साल 2021 नियुक्ति वर्ष में नहीं मिली नौकरी! युवाओं का हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

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Published : Jan 29, 2022, 5:25 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 6:19 PM IST

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झारखंड में नियोजन को लेकर हेमंत सरकार ने साल 2021 को नियुक्ति वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की थी. लेकिन साल 2021 नियुक्ति वर्ष में झारखंड के युवाओं को रोजगार नहीं मिला. इसको लेकर उन्होंने हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

रांचीः झारखंड सरकार ने 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित किया था. जिसमें यह उम्मीद की जा रही थी कि बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार मिलेगा. लेकिन साल 2021 नियुक्ति वर्ष में झारखंड के युवाओं को नई नियुक्ति तो नहीं मिली जो पुरानी नियुक्ति थी उन्हें भी रद्द कर दिया गया. इसको लेकर बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

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साल 2021 में झारखंड के युवाओं को रोजगार नहीं मिला. इसको लेकर झारखंड नियोजन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार यह बताया गया कि नियोजनालय में निबंधन की संख्या भी वर्ष 2021 में काफी कम हो गयी है. ईटीवी भारत की टीम ने जब राजधानी रांची के युवाओं से बात की तो सभी युवाओं ने एक स्वर में कहा कि वर्ष 2021 को कहीं से भी नियुक्ति वर्ष के रूप में नहीं मनाया जा सकता क्योंकि इस वर्ष युवाओं को कोई लाभ नहीं हुआ. झारखंड के बेरोजगार नौजवानों का यह दर्द तब सामने आया जब राज्य सरकार की घोषणा और जमीनी हकीकत में बड़ा फर्क देखने को मिल रहा है.

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रोजगार तलाश रहे अमर प्रभात बताते हैं कि झारखंड के युवाओं का दुर्भाग्य है कि वह इस राज्य में मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि पंचायत सचिव के पद पर परीक्षा देकर उतीर्ण हुए, सारी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी गयी. वहीं जेपीएससी की परीक्षा में हुई अनियमितता का शिकार हुए अभ्यर्थी सूरज कुमार बताते हैं कि सरकार के द्वारा बनाई गयी नियोजन नीति से युवाओं को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. इसीलिए वर्ष 2021 को विफलताओं का वर्ष कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जेपीएससी, जेएसएससी सहित विभिन्न परीक्षाओं में अनियमितताओं की वजह से छात्रों को नुकसान सहना पड़ता है. छात्रों ने झारखंड की नियोजन नीति सही नहीं बताया है.

छात्र नेता सोहेल अंसारी बताते हैं कि वर्तमान सरकार जिसे नियुक्ति वर्ष बता रही है वह पूरी तरह से निराधार है. क्योंकि वर्तमान में उन्हें कई छात्रों ने शिकायत की है कि पीएचडी के छात्रों को जो स्कॉलरशिप दिए जाते थे वह भी वर्तमान सरकार के द्वारा बंद कर दिया गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि नियुक्ति वर्ष के नाम पर सरकार सिर्फ अखबारों में अपना नाम कमा रही है, धरातल पर यह कहीं से भी नहीं दिख रहा है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेता दीनदयाल बर्णवाल बताते हैं कि यह सरकार सिर्फ वादाखिलाफी की सरकार है. उन्होंने जो भी युवाओं से वादा किया उसका एक प्रतिशत भी पूरा नहीं किया है. यह सरकार सिर्फ लोगों को बरगलाने का काम कर रही है.

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रांची नियोजन कार्यालय के सहायक निदेशक निशिकांत मिश्रा बताते हैं कि राज्य सरकार अपने विभिन्न विभागों के नियमावली को कैबिनेट के द्वारा लगातार स्वीकृति दे रही है. जिससे विभागों में नियमित रूप से बहाली निकाली जा सके. वहीं जेपीएससी की परीक्षा को भी नियमित करने की बात चल रही है अगर यह सभी सुचारू हो जाते हैं तो निश्चित रूप से राज्य में बड़े स्तर पर नियुक्ति दी जा सकती है और उसे नियुक्ति वर्ष के रूप में मनाया जा सकता है. कोरोना का हवाला देकर उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के कारण आई समस्याओं की वजह से चीजों को सही होने में समय लग रहा है. हालांकि युवाओं के आक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार ने मार्च तक का समय मांगा है.

Last Updated :Jan 29, 2022, 6:19 PM IST
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