ETV Bharat / state

बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव धर्म परिवर्तन केस में बहस पूरी, सीबीआई कोर्ट 30 सितंबर को सुनाएगी फैसला

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 23, 2023, 8:46 PM IST

देश की बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव धर्म परिवर्तन मामले में सीबीआई कोर्ट 30 सितंबर अपना फैसला सुनाएगी. मामला धोखा देकर शादी करने और फिर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का है.

National Rifle Shooter Tara Shahdev
National Rifle Shooter Tara Shahdev

रांची: वर्ष 2014 में पूरे देश में चर्चित हुए नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना से संबंधित मामले में रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर को फैसला सुनाएगी. सीबीआई ने इस मामले की जांच वर्ष 2015 में शुरू की थी. इस मामले में मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल के मामले में शनिवार को सीबीआई और बचाव पक्ष की बहस पूरी हो गई.

ये भी पढ़ें: Ranchi News: शूटर तारा शाहदेव यौन उत्पीड़न मामला, सीएम हेमंत सोरेन को सीबीआई कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश

सीबीआई की विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट ने मामले में फैसले की तिथि 30 सितंबर निर्धारित की है. सीबीआई की ओर से की गई बहस के दौरान तारा शाहदेव द्वारा कोहली उर्फ रकीबुल पर लगाए गए धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना आरोपों को सही बताया गया. वहीं, बचाव पक्ष ने बहस के दौरान तारा शाहदेव द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया.

बता दें कि नेशनल शूटर तारा शाहदेव ने रंजीत सिंह कोहली पर धोखा देकर शादी करने का आरोप लगाया था. दोनों की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी. शादी के बाद उसे पता चला कि रंजीत सिंह कोहली पहले ही अपना धर्म बदलकर इस्लाम धर्म कबूल कर चुका था और उसने अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया था.

तारा शाहदेव से शादी के बाद रंजीत उर्फ रकीबुल उस पर इस्‍लाम कबूलने का दबाव बनाने लगा. तारा शाहदेव ने पुलिस में दर्ज कराए गए मामले में बताया था कि ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई की जाती थी और कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया था.

शाहदेव के मुताबिक, कई-कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था. रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे और उससे कहते थे कि अगर वह चाहती है कि उसकी शादीशुदा जिंदगी सामान्य रहे तो वह इस्लाम कबूल कर ले.

उसे सख्त चेतावनी दी गई थी कि वह 'सिंदूर' न लगाए, अन्यथा उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे. तारा ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों की ओर से दहेज की भी मांग की गई. करीब डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद 17 अगस्त 2014 को अपने भाई को एक घरेलू नौकर के मोबाइल फोन से कॉल किया और उसे पुलिस के साथ अपने ससुराल आने के लिए कहा. इसके बाद तारा को मुक्त कराया गया था.

पूरे देश में चर्चित हुए इस केस को हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में टेकओवर किया था. जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 2017 में रंजीत उर्फ रकीबुल, उसकी मां कौशल रानी और झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार (सतर्कता) मुश्ताक अहमद के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी. आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था. इसके बाद से तीनों ट्रायल फेस कर रहे थे.

(इनपुट- आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.