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देह व्यापार का दर्दः सेक्स वर्कर्स को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल, जानिए कैसे समाज से जुड़ेंगी ऐसी महिलाएं

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Published : Nov 30, 2020, 7:15 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 10:03 AM IST

पलामू में देह व्यापार कर रही महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल शुरू हुई है. एनजीओ को नेशनल हेल्थ की ओर से देह व्यापार में पकड़ी गई लड़कियों और महिलाओं के लिए रोजगार का साधन जुटाने की भी कोशिश हो रही है.

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देह व्यापार का दर्द

पलामूः जिला में देह व्यापार का बड़ा रैकेट है. करीब 860 महिलाएं इससे जुड़ी हैं. इनका कोई रैकेट नहीं है बल्कि से छोटे-छोटे समूहों में काम करती हैं. देह व्यपार में स्कूली बच्चियों से लेकर 35 वर्ष तक की महिलाएं भी हैं पलामू में पिछले एक वर्ष में छापेमारी कर दो जगहों से देह व्यपार में शामिल महिलाओ को पकड़ा गया था. 18 सितंबर को एक होटल से जबकि आठ महीने पहले शहर के विभिन्न इलाकों से पकड़ा गया था. इस व्यापार में 05 से 08% स्कूली बच्चियां हैं, पलामू में सेक्स रैकेट को लेकर फर्ज नामक संस्था काम कर रही है. जो आज इन लड़कियों और महिलाओं को नई दिशा देने के लिए आगे बढ़ी है. साथ उनके लिए नई और बेहतर जिंदगी का आयाम देने की तैयारी में है.

SPECIAL REORT: देह व्यापार का दर्द
महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की पहलनेशनल हेल्थ मिशन के पलामू डीपीएम दीपक कुमार बताते हैं कि देह व्यपार से जुड़ी महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की जा रही है. फर्ज की ओर से ऐसी महिलाओं को ट्रैक कर उनको मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जेएसएलपीएस से बातचीत की जानी है ताकि उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा सके. वो बताते हैं कि ऐसा देखा गया है कि सीमावर्ती इलाके में यह अधिक है. पलामू, बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा से काफी नजदीक है. विभाग की पहल है कि उन्हें इस दलदल से बाहर निकाला जाए. फिलहाल जितने भी महिलाएं ट्रैक हुई हैं उनकी काउंसेलिंग की जा रही है.

40 प्रतिशत महिलाएं है बेहद गरीब
महिला सेक्स वर्कर के बीच काम करने वाली संस्था फर्ज की मानें तो इस देह व्यापार में शामिल 40 प्रतिशत महिलाएं बेहद गरीब हैं. फर्ज के प्रोग्राम मैनेजर आलोक कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना काल में महिलाओं की संख्या बढ़ी है. इस धंधे में कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जो एचआईवी पॉजिटिव हैं. 18 से 35 वर्ष की महिलाओं की संख्या अधिक है. फर्ज उन महिलाओं के बीच जाती है उन्हें एचआईवी जांच के लिए प्रेरित है करती है, उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की पहल करती है.

पुलिसिया कार्रवाई के बाद धंधे की जगह बदल जाती है
फर्ज के प्रोग्राम मैनेजर आलोक कुमार सिंह बताते हैं कि पुलिस की छापेमारी के बाद महिला सेक्स वर्कर की पहचान हो जाती है. पुलिस की छापेमारी के बाद धंधा बंद नहीं होता बल्कि धंधे का स्थान बदल जाती है. वो बताते हैं कि पुलिस की छापेमारी के बाद उन्हें दुबारा ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो जाता है. पलामू जैसे जगह पर बिहार, यूपी और छत्तीसगढ़ से भी महिलाएं पंहुच रही है.

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कार्रवाई के साथ पुलिस रख रही है नजर
एसडीपीओ सदर संदीप कुमार गुप्ता बताते हैं कि इस व्यपार में शहर और ग्रामीण दोनों जगह की महिलाएं जुड़ी हुई हैं. पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही और अपील भी कर रही है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई की योजना तैयार किया है और इस पर भी नजर बनाए हुए है. पलामू में देह व्यपार से मेदिनीनगर, हुसैनाबाद, पाटन, बिश्रामपुर, चैनपुर के इलाके की अधिकतर महिलाएं जुड़ी हुई हैं.

वाराणसी और रांची से जुड़ा है नेटवर्क
पलामू के देह व्यापार के का एक नेटवर्क वाराणसी और रांची से जुड़ा हुआ है. फरवरी में मेदिनीनगर के विभिन्न इलाकों से 08 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था, जो इस नेटवर्क में शामिल थीं. इस रैकेट में गढ़वा एक महवपूर्ण कड़ी है. पुलिस को जो जानकारी मिली है कि मेदिनीनगर में रैकेट ग्राहकों से 500 से 10000 रुपये तक की वसूली करता है. वाराणसी और रांची से आने वाले लड़कियों को हाई प्रोफाइल जगहों पर भेजा जाता है, जिसके एवज में मोटी रकम वसूली जाती है. पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार 10 से 25 प्रतिशत हिस्सा दलाल अपने पास रख लेते हैं.

Last Updated : Dec 1, 2020, 10:03 AM IST
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