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Leopard In Garhwa: आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट पहुंचे गढ़वा, बदला जा रहा केज लगाने का तरीका

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Published : Jan 23, 2023, 4:24 PM IST

Leopard In Garhwa
Betla National Park Palamu

गढ़वा के इलाके में आतंक का पर्याय बने तेंदुए को पकड़ने के लिए अब संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट को बुलाया गया है. इस नई टीम में दो एक्सपर्ट शामिल हैं. टीम ने पहुंच कर तेंदुआ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और वन विभाग की टीम को कई जरूरी सलाह दी. अभी टीम क्षेत्र में घूम-घूमकर वहां की भौगोलिक स्थिति से अवगत हो रही है.

पलामू/गढ़वाः आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए मध्य प्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व एक्सपर्ट की टीम रविवार की रात गढ़वा पहुंच चुकी है. टीम में दो एक्सपर्ट शामिल हैं. जिनके पास अब तक तीन तेंदुए को पकड़ने का अनुभव है. बता दें कि तेंदुआ को पकड़ने के लिए पहले से हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब शफत अली खान इलाके में कैंप कर रहे हैं.

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सोमवार को संजय टाइगर रिजर्व की टीम में शामिल दोनों एक्सपर्ट वन विभाग के अधिकारियों के साथ तेंदुआ प्रभावित इलाका पहुंच कर वहां की भौगोलिक स्थिति का आकलन किया. इस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक सह आरसीसीएफ कुमार आशुतोष ने बताया कि एक्सपोर्ट इलाके में पहुंच चुके हैं और तेंदुआ को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है. एक्सपोर्ट की मदद के लिए वन विभाग की टीम को इस काम में लगाया गया है.

गलत तरीके से लगाया जा रहा केज, साफ दिख रहा था रॉडः संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट ने पाया कि गढ़वा के इलाके में तेंदुआ को पकड़ने के लिए गलत तरीके से केज लगाया जा रहा था. तेंदुआ को पकड़ने के लिए लगाए गए केज का रॉड साफ तौर पर दिख रहा था. एक्सपर्ट का कहना है कि इस कारण तेंदुआ उसके अंदर नहीं जा रहा था. दोनों एक्सपर्ट ने अधिकारियों और रेस्क्यू टीम को सलाह दी कि केज को केमोफ्लेजड तरीके से लगाएं, ताकि वह प्राकृतिक लगे. एक का भी हिस्सा दिखना नहीं चाहिए. रॉड या हिस्सा नजर आने पर तेंदुआ केज के अंदर नहीं जाएगा. केज के अंदर सुकर या बकरी को रखा जा रहा है, ताकि उसकी लालच में तेंदुआ केज के अंदर जाए और फंस जाए.

तेंदुआ को मारने की 31 तक की है डेटलाइनः पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने तेंदुआ को मारने के लिए 31 जनवरी तक का डेटलाइन तय की है. इसके बाद तेंदुआ को मारने की अनुमति खत्म हो जाएगी. उसके बाद तेंदुए को पकड़ने की ही अनुमति है. तेंदुआ को मारने के लिए फिर से विभाग को प्रस्ताव बना कर भेजना पड़ेगा. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने पहले तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज करने की अनुमति दी है, इस दौरान विपरीत परिस्थिति होने पर ही तेंदुआ को मारा जाएगा. वहीं शूटर नवाब सफत अली खान के पास जो ट्रैंकुलाइजर है उससे 30 मीटर तक ही शूट किया जा सकता है.

28 दिसंबर के बाद तेंदुआ ने मानव जीवन को नहीं पहुंचाया है नुकसानः हालांकि गढ़वा के इलाके में 28 दिसंबर के बाद से तेंदुआ ने किसी भी मानव जीवन को नुकसान नहीं पहुंचाया है और ना ही उनपर हमला किया है. संजय टाइगर रिजर्व से गढ़वा पहुंचे एक्सपर्ट सिंगरौली, सिद्धी और ओरिया के इलाके में तीन तेंदुए को पकड़ चुके हैं.

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