संध्या टोपनो हत्याकांड: 20 जुलाई की रात क्या हुआ था तुपुदाना में, क्यों सवालों के घेरे में है रांची पुलिस, पढ़ें रिपोर्ट

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Published : Jul 21, 2022, 3:53 PM IST

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20 जुलाई की मध्य रात्रि 2 बजे के करीब तुपुदाना ओपी क्षेत्र के पुराना हुलहुंडु के पास ऐसा क्या हुआ था कि सब इंस्पेक्टर संध्या टोपनो को जान गंवानी पड़ गई. गोवंशीय पशुओं से लदी गाड़ी चलाने वाले को किसने पकड़ा. उस गाड़ी में और कौन सवार था , जिसे पुलिस ढूंढ रही है. अगर आप इस पूरे घटाक्रम को सिलसिलेवार पढ़ेंगे तो होश उड़ जाएंगे.

रांची: 20 जुलाई को तुपुदाना ओपी की सब इंस्पेक्टर संध्या टोपनो नाइट ड्यूटी पर थीं. उनके साथ हवलदार सिबल प्रसाद, आरक्षी ब्रजेश बड़ाइक और किशोर केरकेट्टा टाटा सुमो गाड़ी से रात्रि गश्त पर थे. पुलिस की गाड़ी को आरक्षी रसियन केरकेट्टा चला रहे थे. देर रात करीब 2 बजे तुपुदाना प्रभारी कन्हैया सिंह ने सब इंस्पेक्टर के मोबाइल पर फोन कर बताया कि तेज रफ्तार एक पिकअप वैन (नंबर - JH01-EJ-7501) बसिया, कामडारा और तोरपा पुलिस की घेराबंदी को तोड़ते हुए कर्रा के रास्ते तुपुदाना की तरफ आ रही है. उस गाड़ी का पीछा तोरपा और बसिया की पुलिस टीम कर रही है.

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लीड मिलते ही संध्या टोपनो एक्टिव हो गईं. उन्होंने पुराना हुलहुंडा के पास सड़क किनारे पुलिस गाड़ी को खड़ा कर घेराबंदी की तैयारी शुरू की. इसी बीच कर्रा की तरफ से तेज रफ्तार एक गाड़ी आती दिखी. संध्या टोपनो ने चालक को गाड़ी रोकने का इशारा किया लेकिन चालक ने टारगेट कर जान मारने की नीयत से अपनी स्टेयरिंग पुलिस पार्टी की तरफ घूमा दिया. संध्या कुछ समझ पातीं, तबतक पिकअप वैन उनको अपने चपेट में ले चुका था. इस दौरान पास खड़े अन्य जवानों ने आगे की ओर छलांग लगाकर अपनी जान बचाई. जबतक पुलिस पार्टी संभलती तबतक पिकअप वैन चालक संध्या टोपनो को रौंदकर तेज गति से आगे निकल चुका था. फौरन पुलिस पार्टी ने तुपुदाना प्रभारी कन्हैया सिंह को फोन पर घटना की जानकारी दी और संध्या टोपनो को लेकर रिम्स पहुंचे. लेकिन रिम्स के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

अपने पदाधिकारी की मौत की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को फोन पर देने के बाद वही पुलिस पार्टी तुरंत घटनास्थल के लिए लौटी. रास्ते में देखा कि संध्या को कुचलने वाली पिकअप वैन रिंग रोड पर पलटी हुई है. आसपास 8-10 गोवंशीय पशु जख्मी हालत में खड़े थे. जबकि पिकअप वैन के चालक को तोरपा और बसिया पुलिस ने पकड़ रखा था. गिरफ्तार चालक की पहचान रांची के सिकिदरी निवासी नेजार खान के रूप में हुई है. उसने पुलिस को बताया कि घटना के वक्त पिकअप वैन का मालिक साजिद भी गाड़ी में था. लेकिन गाड़ी के पलटते ही वह खेत के रास्ते भाग निकला. साजिद तपकरा का रहने वाला है. इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि पशु तस्करों ने जान मारने की नीयत से संध्या पर गाड़ी चढ़ायी थी.

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रांची पुलिस की बैकअप टीम कहां थी: सबसे बड़ा सवाल यह है कि रांची के तुपुदाना इलाके में एक दारोगा को रौंदते हुए पशु तस्कर भाग निकले लेकिन रांची पुलिस कुछ नहीं कर पाई. अगर बैकअप टीम होती तो पशु तस्कर रांची पुलिस के हत्थे चढ़ते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अच्छी बात यह रही है कि तोरपा और बसिया की पुलिस टीम पशु तस्करों का लगातार पीछा कर रही थी. इसी वजह से रांची के रिंगरोड पर पशु तस्करों को पकड़ा जा सका. अगर उन दो थानों की टीम पीछे नहीं आई होती तो पशु तस्कर फरार हो गये होते.

कौन-कौन सी लगायी गई है धारा: इस हत्याकांड मामले में दर्ज प्राथमिकी में आरोपियों पर आईपीसी की धारा 353, 302, 34 के अलावा पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(a)(b)(d)(e) लगाई गई है. साथ ही बिहार प्रजर्वेशन एंड इंप्रुवमेंट ऑफ एनिमल एक्ट, 1955 की धारा 4 (b) और झारखंड बोवाइन एनिमल प्रोहिबिशन ऑफ स्लॉटर एक्ट, 2005 की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

सबसे खास बात यह है कि पशु तस्करों को रोकने के लिए दारोगा संध्या टोपनो को अपनी जान का आहूति देनी पड़ी. देर रात निष्ठा के साथ उन्होंने जिस तरह से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए, वह कम है. 2018 बैच की दारोगा शहीद संध्या टोपनो को ईटीवी भारत का सलाम.

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