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विधायकों को तोड़ने के लिए निवारण को मिला था 50 लाख का लालच, एमपी उपचुनाव में आया था नेताओं के संपर्क में

हेमंत सरकार (Hemant Government) को गिराने की साजिश मामले में आरोपी बनाए गए निवारण कुमार महतो (Nivaran Kumar Mahto) को 50 लाख रुपये देने का लालच दिया गया था. निवारण ने विधानसभा 2019 का चुनाव (Assembly Election 2019) बोकारो विधानसभा से हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा सेक्यूलर की टिकट पर लड़ा था. पुलिस को दिए अपने 2 पन्नों के बयान में निवारण ने कई अहम खुलासे किए हैं.

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निवारण कुमार महतो
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Published : Jul 25, 2021, 8:51 PM IST

Updated : Jul 26, 2021, 6:20 AM IST

रांची: झारखंड में हेमंत सरकार (Hemant Government) को गिराने की साजिश में आरोपी बनाए गए निवारण कुमार महतो (Nivaran Kumar Mahto) ने अपने कन्फेशन में यह स्वीकार किया है कि सदन में सरकार गिराने के लिए विधायकों के खरीद फरोख्त के बदले उसे 50 लाख देने का लालच दिया गया था. अमित सिंह ने उसे पहले लालच दिया था कि अगर वह उसके संपर्क में होता तो वो विधानसभा में उसे बोकारो से उम्मीदवार बना देता. निवारण ने विधानसभा 2019 का चुनाव (Assembly Election 2019) बोकारो विधानसभा से हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा सेक्यूलर की टिकट पर लड़ा था. पुलिस को दिए अपने 2 पन्नों के बयान में निवारण ने कई अहम खुलासे किए हैं.

इसे भी पढ़ें: सरकार गिराने की साजिश मामले में बड़ा खुलासा, गिरफ्तार आरोपियों का कबूलनामा चौंकाने वाला, पढ़ें रिपोर्ट



फल विक्रेता है निवारण


गिरफ्तार निवारण झारखंड विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है और पेशे से वह फल विक्रेता है. लेकिन उसके अंदर राजनीतिक महत्वाकांक्षा कूट-कूट कर भरी है. राजनीति से जुड़े होने की वजह से वह स्थानीय नेताओं के संपर्क में रहता था और इसी संपर्क का फायदा उठाने के एवज में उसे साजिश में शामिल किया गया था.



विधायक के करीबी कुमार गौरव उर्फ मनोज से हुई लाइजनिंग

निवारण ने बताया है कि 15 जुलाई को अमित कुमार सिंह और चालक दीपू के साथ वह बोकारो से रांची आए थे. रांची के ओरमांझी में प्रो. जयप्रकाश वर्मा नाम के व्यक्ति से अमित को मिलाने के बाद वह वापस लौट गए थे. इसके बाद एक विधायक के करीबी कुमार गौरव उर्फ मनोज यादव से मिलने का वक्त निवारण ने लिया. वक्त मिलने के बाद सभी बोकारो से वापस लौटे और शाम छह- से सात बजे के बीच बरही के एक रेस्टोरेंट में विधायक से मिले. विधायक दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गए. इसके बाद अमित सिंह ने मौके पर विधायक की बात महाराष्ट्र के जयकुमार बलखेड़ा से करवाई. दोनों ने एक दूसरे का नंबर आदान- प्रदान किया. इसके बाद विधायक इंडिगो की फलाइट से टिकट कंफर्म होने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए.

इसे भी पढ़ें: सरकार गिराने की साजिश मामले में बाबूलाल ने की SIT जांच की मांग, कहा- JMM का टूल न बने पुलिस



निवारण ने क्या बताया


निवारण ने बताया कि दिल्ली जाने के बाद कुमार गौरव के साथ वह होटल के वेटिंग हॉल में रह गए थे, जबकि स्थानीय विधायकों के साथ लेकर बाकि लोग बड़े नेताओं से मिलने निकल गए थे. बाद में अगले दिन विधायक रांची लौट आए. निवारण ने बताया कि दिल्ली में उसे, अमित और अभिषेक दूबे को जय बानखड़े ने रोक दिया था. 17 जुलाई को सभी का टिकट हुआ, जिसके बाद सभी उसी दिन 9.25 बजे की फ्लाइट से रांची पहुंचे थे. रांची आने के बाद निवारण ने महारानी बस से बोकारो जाने की बात बताई है.



दिए महज 10 हजार

निवारण ने बताया है कि दिल्ली में होटल से निकलने के बाद जय बानखड़े ने महज 10 हजार रुपये अमित को दिए थे. अमित रांची आने के बाद बस दो हजार की रकम दे रहा था, तब ये पैसे उसने लेने से इंकार कर दिया था.

रांची: झारखंड में हेमंत सरकार (Hemant Government) को गिराने की साजिश में आरोपी बनाए गए निवारण कुमार महतो (Nivaran Kumar Mahto) ने अपने कन्फेशन में यह स्वीकार किया है कि सदन में सरकार गिराने के लिए विधायकों के खरीद फरोख्त के बदले उसे 50 लाख देने का लालच दिया गया था. अमित सिंह ने उसे पहले लालच दिया था कि अगर वह उसके संपर्क में होता तो वो विधानसभा में उसे बोकारो से उम्मीदवार बना देता. निवारण ने विधानसभा 2019 का चुनाव (Assembly Election 2019) बोकारो विधानसभा से हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा सेक्यूलर की टिकट पर लड़ा था. पुलिस को दिए अपने 2 पन्नों के बयान में निवारण ने कई अहम खुलासे किए हैं.

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फल विक्रेता है निवारण


गिरफ्तार निवारण झारखंड विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है और पेशे से वह फल विक्रेता है. लेकिन उसके अंदर राजनीतिक महत्वाकांक्षा कूट-कूट कर भरी है. राजनीति से जुड़े होने की वजह से वह स्थानीय नेताओं के संपर्क में रहता था और इसी संपर्क का फायदा उठाने के एवज में उसे साजिश में शामिल किया गया था.



विधायक के करीबी कुमार गौरव उर्फ मनोज से हुई लाइजनिंग

निवारण ने बताया है कि 15 जुलाई को अमित कुमार सिंह और चालक दीपू के साथ वह बोकारो से रांची आए थे. रांची के ओरमांझी में प्रो. जयप्रकाश वर्मा नाम के व्यक्ति से अमित को मिलाने के बाद वह वापस लौट गए थे. इसके बाद एक विधायक के करीबी कुमार गौरव उर्फ मनोज यादव से मिलने का वक्त निवारण ने लिया. वक्त मिलने के बाद सभी बोकारो से वापस लौटे और शाम छह- से सात बजे के बीच बरही के एक रेस्टोरेंट में विधायक से मिले. विधायक दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गए. इसके बाद अमित सिंह ने मौके पर विधायक की बात महाराष्ट्र के जयकुमार बलखेड़ा से करवाई. दोनों ने एक दूसरे का नंबर आदान- प्रदान किया. इसके बाद विधायक इंडिगो की फलाइट से टिकट कंफर्म होने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए.

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निवारण ने क्या बताया


निवारण ने बताया कि दिल्ली जाने के बाद कुमार गौरव के साथ वह होटल के वेटिंग हॉल में रह गए थे, जबकि स्थानीय विधायकों के साथ लेकर बाकि लोग बड़े नेताओं से मिलने निकल गए थे. बाद में अगले दिन विधायक रांची लौट आए. निवारण ने बताया कि दिल्ली में उसे, अमित और अभिषेक दूबे को जय बानखड़े ने रोक दिया था. 17 जुलाई को सभी का टिकट हुआ, जिसके बाद सभी उसी दिन 9.25 बजे की फ्लाइट से रांची पहुंचे थे. रांची आने के बाद निवारण ने महारानी बस से बोकारो जाने की बात बताई है.



दिए महज 10 हजार

निवारण ने बताया है कि दिल्ली में होटल से निकलने के बाद जय बानखड़े ने महज 10 हजार रुपये अमित को दिए थे. अमित रांची आने के बाद बस दो हजार की रकम दे रहा था, तब ये पैसे उसने लेने से इंकार कर दिया था.

Last Updated : Jul 26, 2021, 6:20 AM IST
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