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fake extortion in Ranchi: बड़े गैंगस्टर्स, उग्रवादी संगठनों के नाम पर मांगी जा रही फेक रंगदारी, पुलिस लगातार कर रही कार्रवाई

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 13, 2023, 8:03 PM IST

fake extortion in Ranchi
fake extortion in Ranchi

रांची में फेक रंगदारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. छोटे अपराधी कुख्यात गैंगस्टर्स के नाम पर कारोबारियों से रंगदारी मांग रहे हैं. पुलिस की जांच में ऐसे कई मामलों का खुलासा हुआ है. पुलिस इस पर लगाम लगाने के लिए लगातार जांच कर कार्रवाई कर रही है.

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रांची: राजधानी में फेक रंगदारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. बड़े गैंगस्टर्स, टीपीसी और पीएलएफआई जैसे उग्रवादी संगठनों के नाम पर छोटे अपराधी भी रंगदारी मांग कर दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. कई मामलों में तो जिस व्यक्ति से रंगदारी मांगी गई उसमें आरोपी उनके नजदीकी ही निकले हैं, जिन्होंने लालच में आकर रंगदारी मांगी और सलाखों के पीछे भी पहुंच गए.

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क्या है पूरा मामला: अमन साव, अमन सिंह, अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, टीपीसी और पीएलएफआई ये वैसे नाम हैं, जिनके नाम पर अगर किसी कारोबारी को धमकी भरा कॉल आ जाए तो सामने वाले की हवा गुम हो जाती है. अमन साव का नाम रंगदारी को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहता है, लेकिन अब इसी खौफ का फायदा छोटे अपराधी भी उठाने लगे हैं. रांची में बड़े गैंगस्टर्स और उग्रवादी संगठनों के नाम पर रंगदारी मांगने का प्रचलन सा चल पड़ा है.

मामला सामने आने के बाद जब पुलिस उसकी पड़ताल करती है तो अधिकतर मामलों में रंगदारी मांगने वाला शख्स बड़े गैंग्स का ना होकर छूटभैया अपराधी निकलता है या फिर पीड़ित का करीबी. रांची के अरगोड़ा, डेली मार्केट, बरियातू, चान्हो, खलारी, सुखदेवनगर, पुंदाग ओपी और धुर्वा थाने में हाल के दिनों में ऐसे कई मामले रिपोर्ट हुए हैं. इन मामलों में आरोपी जल्द पकड़े भी जाते हैं, क्योंकि वे शातिर नहीं होते.

जिसका जितना खौफ, उसका उतना होता है नाम इस्तेमाल: रांची के सीनियर एसपी चंदन सिन्हा के अनुसार, जिस अपराधी का जितना खौफ होता है, उसके नाम का प्रयोग छोटे अपराधी उतना ही ज्यादा करते हैं. कुछ मामलों में तो प्रतिद्वंदी गैंग के द्वारा ही अपने दुश्मन गैंग के नाम पर रंगदारी मांगी जाती है ताकि एफआईआर उनके दुश्मन पर हो और फायदा उन्हें मिल जाए. एसएसपी के अनुसार, इन मामलों में पुलिस के द्वारा गहराई से अनुसंधान किया जाता रहा है, जिसकी वजह से इस बात का खुलासा भी हो जाता है कि रंगदारी कौन मांग रहा है. राजधानी में कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जब उग्रवादी संगठनों और बड़े गैंगस्टर्स के नाम पर रंगदारी मांगी गई तो खुद संगठन के द्वारा पत्र जारी कर उसका खंडन किया गया.

मामले की रिपोर्ट जरूरी है-डीआईजी: कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें जब रंगदारी की रकम की डिमांड की गई तब पीड़ित ने पैसे अपराधियों तक पहुंचा भी दिए और पुलिस को जानकारी भी नहीं दी. रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे के अनुसार, किसी भी तरह की रंगदारी मांगे जाने पर उसकी रिपोर्ट बेहद जरूरी है. क्योकि कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमे बड़े गैंग्स की कोई संलिप्तता ही नहीं पाई गई, लेकिन उनके नाम पर रंगदारी की डिमांड की गई थी. लोगों को इस तरह के मामले में तुरंत रिपोर्ट दर्ज करवाना चाहिए ताकि पुलिस उसकी जांच कर आरोपी पर कार्रवाई करे.

इस तरह के कई मामले आ चुके हैं सामने: इसी सफ्ताह रांची के डेली मार्केट थाना क्षेत्र में रहने वाले मो बबलू खान से कुख्यात अपराधी अमन साव से 3 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई. जब बबलू ने रंगदारी मांगने वाले से कहा कि वे बहुत गरीब हैं तो रंगदारी मांगने वाले ने रकम घटा कर एक लाख रुपए कर दिया. जब बबलू ने एक लाख देने से भी इंकार किया तब उनसे रंगदारी के रूप में एक बाइक की डिमांड कर दी गई. इस मामले में आरोपी तो अभी पकड़ा नहीं गया है, लेकिन पुलिस की जांच में यह साफ हो गया है कि अमन साव के द्वारा यह रंगदारी नहीं मांगी गई थी. जुलाई और सितंबर 2023 महीने में रांची के चान्हो इलाके से पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. ये सभी उग्रवादी संगठन के नाम पर कारोबारियो से रंगदारी मांग रहे थे.

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2022 के दिसम्बर महीने में अरगोड़ा के एक बिल्डर से झारखंड के सबसे बड़े गैंगस्टर का तमगा पा चुके डॉन अखिलेश सिंह के नाम पर रंगदारी मांगी गई. जांच में यह मामला गलत निकला. रंगदारी मांगने वाला अपराधी बिल्डर का एक करीबी ही निकला. साल 2022 में ही बरियातू थाना क्षेत्र के रानी बगान के रहने वाले एक कारोबारी से डेढ़ लाख की रंगदारी नक्सलाइट संगठन के नाम पर मांगी गई. जब कारोबारी ने थाने में मामला दर्ज करवाया तो धमकी भरे फोन आने बंद हो गए.

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