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भाजपा का मायाजाल, लटक गया विधायक दल के नेता का चयन! फीडबैक के बाद घोषणा की राह ताकते रह गये नेता

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Published : Jul 28, 2023, 4:54 PM IST

Updated : Jul 28, 2023, 7:33 PM IST

गुरुवार को हुई बैठक में झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता पर फैसला नहीं हो पाया. पार्टी के ऑबजर्वर सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने सभी विधायकों से वन-टू-वन बातचीत की और अपनी रिपोर्ट लेकर दिल्ली दरबार चले गए. ऐसे में एक बार फिर झारखंड को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिल पाया. नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर बाबूलाल मरांडी ने क्या कहा, पढ़ें इस रिपोर्ट में...

Jharkhand BJP Legislature Party Leader
Jharkhand BJP Legislature Party Leader

  • झारखण्ड सरकार के साढ़े तीन साल हो गये

    ना स्थानीय नीति बना पा रही, ना नियोजन नीति ही बना पा रही है

    इनको तो सिर्फ राजनीति करनी, इनको झारखंड की बच्चों के दर्द से, तकलीफ से कोई मतलब नही: प्रदेश अध्यक्ष श्री @yourBabulal जी pic.twitter.com/g0STnZViiq

    — BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) July 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रांची: इस बात पर फिर मुहर लग गयी है कि भाजपा किसी मामले पर कब और क्या फैसला लेगी, इसकी जानकारी भाजपा के अच्छे-अच्छे नेताओं तक को नहीं होती. इसकी झलक 27 जुलाई की शाम देखने को मिली. विधानसभा के मानसून सत्र से पहले इस बात की जोरशोर से चर्चा थी कि प्रदेश भाजपा अपने किसी नये नेता का नाम विधायक दल के नेता के रूप में घोषित कर देगी. इस रेस में सीपी सिंह, अनंत ओझा और बिरंची नारायण के नाम की चर्चा जोर शोर से चल रही थी. सभी की अलग-अलग वजहों से दावेदारी भी दिख रही थी. कोई अनुभव में आगे था तो कोई कास्ट सिस्टम के लिहाज से फिट बैठ रहा था.

ये भी पढ़ें- भाजपा विधायक दल के नेता पर सस्पेंस बरकरार, बैठक में नहीं बनी सहमति, अब केंद्रीय नेतृत्व लेगा फैसला

इसी बीच इस रेस में झामुमो से भाजपा में आए जेपी पटेल के नाम की भी चर्चा शुरू होने से एक अलग माहौल बन चुका था. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दिन पहले ही जेपी पटेल की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से दिल्ली में मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद रांची पहुंचे जेपी पटेल का चेहरा खिला-खिला दिख रहा था.

  • आज प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष श्री @yourBabulal जी की अध्यक्षता में भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित हुई, इस बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री @AshwiniKChoubey जी, प्रभारी श्री @LKBajpaiBJP जी, क्षेत्रीय महामंत्री (संगठन) श्री @BJPNagendraJi जी, महामंत्री (संगठन) श्री… pic.twitter.com/I8tjumFqr4

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इधर, 27 जुलाई की शाम हुई बैठक के दौरान मानसून सत्र को लेकर सदन के भीतर पार्टी के रूख पर रणनीति भी बनी. इसके बाद विधायक दल के नेता को लेकर बात शुरू हुई. बैठक में पार्टी के ऑबजर्वर सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के अलावा झारखंड संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी मौजूद थे. कुछ देर तक मंथन के बाद सभी नेता कमरे से बाहर निकल आए. इसके बाद ऑबजर्वर अश्विनी चौबे ने अकेले में एक-एक करके विधायकों को बुलाना शुरू किया.

Jharkhand BJP Legislature Party Leader
बीजेपी विधायक सीपी सिंह

उन्होंने सभी विधायकों से प्रायोरिटी के आधार पर तीन नाम मांगे. खास बात है कि वह मुंहजबानी तीन नाम पूछ रहे थे और उसे नोट डाउन कर रहे थे. किसी से भी लिखित में नाम नहीं मांगे गये. इधर बंद कमरे के बाहर हलचल बढ़ी हुई थी. रेस में शामिल भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह, अनंत ओझा, बिरंची नारायण के अलावा अचानक चर्चा में आए जेपी पटेल घोषणा की राह ताक रहे थे. जाहिर है वक्त के साथ नेताओं की धड़कन भी तेज हो रही होगी. लेकिन देर रात तक कोई नतीजा नहीं निकला. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ऑबजर्वर अश्विनी चौबे बस यही कहकर निकल गये कि वह अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को देंगे. इसपर केंद्रीय नेतृत्व ही आगे कोई फैसला लेगा.

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बीजेपी विधायक अनंत ओझा

इस बीच जेपी पटेल के नाम की चर्चा शुरू होने पर पार्टी के पुराने नेताओं में नाराजगी भी देखने को मिली. लेकिन कोई खुलकर जाहिर नहीं कर पा रहा था. अब फिर वही सवाल आ खड़ा हुआ है कि आखिर झारखंड भाजपा विधायक दल का नेता कौन होगा. इस सवाल पर एक तरह से बाबूलाल मरांडी ने विराम लगा दिया है. विधानसभा के मानसूत्र सत्र के पहले दिन प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह फैसला तो स्पीकर को लेना है. पार्टी तो नेता के नाम का चयन कर स्पीकर को जानकारी दे चुकी है. उनके इस कथन का मतलब समझा जा सकता है. भाजपा के सूत्रों का कहना है कि अगर एक-दो दिन के भीतर नाम की घोषणा नहीं हुई तो संभव है कि पूरा सत्र भी बगैर नेता प्रतिपक्ष के ही न निकल जाए. यह भी चर्चा है कि बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में कमेटी के गठन पर फाइनल मुहर लगने के दौरान ही नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है.

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बीजेपी विधायक जेपी पटेल

दरअसल, बाबूलाल मरांडी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिलने के साथ ही यह साफ हो गया था कि किसी दूसरे को विधायक दल का नेता बनाया जाएगा. क्योंकि सदन के भीतर बाबूलाल मरांडी को विधायक दल की मान्यता नहीं मिली हुई. पहली बार झारखंड विधानसभा के इतिहास में सदन की कार्यवाही पिछले साढ़े तीन वर्षों से बगैर नेता प्रतिपक्ष के ही चल रही है. बाबूलाल मरांडी दलबदल का मामला फेस कर रहे हैं. उनके खिलाफ स्पीकर ट्रिब्यूनल का फैसला लंबित है. यह मामला हाईकोर्ट में भी पीआईएल के जरिए आ चुका है. लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया है. फिलहाल कागजी तौर पर बाबूलाल मरांडी ही भाजपा विधायक दल के नेता हैं. अब देखना है कि पार्टी इस सस्पेंस को कब और कैसे खत्म करती है.

Last Updated :Jul 28, 2023, 7:33 PM IST
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