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राज्य में कमजोर पड़ते मानसून को लेकर कृषि मंत्री ने जताई चिंता, अधिकारियों को दिए ये दिशा-निर्देश

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Published : Jul 29, 2023, 10:00 AM IST

Agriculture Minister
झारखंड में सामान्य से इस बार 50 प्रतिशत कम वर्षा को लेकर समीझा बैठक

झारखंड में अब तक सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. इस कारण किसान फसल की पैदावारी को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. इसी को लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने जिला के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और कई दिशा निर्देश दिये.

रांची: झारखंड में कमजोर पड़ते मानसून को लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. इसी को लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने समीक्षा बैठक की. इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के जिला कृषि पदाधिकारी भी जुड़ें. इसमें जिलों में कम वर्षापात, खरीफ फसलों के आच्छादन एवं वैकल्पिक फसल योजना को लेकर चर्चा हुई.

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तीन दिन के अंदर रिपोर्ट: इस बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को तीन दिनों के अंदर आच्छादन और वैकल्पिक योजना की पूरी रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए. ज्यादातर जिलों में 80-90 फीसदी से अधिक बीज वितरण कर दिए जाने पर संतोष जताया है. कहा कि तीन दिन के अंदर बीज वितरण का कार्य 100 प्रतिशत पूरा करें.

अधिकारियों को शो-कॉज: कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि ऐसा नहीं करने वाले कृषि अधिकारियों को शो-कॉज किया जाएगा. मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अभी तक राज्य में सामान्य से करीब 50 फीसदी कम बारिश हुई है. जो कृषि के लिहाज से काफी निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि हमारे स्थिति बेहद गंभीर हो गयी है. कहा कि इसके बाद भी राज्य के किसानों ने हार नहीं मानी है.

अंतिम आंकड़ा 15 के बाद: कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे पास 15 अगस्त तक प्लांटेशन का समय है. इसके बाद ही सुखाड़ की स्थिति को लेकर अंतिम आंकड़ा मिल पायेगा. उन्होंने कहा कि उम्मीद जताई कि अगर अभी से भी अच्छी वर्षा राज्य में हो जाए तो किसान खेतों की ओर रुख कर लेंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि कम वर्षा की वजह से स्थिति काफी विकट हो चली है. उन्होंने कहा कि विकट परिस्थिति के लिए हम सभी को विभागीय स्तर पर किसानों के हित में काम करने की जरूरत है. कहा कि हमारा लक्ष्य 28 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसल लगाने का था, लेकिन कम वर्षा की वजह से अब तक महज 5.80 लाख हेक्टेयर जमीन पर ही खरीफ फसल का आच्छादन हो पाया है.

कृषि अधिकारियों को आदेश: कृषि मंत्री ने कहा कि सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को आदेश दिया कि राज्य के सभी 4400 पंचायतों पर फोकस करें. जनसेवक एटीएम, बीटीएम और कृषक मित्र के साथ बैठक कर वैकल्पिक फसल की पूरी योजना बनाई जाए. उन्होंने क्रॉप डायवर्सिफिकेशन को लेकर भी निर्देश दिया और कहा कि प्रखंड स्तर पर योजना तैयार की जाए ताकि किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया जा सके. बादल पत्रलेख ने कहा कि मिलेट्स मिशन के लिए सरकार ने 50 करोड़ की राशि का बजट में प्रावधान रखा है. इसलिए मिलेट के लिए किसानों का डाटा तैयार करें ताकि बजट आवंटन के साथ ही किसानों को लाभ मिल सके.

10 लाख हेक्टेयर जमीन होगी उपजाऊ: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन परती है. राज्य में कृषि योग्य 38 लाख हेक्टेयर जमीन होने के बावजूद महज 28 लाख हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य रखने पर चिंता जताते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य प्रत्येक वर्ष दो लाख हेक्टेयर परती भूमि को कृषि योग्य बनाने की है. उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि एक्शन प्लान जिला स्तर पर तैयार करें. जिस तरह से पिछले सुखाड़ में हमने काम किया था उसकी कार्ययोजना जमीनी स्तर पर सुनिश्चित की जानी चाहिए. समीक्षा बैठक में कृषि सचिव अबु बकर, निदेशक हॉर्टिकल्चर निसार अहमद, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, अपर सचिव विधान चंद्र चौधरी, समिति निदेशक विकास कुमार, उप कृषि निदेशक योजना संतोष कुमार, उप कृषि निदेशक सामान्य मुकेश कुमार सिन्हा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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