रांची: राजधानी रांची के खेल गांव स्थित टिकैत उमराव शूटिंग स्टेडियम में खिलाड़ियों ने अपने गुरु विभूति प्रसाद सिंह के निधन पर शोक जताया (Disciples Grief on Death of Vibhuti Prasad Singh in Ranchi). वह उदास मन के साथ शूटिंग की प्रैक्टिस करते हुए दिखे. खिलाड़ियों ने कहा कि विभूति प्रसाद सिंह के निधन की सूचना मिलने के बाद किसी को भी निशानेबाजी के लिए बंदूक उठाने का मन नहीं कर रहा है.
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विभूति प्रसाद सिंह के निधन पर शोक: 28 अक्टूबर को विभूति प्रसाद सिंह का निधन हो गया था. लेकिन अगले माह नवंबर में होने वाले 65वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप (65th National Championship of Shooting) के लिए तैयारी करना जरूरी है. क्योंकि भोपाल और केरला में आयोजित होने वाले इस मैच को जीतने का सपना उनके गुरु विभूति प्रसाद सिंह (National Shooter Vibhuti Prasad Singh) का भी था. इसलिए सभी छात्र उदास मन से ही प्रैक्टिस करने के लिए बंदूक उठाने शूटिंग रेंज में पहुंचे हैं.
विभूति प्रसाद के शिष्य दुखीः विभूति प्रसाद से ट्रेनिंग ले रहे नेशनल शूटर राघवेंद्र प्रसाद बताते हैं कि नवंबर और दिसंबर में केरल व भोपाल में होने वाले निशानेबाजी की नेशनल चैंपियनशिप में उनके गुरु विभूति प्रसाद सिंह भी हिस्सा लेने वाले थे. लेकिन दुर्भाग्य से वह अब हमारे बीच नहीं रहे. ऐसे में हम छात्रों का यह फर्ज बनता है कि भोपाल और केरल में होने वाले नेशनल चैंपियनशिप का कप झारखंड की झोली में डालें और यही हम छात्रों की अपने गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
विभूति प्रसाद का निधन अपूर्णीय क्षति: वॉलीबॉल खिलाड़ी और विभूति प्रसाद के सहयोगी राजेश कुमार बताते हैं कि उन्हें यह यकीन ही नहीं हो रहा है कि अपने एक हाथ से किसी भी निशाने को भेद देने वाला जवान आज उनके बीच नहीं है. विभूति प्रसाद सिंह सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि देश के लिए भी अपूर्णीय क्षति है. क्योंकि निशानेबाजी में विभूति प्रसाद सिंह के हुनर की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही होगी.
वहीं उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर उन्हें हर संभव मदद करने का प्रयास किया जा रहा है और उनके सभी सहयोगी और छात्र यह उम्मीद कर रहे हैं कि विभूति प्रसाद सिंह के योगदान को देखते हुए राज्य सरकार उनके पीछे छूटे परिवार के देखरेख के लिए जरूर मदद करेगी. विभूति प्रसाद सिंह से निशानेबाजी सीखने वाले छात्रों ने मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.