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सुखाड़ का जायजा लेने हैदरनगर पहुंची जिलास्तरीय टीम, किसानों के साथ किया खेतों का निरीक्षण

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Published : Sep 3, 2022, 7:50 AM IST

पलामू में सुखाड़ (Drought in Palamu) के आंकलन के लिए कैंप कर रही टीम शुक्रवार को हैदरनगर प्रखंड पहुंची. टीम ने कहा कि हैदरनगर में अन्य प्रखंडों से कम वर्षा हुई है. उन्होंने किसानों से बातचीत की खेतों का निरीक्षण किया और फिलहाल वैकल्पिक खेती करने की सलाह दी.

team assessed Drought in Palamu Haidernagar
team assessed Drought in Palamu Haidernagar

पलामू: सुखाड़ के आंकलन के लिए पलामू (Drought in Palamu) में कृषि निदेशक निशा उरांव और पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा के नेतृत्व में एक टीम कैंप कर रही है. इस दौरान टीम सभी प्रखंडों के 10 प्रतिशत पंचायतों का दौरा कर रही है. शुक्रवार को जिलास्तरीय कृषि विभाग की टीम ने हैदरनगर प्रखंड क्षेत्र में सुखाड़ का जायजा लिया.

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टीम ने प्रखंड के इन गांवों का लिया जायजा: टीम ने हैदरनगर प्रखंड के चौकड़ी, हेमजा, खरडीहा, इटवा, पटखौलीय और झरि गांव का दौरा कर स्थिति का आंकलन किया. टीम के सदस्यों ने वर्षा की स्थिति, धान की बुआई, फसल की क्षति और सुखाड़ जैसे हालात का जायजा लिया. पलामू जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश कुमार मांझी, उप परियोजना निदेशक परवीन राज, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक वरुण सिंह यादव, प्रभारी बीटीएम यूसुफ आजाद, प्रखंड कृषि पदाधिकारी ज्योति रंजन शामिल थे.

टीम ने किसानों से की बातचीत: टीम ने किसानों की उपस्थिति में खेतों का निरीक्षण किया. वह वास्तविक स्थिति से अवगत हुए. टीम के सदस्यों ने किसानों से बातचीत भी की. किसानों ने बताया कि इस साल बारिश नहीं के बराबर हुई है. बारिश नहीं होने और सिंचाई की सुविधा के अभाव में धान की बुआई नहीं हो पाई. धान के बिचड़े जहां डाले भी गए थे, अब मवेशियों के हवाले कर दिया गया है. बभंडी पंचायत के मुखिया जितेंद्र सिंह और किसान सह समाजसेवी रामप्रवेश सिंह ने कहा कि भादो जैसे माह में नदी में धूल उड़ रही है. आहर, पईन, पोखर, कुएं आदि सभी पारंपरिक जलश्रोत सूखे हैं. खेतों में दरार और घास उगे हैं. अब खाद्यान्न की कमी और पशुओं के चारे का संकट उत्पन्न हो गया है.

सभी प्रखंडों की अपेक्षा हैदरनगर में कम बारिश: जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश कुमार मांझी ने बताया कि जुलाई माह में औसतन 28.90% ही बारिश हुई है. जबकि अगस्त माह में 47.40% बारिश दर्ज की गई है. हैदरनगर प्रखंड में सभी प्रखंडों की अपेक्षा सबसे कम बारिश हुई है. स्थिति अच्छी नहीं है. उन्होंने किसानों को कम बारिश वाली वैकल्पिक खेती करने की सलाह दी. उन्होंने दलहन एवं तिलहन आदि की फसलों को लगाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि धान की फसल नहीं हुई है, उसकी जगह किसानों को रबी की फसल लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. दलहन का अनुदानित बीज शत-प्रतिशत सब्सिडी पर किसानों को मुहैया कराया जायेगा. जिसमें गेहूं, सरसों, कुर्थी, चना आदि बीजों का वितरण किया जाएगा.

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