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झारखंड में अंडे का फंडाः सरकारी स्कूलों में मिलेगी अंडा करी, बच्चे उत्साहित, कितना सच-कितना फसाना, देखें रिपोर्ट

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Published : Jan 19, 2023, 5:03 PM IST

Egg curry will be served in government schools
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झारखंड के बच्चे अब पहले से ज्यादा स्वादिष्ट खाना खाएंगे. स्कूलों में मिलने वाला मिडडे मील पहले से ज्यादा स्वादिष्ट होगा. सरकार की नई योजना के तहत अब स्कूलों में एक दिन अंडा करी परोसी जाएगी.

के रवि कुमार, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग

रांचीः झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में एक दिन उबले अंडे की जगह अंडा करी मिलेगी. एमडीएम को और लजीज बनाने के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने साप्ताहिक मेन्यू में आंशिक संशोधन किया है. इस बाबत 11 जनवरी को ही आदेश पारित हो गया है. यह व्यवस्था अगले सोमवार यानी 23 जनवरी से लागू हो जाएगी.

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यही नहीं मंगलवार के मेनू में 'सलाद' और गुरूवार के मेनू में 'चोखा' जोड़ दिया गया है. इ स बदलाव से सरकारी स्कूलों के 8वीं तक के बच्चे बेहद एक्साइटेड हैं. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने जगरनाथपुर स्थित मिडिल स्कूल के बच्चों से बात की तो उनकी खुशी देखते बन रही थी. बच्चों ने शिक्षा विभाग की इस पहल का स्वागत किया. उन्होंने माना कि उबले अंडे की तुलना में अंडा करी ज्यादा स्वादिष्ट होता है. उसके साथ ज्यादा चावल खाया जा सकता है.

खास बात है कि सोमवार या शुक्रवार को अवकाश रहने पर अगले विद्यालय दिवस पर अंडा और फल वितरित किया जाएगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के.रवि कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बच्चों को अंडा करी सर्व करने का सुझाव दिया था. इसपर शिक्षा मंत्री का अनुमोदन मिलने के बाद सभी जिलों को निर्देशित कर दिया गया है.

जानकारी देते ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह

लेकिन इस व्यवस्था का दूसरा पहलू चिंता पैदा करता है. हमारी टीम जिस स्कूल का मुआयना करने गई, वहां एमडीएम तैयार कर रही नौ रसोईयां इस बात से दुखी थीं कि उन्हें पांच माह से मानदेय नहीं मिला है. इससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है. फिर भी रसोईया दीदीयों ने कहा कि अगले सोमवार से बच्चों को स्वादिष्ट अंडा करी परोसा जाएगा.

औसतन कितने बच्चों को होगा फायदाः झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. इससे निपटने के लिए ही एमडीएम में अंडा सर्व करने की व्यवस्था शुरू की गई है. झारखंड में कक्षा 1 से 8 तक करीब 41 लाख बच्चे नामांकित हैं. अनुमान के मुताबिक हर दिन 60 से 65 प्रतिशत बच्चे स्कूलों में पहुंचते हैं. इस हिसाब से हर दिन करीब 25 से 28 लाख बच्चों के बीच एमडीएम का वितरण होता है. खास बात है कि एमडीएम का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है. लेकिन झारखंड में अंडा वितरण का काम राज्य सरकार अपने फंड से करती है.

झारखंड में सरकारी स्कूलों की संख्याः झारखंड में कक्षा 1 से 8 तक के 11553 स्कूल हैं. कक्षा 1 से 5 तक के 21183 स्कूल, कक्षा 1 से 10 तक के 1386 स्कूल, कक्षा 1 से 12 तक के 233 स्कूल, कक्षा 6 से 8 तक के 12 स्कूल, कक्षा 6 से 10 तक के 60 स्कूल और कक्षा 6 से 12 तक के 420 स्कूल हैं. इस लिहाज से कुल 34,355 जगहों पर प्राइमरी स्कूल संचालित हैं. जबकि 13,644 जगहों पर कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई हो रही है.

सप्ताह में पांच दिन कब मिलेगा अंडाः राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने एमडीएम को स्वादिष्ट बनाने के लिए एक अच्छी पहल तो जरूर की लेकिन सप्ताह में पांच दिन तक अंडा बांटने की बात अभी भी अधर में लटकी हुई है. खास बात है कि इस मसले पर 14 सितंबर 2022 को कैबिनेट में फैसला हो चुका है. मुख्यमंत्री की पहल पर प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्याह्न भोजन) योजना के तहत स्कूली बच्चों को पूरक पोषाहार के रूप में सप्ताह में पांच दिन अंडा, फल या दूध देने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया था, जो अबतक लागू नहीं हो पाया है. विभागीय सचिव ने बस इतना कहा कि कहा कि इस दिशा में काम चल रहा है. सबसे खास बात है कि 25 जनवरी 2016 से बच्चों के बीच तीन दिन उबला अंडा वितरित किया जाता था. लेकिन साल 2019 में तीन दिन की जगह दो दिन कर दिया गया. अब पांच दिन की बात हो रही है जो फाइलों में अटकी पड़ी है.

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