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खेती कर मिसाल बने व्यवसायी पिता-पुत्र, लोगों को दिखाई रोजगार की नई राह

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Published : Nov 13, 2022, 1:00 PM IST

Updated : Nov 13, 2022, 1:34 PM IST

Farming in Giridih
Farming in Giridih

गिरिडीह में एक व्यवसायी अपने पुत्रों के साथ न सिर्फ मवेशियों के चारा की खेती कर रहे हैं बल्कि किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित भी कर रहे (businessman doing farming in Giridih) हैं. सात वर्षों से वे नई फसलों का उत्पादन कर शहर और उससे सटे इलाके में नई मिसाल भी पेश कर रहे हैं.

गिरिडीह: मवेशियों को हरा चारा मिले और किसान को जैविक खाद मिल सके इसके लिए गिरिडीह शहर का एक व्यवसायी दीपक सिन्हा (Businessman Deepak Sinha of Giridih) अपने शिक्षित पुत्रों के साथ खेती कर रहे हैं. पिछले सात वर्षों से खेती में जुटा यह परिवार अपनी मेहनत से खेती में नया आयाम लिखकर लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं (businessman doing farming in Giridih). शहर के राजेंद्र नगर में रहनेवाले दीपक सिन्हा और उनके पुत्र दीपक राजदीप इस कार्य में 24 घंटे का समय दे रहे हैं. दीपक के दो अन्य पुत्र कुमार विवेक और अभिषेक सिन्हा भी खेती को बढ़ावा देने वाले इस कार्य में पूरा सहयोग कर रहे हैं.



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पशुपालन से लेकर जैविक खाद का उत्पादन: किराना स्टोर समेत अन्य तरह के व्यवसाय से जुड़े दीपक सिन्हा का रूझान वर्षों से खेती की तरफ रहा था. सात आठ वर्ष से वे व्यवसाय के साथ पशुपालन और खेती में कूदे. जहां गौ पालन शुरू कर लोगों को शुद्ध दूध उपलब्ध करवाया. वहीं मवेशियों को हरा चारा मिले, इसे लेकर स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न के साथ साथ विभिन्न तरह के हरा चारा की खेती भी शुरू की. इतना ही नहीं वर्मी कपोष्ट और केंचुआ खाद भी बनाना शुरू किया. इन खादों को बनाने में लगनेवाला गोबर भी अपने ही डेयरी का उपयोग में लाने लगे.

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स्वीट कॉर्न के लिए किसानों को भी किया जागरूक: स्वीट कॉर्न के उत्पादन से हो रहे मुनाफा को देखते हुए दीपक सिन्हा ने कई किसानों को इस फसल को लगाने के लिए प्रेरित किया. कई किसानों को बीज उपलब्ध कराने से लेकर उनकी फसल को उचित दाम देने का भी काम इन्होंने किया.



फसल के साथ मिलता है चारा: दीपक सिन्हा बताते हैं कि स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की डिमांड बाजार में काफी अधिक है. उनके द्वारा उत्पादित किये गए फसल की खपत रिलायंस स्मार्ट में भी होता है. इतना ही नहीं इन फसलों के उत्पादन के बाद जो अवशेष बचता है उसका उपयोग मवेशियों के चारा में भी किया जाता है. ऐसे में इन फसलों का दोहरा लाभ किसानों को मिलता है. यह भी बताते हैं कि जब से वे इस चारा व कॉर्न की खेती कर रहे हैं, तब से डिमांड को पूरा नहीं कर सके हैं. चूंकि, उनके उत्पाद गिरिडीह के अलावा धनबाद, बोकारो, देवघर तक जाता है, ऐसे में डिमांड भी काफी है.



जैविक खाद की भी खूब डिमांड: दीपक बताते हैं कि उन्होंने वर्मी कम्पोष्ट के साथ केंचुआ खाद का उत्पादन शुरू किया. इसके उपयोग से जहां किसानों को बेहतर उपज मिलता है. वहीं खेत की मिट्टी को भी नुकसान नहीं पहुंचता है. अभी उनके यहां बनाये जानेवाले इस खाद की डिमांड काफी अधिक है. माली के अलावा किसान भी इस खाद को खरीद रहे हैं.



पढ़ाई के तुंरत बाद शुरू की खेती: दीपक सिन्हा के छोटे बेटे दीपक राजदीप ने कार्मेल और सीसीएल डीएवी के अलावा गिरिडीह कॉलेज से पढ़ाई की है. बीकॉम तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद राजदीप ने खेती को अपना कैरियर चुना. खेती और पशुपालन के काम में पिता का हाथ बटाना शुरू किया. राजदीप बताते हैं कि अभी शहर के राजेन्द्र नगर में हरा चारा की खेती करने के अलावा जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है. डांडीडीह में गौ पालन, हरा चारा के साथ साथ जैविक खाद उत्पादित करने का काम वे लोग कर रहे हैं. इसी तरह उदनाबाद में स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, हरा चारा के साथ साथ मछली पालन का काम किया जा रहा है. अजीडीह में भी हरा चारा के साथ धान की उत्तम फसल लगायी गयी है.

कई लोगों को दिया है रोजगार: राजदीप ने बताया कि खेती और पशुपालन में अभी 24-25 लोगों को रोजगार दिया गया है. बताते हैं अप्रत्यक्ष रूप से कई अन्य लोगों को रोजगार देने का काम उनके पिता और उसके द्वारा किया जा रहा है. यह भी बताया कि उसके भैया कुमार विवेक बीबीएम और अभिषेक सिन्हा एमबीए की पढ़ाई कर चुके हैं. दोनों भाई व्यवसाय देखते हैं इसके अलावा खेती में भी सहयोग करते हैं. जबकि खेती का सारा हिसाब बहन दीपिका सिन्हा रखती है. दीपक सिन्हा कहते हैं कि खेती पर लोग ध्यान दे तो लोगों का हेल्थ भी ठीक रहेगा और बेहतर रोजगार भी मिलेगा.

Last Updated :Nov 13, 2022, 1:34 PM IST
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