ETV Bharat / state

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट पर गरमाई राज्य की राजनीति, जेएमएम ने सांसद को कहा- मानसिक बीमार

author img

By

Published : Nov 14, 2022, 5:49 PM IST

झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम का नाम भी सियासी विवादों (Jharkhand Foundation Day Program Controversy) से जुड़ता जा रहा है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के पहले शामिल होने के कार्यक्रम थे लेकिन अब उसमें बदलाव से झारखंड की राजनीति गरमा गई है और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

Congress spokesperson Rakesh Sinha
राकेश सिन्हा झारखंड कांग्रेस प्रवक्ता

रांचीः 15 नवम्बर 2022 को झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम (Jharkhand Foundation Day Program Controversy) में अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल नहीं होंगी. राष्ट्रपति आदिवासी राज्य झारखंड आएंगी जरूर लेकिन राजधानी रांची से वे (President Draupadi Murmu) सीधे खूंटी के उलीहातु में धरती आबा बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पहुंचेंगी. यहां भगवान बिरसा मुंडा को जयंती पर श्रद्धांजलि देने और धरती आबा बिरसा मुंडा के वंशजों से मुलाकात के बाद वे जबलपुर के लिए रवाना हो जाएंगी. यही कार्यक्रम विवाद का विषय बनता नजर आ रहा है. भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने इस पर झारखंड सरकार पर तंज कसा तो उस पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.


ये भी पढ़ें-झारखंड स्थापना दिवस समारोह की तैयारी का जायजा लेने पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यक्रम में बदलाव और उनके मोरहाबादी में होने वाले राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर झारखंड सरकार पर तंज कसने पर अब कांग्रेस ने पलटवार किया है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए जनाधारविहीन नेता निशिकांत दुबे अनर्गल बयानबाजी और ट्वीट करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के दिन राज्य की जनता को कई सौगातें मिलने वाली हैं, ऐसे में अगर राष्ट्रपति कार्यक्रम में शामिल होतीं तो यह राज्य की जनता के लिए गौरव की बात होती.

राकेश सिन्हा का बयान


निशिकांत दुबे के ट्वीट में झारखंड सरकार को महिला और आदिवासी विरोधी बताने और इस वजह से राष्ट्रपति द्वारा कार्यक्रम से दूरी बना लेने संबंधी आरोप पर राकेश सिन्हा ने सवाल किया कि बलात्कारियों का स्वागत करने वाली पार्टी के नेताओं को महिला सम्मान की याद कैसे आ गई.

क्या है डॉ. निशिकांत दुबे के ट्वीट मेंः जो सरकार राष्ट्रपति पद की गरिमा, आदिवासियों के मान और महिलाओं की इज्जत को भी राजनीति के चश्मे से देखे, उस सरकार के कार्यक्रम में राष्ट्रपतिजी का नहीं जाना, यह दिखाता है कि राष्ट्रपति के लिए महिला और आदिवासियों का सम्मान सर्वोपरि है. हमें गर्व है कि देश ने एक मजबूत राष्ट्रपति चुना है.

जेएमएम ने क्या कहाः सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट पर जेएमएम ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. केंद्रीय समिति सदस्य हेमलाल मेहता ने निशिकांत दुबे के ट्वीट को मानसिक दिवालियापन का परिचायक बताया है. हेमलाल मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के शासनकाल में ही आदिवासियों का मान सम्मान बढ़ा है और उनको उनका हक मिल रहा है तो महिलाओं, राज्य की बेटियों का ध्यान भी UPA की सरकार रख रही है. ऐसे में राष्ट्रपति के कार्यक्रम में बदलाव को लेकर भी निशिकांत दुबे के राजनीतिक ट्वीट से साफ है कि वह मानसिक रूप में बीमार हो गए हैं और उन्हें रांची के CIP में भर्ती कराने की जरूरत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.