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झारखंड कांग्रेस जिलाध्यक्ष साक्षात्कार संपन्न, बिहार के पूर्व सीएम के पौत्र ने भी दिया इंटरव्यू

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Published : Jul 30, 2022, 10:31 PM IST

Updated : Jul 31, 2022, 10:02 AM IST

झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने रांची में जिला अध्यक्ष पद लिए नेताओं का इंटरव्यू लिया. इस दौरान पूर्व सीएम के पौते भी साक्षात्कार देने के लिए पहुंचे थे.

Jharkhand Congress in-charge Avinash Pandey visit to Ranchi
Jharkhand Congress in-charge Avinash Pandey visit to Ranchi

रांची: झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय का तीन दिवसीय रांची दौरा संपन्न हो गया. अपने रांची प्रवास के अंतिम दिन उन्होंने जहां 6 जिलों के जिला अध्यक्ष पद के लिए नेताओं का इंटरव्यू लिया, वहीं अंत में सभी डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, लोकसभा सांसद गीता कोड़ा, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो सहित कई नेताओं ने भाग लिया.

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इस अहम बैठक में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने सभी जिला संयोजकों को निर्देश दिया कि वह उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए निर्णय के आलोक में आजादी के 75वें वर्षगांठ पर देशभर में 09 अगस्त से निकलने वाली आजादी की गौरव यात्रा को सफल बनाने में जुट जाएं. उन्होंने कहा कि हर जिले और हर प्रखंड से यह यात्रा निकलेगी और 75 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. अविनाश पांडेय ने कहा कि "आजादी की गौरव यात्रा" के दौरान राष्ट्र के सामने मौजूद मुख्य चुनौतियां जैसे महंगाई, बेरोजगारी, विधि व्यवस्था, देश की आर्थिक खस्ताहाल स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर भी जनता को जागरूक करने की अपील करना है. अविनाश पांडे ने कहा कि 9 अगस्त से 14 अगस्त आजादी की गौरव यात्रा का आयोजन होगा. वहीं 15 अगस्त को राज्य मुख्यालय में एक बड़ा आयोजन किया जाएगा.

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अविनाश पांडेय ने कहा कि 06 अप्रैल से राज्य में संगठन सशक्तिकरण अभियान शुरू किया था और उन्हें खुशी है कि इस अभियान में अभी तक संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के कई काम हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 24 जिलों के 25 जिला इकाइयों के अध्यक्ष के चयन के लिए पहली बार पैनल के द्वारा साक्षात्कार लिया गया है ताकि हर जिले में योग्य जुझारू और बेहतरीन संगठनकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाकर पार्टी को और अधिक मजबूत किया जा सके. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि किसी तरह की भेदभाव साक्षात्कार में की गई है या योग्य लोगों को इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया. अविनाश पांडे ने कहा कि पिछले 4 महीनों में पार्टी के कार्यक्रमों में भागीदारी, सदस्यता अभियान में किए गए योगदान पार्टी के प्रति समर्पण, संगठन को एकजुट करके आगे बढ़ने की नेतृत्व क्षमता जैसे कई मांगों पर लोगों को परखा गया है और पैनल द्वारा अनुशंसित नाम आलाकमान को भेज जाएंगे, जिसके बाद जल्द ही राज्य में जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा हो जाएगी.


कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि जिन लोगों को इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया है इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस उन लोगों को नजरअंदाज कर रही है या उनकी जरूरत पार्टी को नहीं है, बल्कि उन्हें यह किस रूप में लेना चाहिए की वर्तमान समय में उनकी योग्यता जिला अध्यक्ष बनने के लिए तय मानक के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वैसे सभी नेता बढ़-चढ़कर पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लें. संगठन को मजबूत और धारदार बनाएं तथा बड़ी संख्या में समर्पित सदस्य बनाए तो निश्चित रूप से आने वाले दिनों में न सिर्फ कांग्रेस राज्य में और मजबूत होगी बल्कि उन्हें भी मौका मिलेगा.

राजनीति में वंशवाद और भाई-भतीजावाद के मुद्दे उठते रहते हैं तो इस पर राजनीति भी खूब होती है. परंतु इन सबके बीच कई बार ऐसे दृश्य या वाक्या सामने आ जाता है जो यह संदेश देता है कि अभी भी राजनीति में ऐसे लोग हैं जो अपने पूर्वजों के बताए रास्ते पर बेहद सादगी से चलने है. संभवतः पहली बार झारखंड कांग्रेस में जिलाध्यक्ष पद के लिए सुयोग्य व्यक्ति के चयन के लिए साक्षात्कार लिया गया. पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रभारी अविनाश पांडेय के नेतृत्व में इंटरव्यू लेने के लिए पूर्ण पैनल और सवाल थे तो कार्यालय के बाहर गहमागहमी से लेकर हंगामे तक का नजारा दिखा. परंतु इस सबके बीच पार्टी कार्यालय के पहले तल्ले पर जेपी सभागार जहां साक्षात्कार लिए जा रहे थे. उस हॉल के बाहर हाथ मे अपना बायो डेटा और गुलदस्ता लिए एक शख्स बेहद शांति और सादगी से अपनी बारी का इंतजार करता दिखा. जब ईटीवी भारत ने पता किया तो पता चला कि कोडरमा जिलाध्यक्ष के लिए चयन प्रक्रिया में भाग लेने आया वह व्यक्ति प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी, संविधान सभा के सदस्य रहे, श्रीकृष्ण बाबू के मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री रहे और बाद में बिहार के तीसरे मुख्यमंत्री बनें कृष्ण बल्लभ सहाय जिन्हें केबी सहाय के नाम से दुनिया जानती है उनके पौत्र मनोज सहाय पिंकू हैं.


दादा जी को बताया आदर्श: केबी सहाय के पौत्र मनोज सहाय पिंकू ने बताया कि वह जन्मजात कांग्रेसी हैं. उनके दादा जी केबी सहाय स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हुए, पिताजी और चाचा भी आजन्म कांग्रेस में रहे और वह भी जीवनभर कांग्रेस में ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि उनका यह सौभाग्य है कि उन्हें कांग्रेस के कई विंग में काम करने का मौका मिला है. अपने दादा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह बेहद कुशाग्र थे, आम जन के लिए उनकी चिंता रहती थी. मंत्री मुख्यमंत्री रहते वह फाइलों पर तत्काल फैसले लेते थे.


कांग्रेस आज इतनी कमजोर क्यों हो गयी है कि सवाल पर उन्होंने कोडरमा जिले का ही उदाहरण देते हुए कहा कि लगातार गठबंधन के तहत सीट छोड़ते छोड़ते पार्टी वहां कमजोर हो गयी, ऐसा ही अन्य जगहों पर हुआ है. उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेसी विचारधारा को मानने वालों की कमी नहीं है और कांग्रेस मजबूत हो सकती है.

मुख्यमंत्री का पोता होने के बावजूद इंटरव्यू देने क्यों आए: इस सवाल के जवाब में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे दिवंगत केबी सहाय के पौत्र ने कहा कि मैं पूर्व मुख्यमंत्री का पोता हूं, इसलिए ज्यादा जरूरी है कि मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिशा निर्देशों का पालन करूं, कोई यह न कहे कि मनोज सहाय, पूर्व मुख्यमंत्री का पोता है इसका उसे लाभ मिला है. इसलिए वह अन्य अभ्यर्थियों के साथ कोडरमा जिलाध्यक्ष के लिए रांची आये हैं. अब आलकमान अगर इस पद के लिए उन्हें योग्य मानेगा तब भी ठीक और नहीं तब भी कांग्रेस को मजबूत करने का ही काम करूंगा.

Last Updated : Jul 31, 2022, 10:02 AM IST
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