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रांची में झारखंड माइनिंग समिट का आयोजन, राज्यपाल रमेश बैस कार्यक्रम में हुए शामिल

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Published : Aug 20, 2022, 8:44 PM IST

Jharkhand Mining Summit in Ranchi
Jharkhand Mining Summit in Ranchi

रांची में Jharkhand Mining Summit का आयोजन किया गया. जहां बतौर मुख्य अतिथि Governor Ramesh Bais शामिल हुए. राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि पूरे देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा में झारखंड के लोग ज्यादा ग्लोबल वार्मिंग महसूस करते हैं. उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताई.

रांची: चैम्बर ऑफ कॉमर्स की पीएचडी शाखा द्वारा झारखंड माइनिंग समिट (Jharkhand Mining Summit) का आयोजन किया गया. राजधानी के होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित इस कार्यक्रम को राज्यपाल रमेश बैस ने संबोधित किया. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड के लोग अधिक ग्लोबल वार्मिंग (Global warming in Jharkhand) महसूस करते हैं. उन्होंने राजस्थान और गुजरात में आई बाढ़ की स्थिति का हवाला देते हुए जलवायु परिवर्तन पर जोर दिया.

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राज्यपाल ने संबोधन में क्या कहा: राज्यपाल ने वर्तमान और भविष्य में खनन के माध्यम से औद्योगीकरण की भूमिका पर बात की. उन्होंने खनन संसाधनों के लिए नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता महसूस करते हुए कहा कि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय खनन जैसे विभिन्न मंत्रालयों के कई विभागों में काम करने का अवसर मिला है. कॉमर्शियल रूप से झारखंड में हीरा उत्पादन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने आईएएस बी सिद्दीकी से झारखंड के पर्यावरण संरक्षण पर काम करने का आग्रह किया और साथ ही अवैध खनन पर अंकुश लगाने के तरीकों का सुझाव दिया.

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सुरक्षित माइनिंग पर खुलकर रखे गए विचार: माइनिंग समिट में राजकुमार पोड्डे ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए इस समिट के उद्देश्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि झारखंड की भूमि जंगली वन्यजीवों, ग्रामीणों और वहां रहने वाले जानवरों की है जो खनन करना नहीं जानते बल्कि जमीन का संरक्षण करना जानते हैं. वहीं पीएमयू कोयला मंत्रालय भारत सरकार के डॉ अनल कुमार सिन्हा ने कहा कि झारखंड कोयले के लिए प्रसिद्ध है लेकिन, इसके खनन के लिए प्राकृतिक संरक्षण को भी ध्यान रखना चाहिए. इस मौके पर उन्होंने माइनिंग पर एक छोटी सी प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत ईंधन, धातु, गैर-धातु, परमाणु और लघु खनिजों सहित 87 खनिजों का उत्पादन करता है. प्रजेंटेशन में भूमि अधिग्रहण की समस्याओं पर भी चर्चा की गई.

देश की जीडीपी में झारखंड में हो रहे खनन का बड़ा योगदान: कार्यक्रम में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सहायक उपाध्यक्ष बासुदेव गंगोपाध्याय ने खनन में प्रौद्योगिकी और नवाचार पर एक प्रस्तुति दी. उन्होंने माइनिंग टेक्नोलॉजी और भविष्य की खनन प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी दी. मेकॉन के एजीएम डीके खांडेकर ने कहा कि झारखंड राज्य के लिए खनन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश के जीडीपी में बड़ा योगदान देता है. उन्होंने झारखंड में खनन क्षमता को अनलॉक करने में चुनौतियां व अवसर और मेकॉन की भूमिका विषय पर प्रकाश डाला. मेकॉन लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सलिल कुमार ने खनन गतिविधियों से संबंधित आंकड़ें बताते हुए कहा कि खनन एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में 2.25% का योगदान करती है. हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष बीके झा ने खनन क्षेत्रों में अभिनव सीएसआर दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि झारखंड के कुछ हिस्सों में खनन क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्रों में विकसित किया जा रहा है, जिससे लोग माइनिंग को जानने लगे हैं.

झारखंड एक खनिज समृद्ध राज्य: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद ने झारखंड खनिज भंडार के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि झारखंड एक खनिज समृद्ध राज्य है, इसमें भारत के कुल खनिज संसाधनों का लगभग 40% है. उन्होंने सीसीएल और एनटीपीसी के सहयोग से अगले साल तक टंडवा और पतरातू में लगने वाले पावर प्लांट की जानकारी दी. इस मौके पर आईएफएस प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह ईडी डॉ संजय श्रीवास्तव ने कहा कि झारखंड में माइंस का बहुत योगदान है. वहीं खान सचिव एबी सिद्दीकी पी ने कहा कि झारखंड को भूमि संग्रहालय के रूप में जाना जाता है. खनन अर्थव्यवस्था को संतुलित करने का मामला है, विकास और पर्यावरण एक चुनौती है.

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