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Jharkhand Budget Session: झारखंड में ग्रामर पॉलिटिक्स, स्पीकर ने कहा- सचिवालय और राजभवन के अधिकारियों में विभेद क्यों, जताई नाराजगी

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Published : Feb 24, 2023, 6:05 PM IST

Updated : Feb 24, 2023, 6:36 PM IST

Jharkhand Budget Session
Speaker Rabindranath Mahato

झारखंड विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही 24 मार्च से शुरू होने वाली है. इससे पहले स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सभी दलों के नेताओं से सत्र के संचालन को लेकर बात की.

रवींद्रनाथ महतो, स्पीकर

रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. यह सत्र 27 फरवरी से 24 मार्च तक चलेगा. सत्र के संचालन को लेकर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सीएम समेत सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद अधिकारियों के साथ ही हाईलेबल मीटिंग की. इस दौरान सत्र के सुचारू रूप से संचालन को लेकर कई फैसले लिए गये. स्पीकर ने कहा कि सदन में उनके आसन की ऊंचाई की वजह से सीएम समेत कई माननीयों से फेस टू फेस मुखाबित होने में दिक्कत होती थी. इसको ध्यान में रखते हुए टेबल की ऊंचाई को कम कर दिया गया है.

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बैठक में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि सदन के भीतर गुंबद की ऊंचाई काफी है. इसके अलावा गुंबद में शीशे से नक्काशी की गई है जिसके टूटने की आशंका बनी रहती है. इसकी वजह से माननीयों को खतरा हो सकता है. इसको ध्यान में रखते हुए गुंबद के नीचे नेटिंग करने को कहा गया है. जब स्पीकर से यह पूछा गया कि मीटिंग के दौरान भाजपा और आजसू का कोई भी प्रतिनिधि क्यों नहीं आया तो उन्होंने इसपर कोई जवाब नहीं दिया.

24 मार्च की कार्यवाही में बदलाव संभव: स्पीकर ने कहा कि 24 मार्च को सरहुल पर्व की बात सामने आ रही है, लेकिन उस दिन सरकारी छुट्टी वाले कैलेंडर में इसका जिक्र नहीं है. लिहाजा, बोर्ड की परीक्षा की तिथि में भी बदलाव की बात सामने आ रही है. स्पीकर ने कहा कि 24 मार्च को ही बजट सत्र का अंतिम कार्यदिवस है. लिहाजा, राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कार्यमंत्रणा की बैठक में 24 मार्च के मसले पर चर्चा कर कोई निष्कर्ष निकाला जाएगा. स्पीकर ने कहा कि 24 मार्च की कार्यवाही को 25 मार्च के दिन शिफ्ट किया जा सकता है.

अधिकारियों के ग्रामर में त्रुटि क्यों: स्पीकर ने कहा कि विधानसभा से पारित कई विधेयक इस वजह से राजभवन ने लौटाएं हैं क्योंकि संबंधित विधेयक के अंग्रेजी और हिन्दी रूपांतरण में एकरूपता नहीं थी. इसपर नाराजगी जताते हुए स्पीकर ने कहा कि जो ग्रामर सचिवालय के अधिकारी पढ़ते हैं, वहीं ग्रामर राजभवन के अधिकारी भी पढ़ते हैं. फिर किसी भी विधेयक के हिन्दी और अंग्रेजी अनुवाद में गलतियां कैसे हो रही हैं. स्पीकर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए.

सात दिन पहले कॉपी कराएं मुहैया: स्पीकर ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि विधेयकों के सदन पटल पर रखे जाने से पहले उसकी प्रति सात दिन पूर्व विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराना है. अगर किसी विधेयक में संशोधन लाना है तो मूल अधिनियम और अद्यतन संशोधन की प्रति भी विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराना होगा. स्पीकर ने कहा कि माननीयों की शिकायत रहती है कि विधेयक की कॉपी उन्हें ससमय नहीं मिलती है, ताकि वह अध्ययन कर उसकी खामियों पर प्रकाश डाल सकें.

समय पर प्रश्नों के जवाब दें विभाग: स्पीकर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अकसर इस बात की शिकायत रहती है कि माननीयों को उनके प्रश्नों का जवाब ससमय नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि इस कमी को दूर करने के लिए अल्पसूचित प्रश्नों का उत्तर एक दिन पूर्व और 4 बजे अपराह्न तक उपलब्ध कराने को कहा गया है. स्पीकर ने कहा कि अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण सदन में बाधा उत्पन्न होती है. बैठक के दौरान ध्यानाकर्षण के उत्तर भी समय पर उपलब्ध कराने को लेकर चर्चा हुई.

Last Updated :Feb 24, 2023, 6:36 PM IST
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