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लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर बैकफुट पर सरकार, 22 सितंबर को कोरोना पर सदन में होगी विशेष चर्चा

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Published : Sep 18, 2020, 4:36 PM IST

झारखंड विधानसभा में मॉनसून सत्र शुरू हो गया है. सत्र के पहले ही दिन लैंड म्यूटेशन बिल को सदन में पेश करने की तैयारी की थी, लेकिन कार्यवाही के पहले दिन ही सरकार इसको लेकर बैकफुट पर दिखी. बिल को लेकर सीएम हेमंत ने कहा कि विचार के बाद ही राज्य सरकार किसी चीज को लाएगी.

Jharkhand government on backfoot regarding land mutation bill
झारखंड विधानसभा

रांची: झारखंड सरकार ने कैबिनेट से पास झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल को सदन में पेश करने की तैयारी की थी, लेकिन कार्यवाही के पहले दिन ही सरकार इसको लेकर बैकफुट पर दिखी. मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस में शामिल बंधु तिर्की ने इस बिल पर आपत्ति जताते हुए न सिर्फ सीएम को पत्र लिखा था, बल्कि आंदोलन की भी चेतावनी दी थी. दूसरी तरफ भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी इस बिल को लेकर हमलावर थे. उन्होंने इसे काला कानून करार दिया था.

जानकारी देते मंत्री और सीएम

शुक्रवार को मानसून सत्र के पहले दिन जब यह बिल सभा पटल पर नहीं आया तब इसको लेकर सवाल उठने लगे. कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हेमंत सोरेन से इस बिल के बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि विचार के बाद ही राज्य सरकार किसी चीज को लाएगी, इसे लोगों के सामने तभी रखा जाएगा जब सरकार पूरी तरीके से सही गलत का आकलन कर लेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड में कोरोना के हालात पर सदन में विशेष चर्चा का मुद्दा कार्य मंत्रणा समिति में उठा था, इस पर विशेष चर्चा को लेकर आम राय बनी है. किसानों से जुड़े तीन अध्यादेश को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मचे बवाल पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पता नहीं केंद्र सरकार की इस मंशा से नीति बनाती है, किसानों से जुड़े अध्यादेशों में अगर कोई खामियां हैं तो केंद्र सरकार को उस पर पुनर्विचार करना चाहिए. सदन में दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते वक्त सुशांत सिंह राजपूत के नाम का जिक्र नहीं किए जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि एक सत्र से दूसरे सत्र के बीच कई लोगों का निधन हो जाता है, सभी के प्रति संवेदना प्रकट की जाती है.

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वहीं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 22 सितंबर को कोविड-19 पर 1 घंटे की विशेष चर्चा होगी, लैंड म्यूटेशन बिल के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार से जनता की कई अपेक्षाएं और आकांक्षाएं हैं. उन्होंने कहा कि जब कभी ऐसा लगता है कि कोई मामला जनता के हित में नहीं है तो उसे रोका जाता है. इससे साफ है कि मानसून सत्र के दौरान झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल सदन पटल पर नहीं रखा जाएगा.

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