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झारखंड पुलिस के रडार पर इनामी नक्सली, टॉप 10 नक्सली कमांडरों की लिस्ट तैयार

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Published : Jul 18, 2021, 10:42 PM IST

Updated : Jul 18, 2021, 11:23 PM IST

झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान (Campaign Against Naxalite) चला रही है. झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ अब नई रणनीति के तहत काम कर रही है. पुलिस अब अलग-अलग नक्सली संगठनों के टॉप 1 से 10 नक्सली कमांडरों को टारगेट कर रही है. झारखंड में वर्तमान में 143 इनामी नक्सली हैं.

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नक्सलियों पर निशाना

रांची: झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) नक्सलियों के खिलाफ नई रणनीति के तहत काम कर रही है. पुलिस अब अलग-अलग नक्सली संगठनों के टॉप 1 से 10 नक्सली कमांडरों को टारगेट (Naxalite Commanders) कर रही है. बड़े नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस जबरदस्त सूचना संकलन के काम में लगी हुई है.

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रडार पर इनामी
भाकपा माओवादियों और पीएलएफआई के खिलाफ बड़ी सफलताओं को लेकर झारखंड पुलिस उत्साहित है. सुरक्षाबलों ने 15 जुलाई को गुमला जिले के नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ क्षेत्र के जंगल में भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर 15 लाख इनामी बुद्धेश्वर को मुठभेड़ में मार गिराया, तो वहीं दूसरी तरफ 16 जुलाई की रात्रि खूंटी- चाईबासा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पीएलएफआई उग्रवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में 10 लाख का इनामी नक्सली शनिचर सुरीन मारा गया. अब राज्य के बड़े इनामी नक्सलियों को टारगेट कर पुलिस अभियान चलाने के रणनीति पर काम कर रही है.

झारखंड में वर्तमान में 143 नक्सली

झारखंड में वर्तमान में 143 इनामी नक्सली हैं. इन इनामी नक्सलियों में भाकपा माओवादी संगठन के चार पर तो एक करोड़ का इनाम है. वर्तमान में झारखंड में दो भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो मेंबर और तीन सेंट्रल कमेटी मेंबर हैं. प्रशांत बोस उर्फ किशन दास उर्फ मनीष और मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर पोलित ब्यूरो मेंबर हैं. दोनों पर एक करोड़ का इनाम है. वहीं असीम मंडल, पतिराम मांझी और मिथिलेश महतो सेंटल कमेटी मेंबर के तौर पर राज्य में सक्रिय हैं. राज्य पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी सेंट्रल और पोलित ब्यूरो मेंबर के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की गई है. ये कब-कब जेल गए, जेल जाने के बाद उनका जमानतदार कौन बना, परिवार के लोगों की संपत्ति समेत सभी पहलूओं पर जानकारी जुटाई जा रही है. वहीं माओवादियों के प्रोटेक्शन दस्ता में कौन कौन है, मूवमेंट की क्या स्थित है, इन पहलूओं पर भी पुलिसिया जानकारी जुटायई जा रही है.

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कौन कौन है टारगेट पर
भाकपा माओवादियों में सेंट्रल कमेटी मेंबर के अलावा सरायकेला- खरसांवा, चाईबासा और रांची ट्राइजंक्शन पर सक्रिय महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा, लातेहार- लोहरदगा में सक्रिय और बूढ़ापहाड़ के इलाके में कैंप कर रहा रवींद्र गंझू, नवीन यादव जैसे माओवादियों के अलावा खूंटी में सक्रिय पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप, टीपीसी सरगना ब्रजेश गंझू, टीपीसी के मुकेश गंझू, भीखन गंझू, आक्रमण उर्फ रविंद्र जैसे उग्रवादियों की सक्रियता पर भी पुलिस की नजर है. अलग-अलग जिलों में सक्रिय इन उग्रवादियों की गतिविधि को लेकर पुलिस ने रणनीति बनाई है.



सीआरपीएफ के साथ बेहतर समन्वय
राज्य में नक्सल अभियान को लेकर सीआरपीएफ के साथ बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है. सीआरपीएफ में लंबे समय तक आईजी झारखंड सेक्टर के तौर पर काम कर चुके संजय आनंद लाठकर को भी कैडर में वापसी के बाद एडीजी अभियान बनाया गया है. झारखंड पुलिस में उनके आने के बाद नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के साथ समन्वय बेहतर तरीके से स्थापित हुआ है. बेहतर समन्वय के कारण अभियान में तेजी तो आई ही है, सफलताएं भी मिली हैं.

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25 लाख का इनामी विमल संगठन छोड़ फरार
भाकपा माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले बूढ़ापहाड़ में संगठन को बड़ा झटका लग सकता है. जानकारी के अनुसार, बूढ़ापहाड़ इलाके में सक्रिय सैक सदस्य और 25 लाख का इनामी विमल उर्फ उमेश उर्फ राधेश्याम संगठन छोड़कर भाग गया है. चर्चा है कि संगठन से भागने के बाद विमल पुलिस के सामने सरेंडर कर सकता है. वह मुलरूप से बिहार के जहानाबाद के सलेमपुर करौना गांव का रहने वाला है. बताया जाता है कि सरेंडर के लिए वह सुरक्षा एजेंसियों के संपर्क में भी है.

भाकपा माओवादी संगठन के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं

जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से भाकपा माओवादी संगठन के अंदर कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हिसाब किताब में कुछ गड़बड़ी की वजह से संगठन ने विमल का हथियार छीनकर पर कुतरने का काम किया था. चर्चा है कि उसके बाद से ही वह शर्तों के साथ सरेंडर करने के लिए मानसिक रूप से तैयार है.

Last Updated : Jul 18, 2021, 11:23 PM IST
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