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राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए कार्यप्रणाली में गति लाने की नितांत आवश्यकता: राज्यपाल रमेश बैस

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Published : Nov 5, 2022, 6:59 AM IST

राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं जिसकी समीक्षा राज्यपाल रमेश बैस ने की (Governor Reviews Reforms in Higher Education Sector). इस बैठक में राज्यपाल ने अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश दिए.

Governor Reviews Reforms in Higher Education
Governor Reviews Reforms in Higher Education

रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने विश्वविद्यालयों की विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए किए जा रहे कार्यों की शुक्रवार को समीक्षा की (Governor Reviews Reforms in Higher Education Sector). समीक्षा बैठक के दौरान शिक्षा विभाग से आए विभिन्न अधिकारियों और पदाधिकारियों से कहा कि राज्य के उच्च शिक्षा में विकास के लिए कार्यप्रणाली में गति लाने की नितांत आवश्यकता है.


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कौन कौन रहा शामिल: बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा, राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राहुल पुरवार, उच्च और तकनीकी शिक्षा के निदेशक सूरज कुमार समेत शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारीगण और पदाधिकारी मौजूद रहे.

दिव्यांग आरक्षण पर जोर देने को कहा: राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने बैठक में सहायक प्रध्यापकों की नियुक्ति में दिव्यांग व्यक्तियों को दिए जा रहे आरक्षण पर चर्चा करते हुए कहा कि विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगों को चार प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग को दिव्यांगों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने के बारे में सोचने की आवश्यकता है जिससे कि उनकी बैकलॉग पदों पर नियुक्ति हो सके. वहीं उन्होंने झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया की भी जानकारी प्राप्त की.

घंटी आधारित शिक्षकों पर बात: राज्यपाल ने राज्य में घंटी आधारित शिक्षकों के संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विभिन्न विषयों में विद्यार्थियों के अनुपात शिक्षकों की उपलब्धता हो ताकि शिक्षकों को अधिक से अधिक शिक्षण के अवसर प्राप्त हो सके. वहीं उन्होंने घंटी आधारित शिक्षकों के प्रति घंटे मानदेय में वृद्धि के संदर्भ में भी चर्चा की. साथ ही उन्होंने बताया कि भविष्य में घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति ना की जाए.

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