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बीजेपी सांसद ने मोमबत्ती जलाकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- अपने राजनीतिक जीवन में बिजली की इतनी गंभीर समस्या नहीं देखी

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Published : Nov 30, 2022, 4:43 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 5:36 PM IST

बीजेपी के रांची सांसद ने बिजली कटौती के खिलाफ मोमबत्ती जलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है (BJP MP Sanjay Seth held press conference by lighting candle). इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में बिजली की इतनी खराब स्थिति कभी नहीं देखी है.

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रांची: BJP सांसद संजय सेठ ने बिजली कटौती के विरोध में मोमबत्ती जलाकर प्रेस कांफ्रेंस की है (BJP MP Sanjay Seth held press conference by lighting candle). सांसद संजय सेठ ने रांची सहित पूरे झारखंड में बिजली संकट गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि बिजली संगट गहराता जा रहा है और हर तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है. रांची शहर में आठ से दस घंटे तक की बिजली कटौती हो रही है.

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संजय सेठ में रांची और झारखंड में लगातार हो रही बिजली कटौती के विरोध में मोमबत्ती जलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उस दौरान उन्होंने कहा कि, 'रांची में 6-8 घंटे बिजली नहीं रहती है, कभी-कभी तो रात में बिजली जाती है और सुबह में आती है. यह स्थिति पिछले ढ़ाई से तीन महीने से है." उन्होंने कहा कि 'मैंने अपनी राजनीति में बिजली की इतनी गंभीर समस्या नहीं देखी. बिहार के समय भी जब हम एक साथ थे, तब झारखंड में बिजली की स्थित इतनी खराब नहीं थी' रांची में बिजली कटौती के विरोध में मोमबत्ती जलाकर प्रेस कांफ्रेंस वार्ता में BJP रांची सांसद संजय सेठ ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पूरी तरह फेल बताया है. सड़क, बिजली की लचर स्थिति के साथ संजय सेठ ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दी जानेवाली मुफ्त राशन में बड़े पैमाने पर घोटाला होने का आरोप लगाया है.

संजय सेठ, बीजेपी सांसद

संजय सेठ ने पिछले रघुवर सरकार से तुलना करते हुए कहा कि उस समय ट्रांसफार्मर 24 घंटे के अंदर बदले जाते थे और लोगों को निर्बाध बिजली मिलती थी मगर तीन वर्षों में यह सरकार ने बिजली लोगों से दूर कर दिया. राज्य सरकार से इसे प्राथमिकता के तहत कैबिनेट बुलाकर विशेष नीधि से केन्द्र को पैसों का भुगतान कर राज्य की जनता को बिजली मुहैया कराने का आग्रह किया है.

झारखंड पर बकाया होने की वजह से सेंट्रल पूल से लगातार कई दिनों से बिजली की कटौती की जा रही है. जिसे लेकर विभाग गंभीर नहीं है. हालांकि मुख्यसचिव ने उर्जा विभाग के अधिकारी के साथ बैठक कर समाधान का रास्ता निकालने की कोशिश जरूर की है. जेबीवीएनएल बकाया भुगतान के लिए 500 करोड़ लोन लेने की तैयारी में है जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

संजय सेठ, बीजेपी सांसद


वहीं, दूसरी ओर इस मुद्दे पर समाधान निकालने के बजाय सियासत शुरू हो गई है. जेएमएम ने रांची सांसद संजय सेठ के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि बिजली की समस्या हर राज्य में है. संजय सेठ को पता करना चाहिए कि उत्तर प्रदेश का क्या हाल है. बिजली कटौती सेट्रल पूल से की जा रही है, इसमें झारखंड सरकार का क्या दोष है. इसके बाबजूद मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहल की जा रही है और जल्द ही समाधान का रास्ता निकल जायेगा. उन्होंने केन्द्र सरकार पर समस्याएं खड़ी किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके बाबजूद राज्य सरकार दृढता से काम कर रही है जिससे भाजपा को पेट में दर्द हो रहा है.

बिजली के अलावा रांची सांसद संजय सेठ ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दी जाने वाली मुफ्त खाद्यान्न योजना में बड़े पैमाने पर घोटाला होने का भी आरोप लगाया है. सांसद संजय सेठ ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली मुफ्त खाद्यान्न नागवार गुजर रहा है, जिस वजह से झारखंड में इसे सफल नहीं होने दिया जा रहा है. मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के नाम पर बड़े पैमाने पर अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से घोटाला होने का आरोप लगाते हुए संजय सेठ ने कहा कि गरीबों के पेट पर लात मारने का काम सरकार कर रही है.

रांची सांसद संजय सेठ ने हेमंत सरकार पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा है कि 'इस सरकार ने पिछले 3 वर्षों में जनता को सिर्फ धोखा देने का काम किया है अगर हमसे कोई इस सरकार के बारे में मार्किंग करने के लिए कहे तो कोई भी अंक इस सरकार को मेरे तरफ से नहीं मिलेगा. यानी यह सरकार हर क्षेत्र में पूरी तरह से फेल है. सड़क बिजली पानी स्वास्थ्य सुविधा जैसी ऐसी बुनियादी चीजें हैं जिससे जनता को सीधे लाभ मिलता है, मगर यह सरकार इन सुविधाओं को भी देने में फेल रही है जिस वजह से जनता परेशान हैं और सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है.'रांची सांसद संजय सेठ ने राजधानी रांची के मेन रोड में हुए दंगे के बाद इसकी जांच की फाइल को बंद किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इतना भीषण दंगा हुआ और उसकी फाइल बंद कर दी गई. यह सरकार तुष्टीकरण में डूबी हुई है जिस वजह से इस घटना में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है. आखिर क्या वजह है की इतनी बड़ी घटना के बाद शुरू हुई जांच को बंद कर दी गई और इस घटना में शामिल लोगों के प्रति सरकार नरमी दिखाना शुरू कर दी है.

सूखा राहत पर राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणा को संजय सेठ ने किसानों के साथ धोखा बताते हुए कहा कि पिछली सरकार में किसानों के लिए सहायता राशि की व्यवस्था की गई थी. जिसे यह सरकार आते ही बंद कर दिया. इस वर्ष सुखाड़ को लेकर जब हाय तौबा मचने लगा और सरकार पर दवाब बनने लगी तो यह आनन फानन में घोषणा की गई है. मगर घोषणा के अनुरूप किसानों को लाभ भी मिलेगा कि नहीं यह कहना कठिन है.

रिम्स की लचर स्थिति पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी को सही बताते हुए संजय सेठ ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री सिर्फ उद्घाटन और शिलान्यास करने आते हैं. मगर स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे दुरुस्त होगा इसकी चिंता नहीं है. रिम्स जैसे संस्थान में पैथोलॉजी बंद हैं, लिफ्ट खराब है, अन्य विभागों की स्थिति दयनीय है. ऐसे में मरीज कहां इलाज कराये इससे सरकार को कोई मतलब नहीं है. पैथोलॉजी में किट सप्लाई करनेवाले कंपनी को तीन वर्ष से पैसा नहीं मिला है. इसी तरह अन्य विभागों की स्थिति है. उन्होंने कहा कि वे 06 दिसंबर को होने वाली रिम्स शासी परिषद की बैठक में जोरदार ढंग से बातों को उठाएंगे कि आखिर गरीब को इलाज की सुविधा रिम्स कैसे उपलब्ध करायेगा. इसपर बात हो ना कि प्रस्ताव पास कर कागज पर ही बातें होकर रह जाय.

Last Updated :Nov 30, 2022, 5:36 PM IST
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