ETV Bharat / state

2022 में पलामू टाइगर रिजर्व ने बटोरी सुर्खियां, चार हाथियों की मौत से मचा हंगामा

author img

By

Published : Dec 21, 2022, 7:59 PM IST

Palamu Tiger Reserve
Palamu Tiger Reserve

झारखंड के इकलौता टाइगर रिजर्व पलामू टाइगर रिजर्व की कहानी भी 2022 में खट्टी मीठी रही (year 2022 was special for Palamu Tiger Reserve). भारत के नौ टाइगर रिजर्व में से एक पीटीआर में साल 2022 में चार हाथियों की मौत हो गई. वहीं अच्छी बात ये रही कि यहां तेंदुओं की संख्या में इजाफा हुआ है. प्रबंधन पीटीआर को टाइगर सफारी बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है.

पलामू: साल 2022 अब खत्म हो रहा है. यह पूरा साल वन्य जीवों के लिए भी खास रहा. पलामू टाइगर रिजर्व भी पूरे साल अलग-अलग मामलों के लिए चर्चित रहा. पिछले 12 महीने पलामू टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के लिए कई उपलब्धि रही. वहीं इस साल में वन्य जीवों को नुकसान भी हुआ. पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में कई हाथियों की मौत के लिए भी चर्चित रहा. 2022 में पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में चार हाथियों की मौत हुई, जिसमें एक हाथी का बच्चा भी शामिल है.

ये भी पढ़ें: पलामू में दिखा दुर्लभ इजिप्शियन वल्चर का झुंड, विलुप्ति की कगार पर हैं सफेद गिद्ध

पलामू टाइगर रिजर्व की पहचान पूरे विश्व में है. 1932 में पूरी दुनिया में पहली बार यहीं से पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके से ही बाघों की गिनती शुरू हुई थी. उस दौरान पलामू टाइगर रिजर्व का गठन नहीं हुआ था, लेकिन पलामू जिला था. 1932 में अंग्रेजी डीएफओ जेडब्ल्यू निकोलसन में बाघों की गिनती करवाई थी. पलामू टाइगर रिजर्व जनवरी के महीने से बाघों की गिनती शुरू हुई थी जो जुलाई के अंतिम दिन तक चली. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निगरानी में हुए बाघों की गिनती में पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में दो बाघों की होने की पुष्टि हुई है.


हाथियों की मौत पर झारखंड हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान: पलामू टाइगर रिजर्व का इलाका 2022 में हाथियों के मौत के लिए भी चर्चित रहा. 2022 में पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में एक हाथी के बच्चे समेत चार हाथियों की मौत हुई. जिसके बाद झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया और पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से मामले में जवाब मांगा. कोर्ट ने अधिकारियों के शशरीर कोर्ट में हाजिर होने का भी निर्देश जारी किया. पलामू टाइगर रिजर्व के गारु के इलाके में जुलाई-अगस्त में पहाड़ से फिसल कर एक हाथी की मौत हुई थी. सितंबर अक्टूबर महीने में बिजली के करंट से हाथी की मौत हुई थी. अक्टूबर महीने में है पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने कोयल नदी से एक हाथी के बच्चे को रेस्क्यू किया था. बाद में हाथी के बच्चे की मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें: पलामू टाइगर रिजर्व में इको टूरिज्म को दिया जाएगा बढ़ावा, टूरिस्ट स्थल पर बढ़ाई जा रही सुविधा

पीटीआर में टाइगर सफारी बनाने की योजना, थर्ड लाइन को लेकर बढ़ा विवाद: 2022 में पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने लोगों के लिए टाइगर सफारी बनाने की योजना पर काम करना शुरू किया है. टाइगर सफारी बनाने को लेकर पीटीआर प्रबंधन ने राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा है. राज सरकार द्वारा प्रस्ताव के अनुमोदन के बाद इसे जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा. पलामू टाइगर रिजर्व के बाहरी हिस्से में टाइगर सफारी बनाने की योजना है ताकि लोगों को बाघ देखने को मिल जाए. वहीं 2022 में पलामू टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले रेलवे की थर्ड लाइन का विवाद गहरा गया. स्टेट लाइव वर्ल्ड लाइफ बोर्ड ने रेलवे के प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं किया और इसे केंद्र सरकार के पाले में भेज दिया. केंद्र सरकार ने पूरे मामले में पीटीआर के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी. पीटीआर के अधिकारियों ने रेल लाइन के सर्वे का एक बार फिर से आग्रह किया है.



बाघों के इलाके में बढ़ गई तेंदुआ की संख्या: पलामू टाइगर रिजर्व पूरे भारत में बाघों के लिए चर्चित रहा है, लेकिन 2022 में पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघों की संख्या तो नहीं बढ़ी, लेकिन तेंदुआ की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अनुसार इलाके में 100 से अधिक तेंदुआ मौजूद है. बाघों की गिनती के दौरान कई तेंदुए ट्रैक हुए हैं.

पलामू टाइगर रिजर्व के बारे में कुछ जानकारी: पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बेतला नेशनल पार्क है जहां पर्यटक घूमने आते हैं. टाइगर रिजर्व के इलाके में कोयल और औरंगा नदी हैं. मंडल डैम भी इसी इलाके में है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पौधों की 970 प्रजातियां हैं. यहां 131 प्रकार के जड़ी बूटी है. यहां स्तनधारी जातियां 47 हैं, जबकि पक्षियों के 174 प्रकार हैं. स्तनधारी में बाघ, हाथी, तेंदुआ, सांभर, हिरण, लंगूर प्रमुख हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.