रांची: झारखंड राज्य सहकारी बैंक के रांची और सरायकेला शाखा में वित्तीय अनियमितता के मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो करेगा. फाइनेंस डिपार्टमेंट के स्पेशल ऑडिट में लगभग 15 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को इस मामले में दोषी पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है. स्पेशल ऑडिट में यह बात सामने आई है कि रांची शाखा में 9.98 करोड़ रुपए जबकि सराइकेला शाखा में 5.22 करोड़ों रुपए से अधिक की वित्तीय अनियमितता हुई है.
मामले की जांच पहले विभाग की ओर से की गई थी
कृषि पशुपालन और सहकारिता विभाग ने झारखंड राज्य सहकारी बैंक की रांची और सरायकेला शाखा में गबन का मामला सामने आने पर तत्कालीन निबंधक सहयोग समितियां और विभागीय सचिव के संयुक्त जांच दल का गठन किया था. जांच दल ने इस मामले में दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. इसमें लाल मनोज नाथ शाहदेव, तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी, चाईबासा एवं जयदेव सिंह, तत्कालीन महाप्रबंधक झारखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड और रामकुमार प्रसाद तत्कालीन प्रबंध निदेशक देवघर जामताड़ा सहकारी बैंक को निलंबित किया गया था.
रांची शाखा में भी बरती गई थी अनियमितता
विभागीय ऑडिट और जांच के बाद सरकार को जमा की गई रिपोर्ट में अनियमित तरीके से लोन लेने, तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक पर शाखा प्रबंधक जादूगोड़ा शाखा में तैनात उमेश चंद्र सिंह के अनियमित रूप से सेवा विस्तार किए जाने, रांची के शहीद चौक स्थित बैंक भवन के नवीकरण कार्य में अनियमितता बरतने, चेक मुद्रण के विषय में अनियमितता बरतने, कंप्यूटर सहायक की नियुक्ति में अनियमितता बरतने और गुमला सिमडेगा केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्मियों को नियम विरुद्ध तरीके से सेवा नियमितीकरण करने का आरोप है.
सराइकेला शाखा में भी हुई थी गड़बड़ियां
झारखंड राज्य सहकारिता बैंक के सरायकेला शाखा में फर्जी एंट्री करते हुए राशि का समायोजन किए जाने काफी मामला सामने आया था. फर्जी बैंक ड्राफ्ट बना राशि का गबन करने, बिना बजट के नकद व्यय कर गबन करने, अनियमित और असुरक्षित चेक परचेज किए जाने और बिना सिक्योरिटी क्या नियमित रूप से एडवांस दिए जाने से संबंधित आरोप वित्त विभाग के स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट में भी सामने आए हैं.