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बाबूलाल की इंटरपोल वाली सलाह पर भड़के हेमंत के मंत्री, कहा- तब कहां थे जब पीएम को मिली थी धमकी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जान से मारने की धमकी मिली है. इसे लेकर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले की जांच इंटरपोल से कराने की सलाह दी है. जिसके बाद मंत्री आलमगीर आलम ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देश के पीएम मोदी को जब धमकी मिली थी तब ये लोग कहां थे.

Alamgir Alam reacted to Babulal Marandi statement in ranchi
आलमगीर आलम का बीजेपी पर पलटवार
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Published : Jul 20, 2020, 7:56 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिली जान से मारने की धमकी मामले में बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने इंटरपोल की मदद लेने की सलाह दी थी, जिसके बाद प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मरांडी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि यह लोग तब कहां थे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी मिली थी. सोमवार को प्रोजेक्ट बिल्डिंग में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को जब ऐसी धमकी मिली थी तब उस समय इन लोगों ने क्या किया था, उसको भी याद करना चाहिए. हालांकि आलमगीर आलम ने स्पष्ट किया कि मामले की पूरी जांच चल रही है और रिपोर्ट आने के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

जानकारी देते आलमगीर आलम
कौन क्या बोलता है उसपर नहीं जाना चाहिए, हो रही है जांचमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कौन क्या बोलता है इस पर नहीं जाना चाहिए, पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि एक जगह बैठकर दूसरे स्थानों का लोकेशन दिखाया जा सके. दरअसल मरांडी ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इस मामले में इंटरपोल की मदद लेने की सलाह दी है. मरांडी ने राज्य के पुलिस की ओर से की जा रही जांच पर सवाल खड़े किए और कहा कि तकनीकी जानकारी के हिसाब से लोकेशन दूसरे देशों का मिला है.

इसे भी पढे़ं:- बाबूलाल मरांडी ने CM हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, कहा- धमकी मामले में इंटरपोल की लें मदद

साहिबगंज में हुई पुलिस मुठभेड़ पर भी उठाए सवाल
बाबूलाल मरांडी ने साहिबगंज जिले के बरहेट थाना इलाके में हुए अपराधियों और पुलिसकर्मियों के बीच की मुठभेड़ पर भी सवाल खड़े किए हैं. मरांडी ने 27 जून को हुई उस मुठभेड़ में बरहेट थाना के प्रभारी हरीश पाठक की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया है. दरअसल इस मुठभेड़ में घायल हुए एएसआई चंद्राय सोरेन इलाज मौत के दौरान 19 जुलाई को हो गई.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिली जान से मारने की धमकी मामले में बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने इंटरपोल की मदद लेने की सलाह दी थी, जिसके बाद प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मरांडी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि यह लोग तब कहां थे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी मिली थी. सोमवार को प्रोजेक्ट बिल्डिंग में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को जब ऐसी धमकी मिली थी तब उस समय इन लोगों ने क्या किया था, उसको भी याद करना चाहिए. हालांकि आलमगीर आलम ने स्पष्ट किया कि मामले की पूरी जांच चल रही है और रिपोर्ट आने के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

जानकारी देते आलमगीर आलम
कौन क्या बोलता है उसपर नहीं जाना चाहिए, हो रही है जांचमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कौन क्या बोलता है इस पर नहीं जाना चाहिए, पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि एक जगह बैठकर दूसरे स्थानों का लोकेशन दिखाया जा सके. दरअसल मरांडी ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इस मामले में इंटरपोल की मदद लेने की सलाह दी है. मरांडी ने राज्य के पुलिस की ओर से की जा रही जांच पर सवाल खड़े किए और कहा कि तकनीकी जानकारी के हिसाब से लोकेशन दूसरे देशों का मिला है.

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साहिबगंज में हुई पुलिस मुठभेड़ पर भी उठाए सवाल
बाबूलाल मरांडी ने साहिबगंज जिले के बरहेट थाना इलाके में हुए अपराधियों और पुलिसकर्मियों के बीच की मुठभेड़ पर भी सवाल खड़े किए हैं. मरांडी ने 27 जून को हुई उस मुठभेड़ में बरहेट थाना के प्रभारी हरीश पाठक की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया है. दरअसल इस मुठभेड़ में घायल हुए एएसआई चंद्राय सोरेन इलाज मौत के दौरान 19 जुलाई को हो गई.

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