Jharkhand MTC News: खुशखबरी! अब बच्चों के साथ मां को भी मिलेगा पौष्टिक आहार, कुपोषण की लड़ाई में होगा कारगर

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Published : Apr 20, 2023, 7:56 PM IST

Updated : Apr 20, 2023, 8:06 PM IST

Jharkhand Malnutrition Treatment Center

झारखंड को कुपोषण मुक्त करने के लिए सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है. अब बच्चों के साथ मां को भी पौष्टिक आहार दिया जाएगा. रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद यह फैसला लिया गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

रांची: झारखंड में पांच वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए 96 MTC (कुपोषण उपचार केंद्र) चलाये जा रहे हैं. इन उपचार केंद्रों में हर साल करीब 10 हजार कुपोषित बच्चों को 15 से 30 दिनों तक रखकर उपचार किया जाता है. उन्हें स्पेशल आहार भी इस दौरान दिया जाता है. मुख्य रूप से आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर परिवार को. इसके लिए 130 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से परिवार को वेजेज भी दिया जाता है. अब बच्चों के साथ मां को भी पौष्टिक आहार के साथ अन्य सुविधाए मिलेंगी.

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बच्चे के साथ अब मां को ये सुविधा: अब झारखंड सरकार ने एक और पहल की है. कुपोषित बच्चों की मां को भी MTC (Malnutrition Treatment Center) में रहने के दौरान तक पौष्टिक आहार और आयरन फोलिक एसिड की गोली दी जाएगी. इससे बच्चे के साथ मां को भी कुपोषण और एनीमिया से लड़ने में मदद मिलेगी. सेंटर को लेकर स्वास्थ्य विभाग और रिम्स के PSM (Preventive & Social medicine) विभाग के संयुक्त रिसर्च में जो रिपोर्ट सामने आई है, वो चौकाने वाला है.

क्या कहती है रिसर्च की रिपोर्ट: जिन कुपोषित बच्चों को MTC में भर्ती कराया जाता है. उसमें आधे से अधिक बच्चे दो साल से कम के होते हैं. इतना ही नहीं इनमें से 53% गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे, गर्ल चाइल्ड हैं. साथ ही आदिवासी समुदाय के लिए कई तरह की सरकारी योजनाओं के बावजूद कुपोषण उपचार केंद्र पहुंचने वाले कुल बच्चों में से 56% अनुसूचित जनजाति और 17% अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं.

इस कारण माताओं को पौष्टिक आहार: रिम्स PSM विभाग की डॉ आशा किरण ने ईटीवी भारत को बताया कि राज्य के 96 MTC पर हर वर्ष करीब 10 हजार कुपोषित बच्चों का इलाज किया जाता है. रिसर्च में यह पाया गया कि MTC में अपने कुपोषित बच्चों को लेकर जो माताएं आती हैं, उनमें 94% माताएं खुद एनीमिक और कुपोषित होती हैं. ऐसे में इस बात की जरूरत समझा गई की बच्चों के साथ कुपोषित माताओं को पौष्टिक आहार और आयरन फोलिक एसिड की गोली दी जाएं. इससे हर वर्ष 09-9.5 हजार माताओं को कुपोषण मुक्त किया जा सकता हैं. इस कारण से अब MTC सेंटर पर माताओं को भी पौष्टिक आहार दिया जा रहा है.

कुपोषण और एनेमिया एक बड़ी समस्या: प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर झारखंड में गरीबी और कुपोषण एक बड़ी समस्या है. NFHS-5 (The National Family Health Survey-5) की रिपोर्ट बताती है कि तमाम प्रयास के बावजूद अभी भी राज्य में करीब 67% बच्चे और 65 % महिलाओं में खून की कमी है. वहीं 05 वर्ष तक बच्चों में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. NFHS-5 (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5) के आंकड़े के अनुसार ही राज्य में कुल 36 लाख 64 हजार बच्चों में से 15 लाख बच्चे कुपोषित (42%) हैं. वहीं करीब 03 लाख (9%) बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं.

Last Updated :Apr 20, 2023, 8:06 PM IST
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