधली का आरोप लगाते हुए कई छात्र धरना दे रहे हैं. छात्रों ने इसे जेपीएससी परीक्षा महाघोटाला करार दिया है. इसके विरुद्ध आंदोलन कर रहे छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो और मनोज यादव ने कहा कि 19 सितंबर को हजारीबाग जिले में आयोजित सातवीं से दसवीं परीक्षा के द्वितीय पाली में क्वेश्चन पेपर लीक हुआ था, जिसका हमारे पास पुख्ता सबूत है.
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क्या गुम हो गई ओएमआर सीट
दोनों छात्र नेताओं का कहना है कि इसी का परिणाम है कि पीटी परीक्षाफल 4293 में सिर्फ हजारीबाग जिले से लगभग 700 अभ्यर्थी पास हुए हैं. यह गंभीर मामला है, इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही छात्रों ने कहा कि लोहरदगा और साहिबगंज जिले में सीरियल से पास होने वाले अभ्यार्थियों की ओएमआर सीट जेपीएससी ने गुम कर दी है. इस तरह यह शक और पुख्ता होता है कि जेपीएससी परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की गई है.आरोप है कि झारखंड गजट कंडिका 30 में वेबसाइट पर OMR अपलोड करने का नियम है और इसके स्पष्ट उल्लेख के बावजूद परीक्षाफल के 33 दिन बीतने के बावजूद आयोग OMR शीट अपलोड करने में अक्षम है.
छात्र नेताओं के सवाल
दोनों छात्र नेताओं ने यह भी कहा कि आदिम जनजाति का एक अभ्यर्थी 224 अंक लाकर फेल है, जबकि कट ऑफ 220 गया है. छात्र नेताओं ने सवाल किया कि इससे पूर्व आयोग को सौंपी गई ओबीसी वर्ग वन की कट ऑफ 252 अंक थी, फिर भी कैसे 230 अंक वाला अभ्यर्थी पास हो गया. इसका जवाब आज तक झारखंड लोक सेवा आयोग ने नहीं दिया है जबकि हर कैटेगरी के अनेक छात्र हैं जो कट ऑफ से ज्यादा अंक लाकर फेल है. जेपीएससी इसका भी जवाब देने में असमर्थ है.