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Crime News Jharkhand: अश्लील वीडियो की ऑनलाइन सौदेबाजी! तफ्तीश में जुटी सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 7, 2023, 4:56 PM IST

Updated : Sep 8, 2023, 10:47 AM IST

Cyber Crime Branch of Jharkhand CID investigating obscene video case
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आज फिंगर टीप्स पर हर चीज मौजूद है, चाहे वो कानूनी हो या फिर गैर-कानूनी. इसी कड़ी में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी की भी ऑनलाइन सौदेबाजी खूब हो रही है. ऐसे ही एक केस पर एफआईआर के बाद झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच अश्लील वीडियो मामले की जांच कर रही है.

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रांचीः झारखंड की राजधानी रांची सहित कई अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर ऑनलाइन तरीके से लोगों को चाइल्ड पॉर्नोग्राफी जैसे एडल्ड कंटेंट बेचे जा रहे हैं. सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच में इस संबंध एक एफआईआर दर्ज की गई है. रांची के बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार के बयान पर दर्ज एफआईआर की जांच साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा की जा रही है.

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क्या है पूरा मामलाः रांची सहित कई शहरों में ऑनलाइन पेमेंट कर बच्चों के अश्लील वीडियो को न सिर्फ देखा जा रहा है बल्कि इसे दूसरे ग्रुप में भी धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है. टेलीग्राम मोबाइल ऐप के जरिए कई ग्रुप्स बनाकर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी परोसे जाने का मामला बीते सप्ताह सामने आया था. रांची के बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने खुद पूरे मामले में स्टिंग कर इसका खुलासा किया. इसके बाद इस मामले की जानकारी सीआईडी डीजी और सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच को दी.

बैद्यनाथ कुमार द्वारा लिखित शिकायत दर्ज किए जाने के बाद सीआईडी ने पूरे मामले की जांच करायी तो मामला सत्य पाया गया. इसके बाद थाने में एफआईआर दर्ज की गई. बाल अधिकार कार्यकर्ता बैधनाथ कुमार के अनुसार सीबीआई के द्वारा पूरे भारतवर्ष में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के मामले को लेकर एक साथ कार्रवाई की गई थी. इस दौरान झारखंड के गुमला में भी सीबीआई ने दबिश दी थी. इसके बावजूद ये एडल्ट कंटेट धड़ल्ले से सोशल साइट्स के जरिए लोगों को परोसी जा रही है और उसके लिए उनसे पैसे भी लिए जा रहे हैं. इन अश्लील वीडियो में 7 साल से लेकर 14 साल की बच्चियों का प्रयोग किया जा रहा है जो अपने आप में जघन्य अपराध है.

साइबर ब्रांच कर रही है जांचः ये मामला जब सीआईडी के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे लेकर प्रारंभिक जांच भी की, जिसमें उन्हें कई चौंकाने वाले तथ्य मिले. सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए एडल्ट कंटेंट की प्रारंभिक सीआईडी जांच में आए तथ्यों के बाद ही सीआईडी साइबर क्राइम ब्रांच केस दर्ज की गई. एफआईआर में यूपीआई नंबर 9341466767 के प्रयोगकर्ता के साथ साथ छह टेलीग्राम लिंक संचालकों और उनके मोबाइल नंबर 8287527671 और 8377892324 पर एफआईआर दर्ज हुआ है. चाइल्ड पॉर्नोग्राफी की ऑनलाइन सौदेबाजी में दिल्ली के सूर्या नाम के व्यक्ति की संलिप्तता बतायी जा रही. मामले की तफ्तीश को लेकर साइबर क्राइम ब्रांच दिल्ली पुलिस के भी संपर्क में है.

कैसे सामने आया मामलाः चाइल्ड राइट फाउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि मोबाइल ऐप टेलीग्राम चैनल के जरिए चाइल्ड पॉर्नोग्राफी यानी बच्चों के अश्लील वीडियो और स्कॉर्ट सर्विस के नाम से ओपन ग्रुप संचालित है. इस ग्रुप में कोई भी सदस्य बन सकता है. बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि मामले के गंभीरता को देखते हुए उन्होंने ऐसे एडल्ट कंटेंट परोसने वालों से संपर्क साधा ताकि इसकी पूरी जानकारी हासिल की जा सके. इसी बीच बैद्यनाथ को टेलीग्राम के जरिए संचालित एक ओपन ग्रुप में मैसेज आया कि बच्चों के अश्लील वीडियोज चाहिए क्या, जवाब में हां लिखने पर एक लिंक दिया गया. जिसमें डेमो वीडियो आया, इसके बाद 220 रुपये में 8000 से ज्यादा अश्लील वीडियोज देने की बात कही गई. बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि दिए गए यूपीआई पर संस्था के चंदन कुमार ने पैसे डाले, जिसके बाद छह लिंक भेजे गए. सभी में बच्चों के अश्लील वीडियो और एडल्ट कंटेंट संबंधित सामग्री थी.

बड़े नेटवर्क का हाथः सीआईडी के पास अश्लील वीडियो के लिंक और मोबाइल नंबर उपलब्ध है, जिसके जरिए चाइल्ड पॉर्नोग्राफी का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. सीआईडी की जांच में कई तरह के तथ्य सामने आए हैं. अंदेशा है कि एक बड़ा नेटवर्क इसके पीछे कम कर रहा है. जांच में यह भी जानकारी मिल रही है कि झारखंड में बड़े पैमाने पर लोग बच्चों के अश्लील वीडियो और ऐसे एडल्ट कंटेंट देख रहे हैं और इसके लिए वो पैसे का भुगतान भी कर रहे हैं. सीआईडी को जो फोन नंबर और यूपीआई नंबर हासिल हुए हैं, उसका डिटेल निकाल लिया गया है और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. साल 2021 में सीबीआई ने देश के 14 राज्यों के 76 जगह पर एक साथ चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर छापेमारी की थी.
उसके बाद 2022 में भी एडल्ट कंटेंट को लेकर देश के 20 राज्यों में छापेमारी की गई थी.

कानूनी रूप से अवैध है चाइल्ड पॉर्नोग्राफीः इस मामले को लेकर कानून के जानकार बताते हैं कि चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखने वाले भी गुनहगारों की लिस्ट में शामिल हो रहे हैं. लोगों को ये जानकारी होनी चाहिए कि जिस तरह से अश्लील वीडियो और फोटोग्राफ प्रकाशित करना और उसे दूसरे जगह तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचना अवैध है, उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं है. लेकिन बता दें कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला इससे बिल्कुल ही अलग है. इसे देखने भी अपराध की श्रेणी में आता है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में कानून बेहद सख्त हैं, बच्चों के सेक्सुअल एक्ट में नग्न दिखाते हुए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कोई चीज प्रकाशित करना या दूसरों को भेजना पूरी तरह से गैरकानूनी है. आईटी कानून 2009 की धारा 67 (B), आईपीसी की धाराएं 292, 293, 294, 506, और 509 में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर 5 से 10 साल तक जेल और 10 लाख रुपये जुर्माने की भी सजा है.

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Last Updated :Sep 8, 2023, 10:47 AM IST
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