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नियोजन नीति को लेकर उठे विवाद पर डैमेज कंट्रोल करने में जुटी हेमंत सरकार, मंत्री-विधायकों को मिला जिम्मा

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Published : Apr 5, 2023, 9:47 PM IST

controversy over planning policy
controversy over planning policy

हेमंत सोरेन सरकार को लगने लगा है कि नियोजन नीति को लेकर छात्रों में जो नाराजगी है, वह भारी पड़ सकता है. इसलिए डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू हो गई है.

रांची: नियोजन नीति में संशोधन कर छात्रों के साथ साथ विपक्ष के निशाने पर इन दिनों हेमंत सरकार है. सरकार के द्वारा बार-बार यह भी संकेत दिया जा रहा है कि नियोजन नीति में संशोधन तात्कालिक व्यवस्था है जिसके तहत नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू की गई है. सरकार के इस संकेत को सत्तारूढ़ दल के नेता छात्रों के आंदोलन से होने वाले डैमेज को रोकने के लिए एक ढाल के रूप में मान रहे हैं. इन सबके बीच छात्रों के द्वारा आगामी 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास और 10 अप्रैल को झारखंड बंद की घोषणा कर सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है.

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भविष्य में इससे होने वाले राजनीतिक नफा नुकसान को लेकर सत्तारूढ़ दल के अंदर मंथन चल रहा है. जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा झारखंड बंद को टालने के लिए कुछ मंत्री और विधायकों को विशेष रुप से जिम्मेदारी दी गई है और यह भी कहा गया है कि छात्र संगठनों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जाए. इसके अलावे 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियोजन नीति को लेकर सरकार द्वारा पिछले दिनों उठाए गए कदम और फैसले को प्रभावी ढंग से राज्य की जनता को बताने का अभियान चलाने का भी सत्तारूढ़ दल के द्वारा योजना बनाई जा रही है. विधानसभा से इस संबंध में पास बिल केंद्र के पास होने की वजह से झारखंड के युवाओं को उनके मूल अधिकार से अभी तक वंचित रहना पड़ा है इसे प्रमुखता से उठाते हुए केंद्र सरकार पर भी दवा बनाने की योजना बनाई जा रही है.

कैबिनेट की बैठक पर छात्रों की है नजर: सरकार पर नियोजन नीति के मुद्दे पर दबाव बनाने की कोशिश में जूटे विभिन्न छात्र संगठनों की नजर गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक पर भी है. उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकार के द्वारा कैबिनेट की बैठक में छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए जरूर कुछ बड़ा फैसला लिया जाएगा. हालांकि छात्र नेताओं का मानना है की विधानसभा घेराव से पहले जिस तरह से छात्रों को बरगलाने की कोशिश सरकार के द्वारा की गई वह इस बार नहीं होगा. राज्यभर के छात्र संगठित हैं और विधानसभा घेराव के दौरान हमने अपनी ताकत का एहसास सरकार को करा दिया है. यदि 60/40 का फार्मूला सरकार वापस नहीं लेती है तो 8 अप्रैल को सीएम आवास घेराव के दौरान ही पता चल जाएगा की 10 अप्रैल को झारखंड बंद कैसा होगा.

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