रांची के तालाबों पर मंडरा रहा अस्तिव का खतरा, विभाग ने फेरी नजरें

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Published : May 31, 2019, 11:31 PM IST

रांची में प्लास्टिक या प्लास्टिक से बनी चीजों का इस्तेमाल रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. इसकी वजह से करम टोली तालाब बेहद गंदा हो गया है और अपने अस्तित्व से जूझ रहे हैं.

रांची: झारखंड सरकार ने 2017 से पॉलिथीन से उत्पन्न हो रही विभिन्न समस्याओं और पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए राज्य में प्लास्टिक इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन बावजूद इसके प्लास्टिक या प्लास्टिक से बनी चीजों का इस्तेमाल रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसका ताजा उदाहरण राजधानी रांची के करम टोली तालाब का है, जहां पर आप प्लास्टिक को तैरते हुए देख सकते हैं.

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तालाब की स्थिति के बारे में लोगों का कहना है कि इसके लिए आम नागरिक सबसे ज्यादा जिम्मेवार हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार का रवैया भी उदासीन है. सरकार केवल नियम बना देती है, लेकिन इस पर सख्ती से कोई कदम नहीं उठाती है. कुछ दिन तक प्लास्टिक पर बैन था लेकिन आप बाजार में हर तरफ देखे तो प्लास्टिक धड़ल्ले से लोग इस्तेमाल कर रहे हैं.

वहीं, लोगों का कहना है कि निगम के द्वारा कानून का डंडा नहीं चलाया जा रहा है इसके अलावा निगम अपना काम सही से कर रहा है. जिसके कारण बाजार में प्लास्टिक और प्लास्टिक का सामान आसानी से मिल जा रहे हैं. सरकार और पर्यावरण विभाग नकारात्मक रवैया के कारण खुलेआम प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है.


Intro:रांची
शहरवासी oxpop

झारखंड में राज्य सरकार ने 2017 से प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाया हुआ है। झारखंड सरकार ने पॉलिथीन से उत्पन्न हो रही विभिन्न समस्याओं और पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए राज्य में प्लास्टिक इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन इसके बावजूद भी हर जगह आप प्लास्टिक या प्लास्टिक से बनी चीजों को जरूर देखेंगे इसका ताजा उदाहरण राजधानी रांची के करम टोली चौक स्थित करम टोली तालाब का है जहां पर आप प्लास्टिक को तैरते हुए देख सकते हैं। लेकिन राज्य में तो प्लास्टिक पर पाबंदी है तो ऐसे में आखिर प्लास्टिक कहां से आती है क्या सरकार केवल नियम बनाकर छोड़ दी है या फिर लोगों पर कानून का किसी प्रकार का कोई डर नहीं है इन तमाम विषयों को लेकर ईटीवी भारत से आम जनों ने तरह-तरह की बातें बताएं


Body:कुछ लोगों ने कहा की इसके लिए आम नागरिक सबसे ज्यादा जिम्मेवार है वहीं दूसरी और सरकार की भी उदासीन रवैया है सरकार केवल नियम बना देती है लेकिन इस पर सख्ती से कोई कदम नहीं उठाती है। कुछ दिन तक प्लास्टिक पर बैन था लेकिन आप बाजार में हर तरफ देखे तो प्लास्टिक धड़ल्ले से लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि निगम के द्वारा कानून का डंडा नहीं चलाया जा रहा है। निगम अपनी सही से कार्य नहीं निभा रही जिसके कारण बाजार में आसानी से प्लास्टिक और प्लास्टिक का सामान आसानी से मिल जा रहे हैं।


Conclusion:वही एक शहर वासी ने कहा कि सरकार और पर्यावरण विभाग नकारात्मक रवैया के कारण इस तरह का खुले में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है पर्यावरण विभाग अगर सही से कार्य करती तो इस तरह का कार्य नहीं होता आज हर तरफ पर्यावरण के साथ खिलवाड़ हो रहा है यहां तक की पर्यावरण से जुड़े अन्य चीजों के लिए भी कोई मापदंड लागू नहीं होता है यह सब विभाग के लापरवाही के कारण हो रहा है
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