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पलामू: मनरेगा के तहत पर्याप्त रोजगार नहीं मिल रहा, कई मजदूरों काम से वंचित

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Published : Jun 26, 2020, 12:11 AM IST

पलामू में कोरोना काल में हजारों प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की, जिन्हें रोजगार देना झारखंड सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. इन मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार देने का सरकार लगातार पहल कर रही है, लेकिन आज भी हजारों मजदूर रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

Initiative to provide employment to workers under MNREGA is insufficient in palamu
मनरेगा सभी को रोजगार देने के लिए नाकाफी

पलामू: कोरोनो काल के बाद पलामू में मजदूरों और प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध करवाना बड़ी चुनौती है. रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा के तहत 4 हजार योजनाओं पर काम शुरू किया गया है. जिले के 1,871 गांव में एक साथ मनरेगा के तहत योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू किया गया है. पलामू में कोरोना काल में लगभग 40 हजार प्रवासी मजदूर लौटे हैं, जिनमें से मनरेगा के तहत 15 से 20 हजार लोग काम करने को इच्छुक हैं. मनरेगा के तहत बागवानी, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो खेल विकास योजना पर काम शुरू किया गया है. वीर शहीद पोटो खेल विकास योजना के तहत हर पंचायत में एक खेल के मैदान को विकसित किया जाना है.

रोजगार के कम अवसर

पलामू में मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाने की पहल नाकाफी साबित हो रही है. काम की मांग के अनुसार मजदूरों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. मजदूरों का साफ कहना है की मनरेगा से काम मिलने से वे बेहद खुश हैं, लेकिन ऐसे दर्जनों मजदूर हैं जिन्हें काम नहीं मिल पा रहा है. कई ऐसे भी गांव है जिन्हें मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं की जानकारी नहीं है.

देखें स्पेशल स्टोरी

मनरेगा के तहत अपने खेत में आम की बागवानी करवा रहे संजय मेहता ने बताया कि उनके पास काम मांगने के लिए 46 मजदूर पंहुचे थे, लेकिन कुछ को ही काम उपलब्ध करवा पाए. मजदूरों का कहना है की मनरेगा में मजदूरी बेहद कम है इसे बढ़ाने की जरूरत है. पलामू में मनरेगा के तहत 2 लाख 22 हजार 633 मजदूर निबंधित हैं, जिनमें से जून के दूसरे सप्ताह तक 39 हजार 686 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया था.

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स्किल के माध्यम से मिल रोजगार
पलामू के डीसी डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि का कहना है कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर लौटे हैं. स्किल के माध्यम से उन्हें कई कैटेगरी में बांटा गया है, ताकि उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके. डीसी ने बताया की मनरेगा के माध्यम से भी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. मनरेगा के तहत तीन तरह की योजना की शुरुआत की गईं हैं, ताकि बरसात के दिनों में भी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके.

जिले को मिले हैं 2,661 लाख रुपये
वितीय वर्ष 2020-21 में पलामू जिले को 2661 लाख रुपए मनरेगा के तहत मिले हैं, ताकि मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके. वहीं जिले में अब तक 1,926 लाख की योजना पर काम चल रहा है, जबकि 737 लाख रुपया जिले के पास बचे हैं जिससे काम शुरू किया जाना है.

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