पलामू: नीलाम्बर पीताम्बर यूनिवर्सिटी में हंगामा करने के मामले के आरोपी छात्रों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. गौरतलब है कि 2014 में छात्र हितों के सवाल को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बड़ा आंदोलन किया था. आंदोलन के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. लाठीचार्ज के बाद जिला प्रशासन की तरफ से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था.
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पूरे मामले में सोमवार को पलामू कोर्ट में सुनवाई हुई. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. साक्ष्य के अभाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अमित तिवारी, तत्कालीन विश्वविद्यालय संयोजक ज्योति पांडेय, विभाग संयोजक रोहित पाठक प्रदेश कार्यकारी समिति सदस्य रितेश चौबे, आयुष तिवारी, जिला संयोजक श्वेतांग गर्ग, नगर प्रमुख दीपक पांडे प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हरिवंश सिंह, गढवा के जिला संयोजक अनुज सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है.
अमित तिवारी और ज्योति पांडेय ने बताया कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. उस दौरान छात्र हितों को लेकर आंदोलन किया गया था. छात्र हितों को लेकर आंदोलन हुआ था. छात्रों की समस्याओं को लेकर मांगें रखी जाएगी और आंदोलन भी किया जाएगा. 6 अगस्त 2014 को पलामू के नीलाम्बर पीताम्बर यूनिवर्सिटी में छात्र हितों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने घेराव के कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसी कार्यक्रम के दौरान हंगामा और लाठीचार्ज हुआ था. तत्कालीन प्रखंड कल्याण पदाधिकारी गणेश सिंह ने मामले में छात्र नेताओं खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 447, 323, 332, 353, 427 के तहत एफआईर हुआ था. सभी आरोपी छात्र सोमवार को पलामू कोर्ट में प्रस्तुत हुए थे, जहां साक्ष्य के अभाव में सभी को बरी किया गया है.