पैरेंट्स ध्यान दें...कोरोना काल में बच्चों में बढ़ी आपराधिक प्रवृत्ति, मोबाइल गेम से अपराध की राह पर जा रहे बच्चे

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Published : Sep 15, 2021, 6:18 PM IST

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ऑनलाइन क्लास के नुकसान ()

कोरोना काल में बच्चों में आपराधिक प्रवृत्ति बढ़ी है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि पलामू का एक आंकड़ा बता रहा है. मोबाइल गेम खेलने के दौरान बच्चों में गलत आइडिया डेवलप होते हैं और वे आपराधिक घटना को अंजाम देते हैं.

पलामू: बच्चों को स्कूल गए डेढ़ साल से भी अधिक हो गए हैं. कोरोना काल में बच्चों की जिंदगी ऑनलाइन हो गई है. इस व्यवस्था से बच्चों को कितना फायदा हुआ, इसका आकलन होना अभी बाकी है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान बच्चों में आपराधिक प्रवृत्ति बढ़ी है. पलामू रेंज में पिछले डेढ़ वर्ष में विभिन्न गंभीर अपराध के मामले में 150 से अधिक लोग जेल गए हैं जिसमें करीब 40 मामले 15 से 18 वर्ष के बीच के हैं. आधा दर्जन के करीब 10 से 15 वर्ष की उम्र के बच्चे में जेल गए हैं.

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मोबाइल गेम ने आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए किया प्रेरित

पलामू में पिछले डेढ़ वर्षों में कई ऐसे उदाहरण निकल कर सामने आए हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि बच्चों के अपराधीकरण में मोबाइल गेम ने अहम भूमिका निभाई है. पबजी जैसे गेम खेलने वाले बच्चों ने हत्याकांड को अंजाम दिया है. कई बच्चे स्कूल बंद रहने के कारण आपराधिक गतिविधि में शामिल हुए. बच्चे नशा करने और जुआ खेलने के भी आदि हुए हैं. पलामू जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार बताते हैं यह काफी गंभीर मामला है. अगर बच्चे अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं तो इसके लिए पहल करने की जरूरत है. ऐसे बच्चों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

केस स्टडी-1

पबजी खेलने का आदि था दंपती हत्याकांड का आरोपी

पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदनीनगर कुंड मोहल्ले में दंपती हत्याकांड को अंजाम देने वाला आरोपी पबजी जैसे गेम खेलने का आदि था. उसने पुलिस अधिकारियों को बताया था कि पबजी खेलने के कारण उसने हिंसक घटना को अंजाम दिया.

केस स्टडी-2

गेम की तरह बहन के प्रेमी की कर दी हत्या

पलामू के विश्रामपुर पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में एक कम उम्र के बच्चे ने अपनी बहन की प्रेमी की मोबाइल गेम की तरह है हत्या कर दी. वह कई दिनों से प्रेमी की हत्या करना चाहता था लेकिन मोबाइल में गेम खेलने के दौरान उसे आइडिया मिला कि हत्या कैसे करनी है. उसके बाद उसने हत्याकांड को अंजाम दिया.

केस स्टडी-3

मासूमों ने दिया चोरी की घटना को अंजाम

लातेहार के नेतरहाट में 4 मासूमों ने स्कूल में चोरी की घटना को अंजाम दिया था. सभी मासूमों की उम्र 10 से 12 वर्ष के बीच की है. सभी मासूमों को रिमांड होम में रखा गया है. पलामू के उंटारी रोड थाना क्षेत्र में बच्चे स्कूल छूटने पर जुआ खेलने के आदि हो गए है.

लॉकडाउन में परिवार पर बढ़ा है आर्थिक दबाव, बच्चों से हटी निगरानी

लॉकडाउन में परिवार पर आर्थिक दबाव बढ़ा है जिसके कारण परिजनों का ध्यान बच्चों पर कम हुआ है. बच्चों और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता इंदु भगत बताती हैं कि लॉकडाउन में परिवार पर आर्थिक दबाव बढ़ा है जिसके कारण अभिभावकों ने बच्चों पर कम ध्यान दिया. उन्होंने बताया कि रिमांड होम का वो अक्सर जायजा लेती हैं. इस दौरान वह देखती हैं कि कई बच्चे अपराध में शामिल हो रहे है. इंदु बताती हैं कि यह समाज के लिए दुखद है. हर तबके को पहल करने की जरूरत है. अभिभावक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सह सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता किशोर पांडेय बताते हैं कि यह चिंतनीय विषय है. इस पर सभी को ध्यान देने की जरूरत है. बच्चे अपराध की तरफ बढ़ रहे है. उन्होंने बताया कि परिजनों को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है.

बच्चों को अच्छे कार्य में लगाने और लत को छुड़ाने की जरूरत: एसपी

एसपी चंदन कुमार सिन्हा का कहना है कि कभी-कभी देखा गया है कि बच्चे 16 घंटे तक मोबाइल चलाते हैं. बच्चों को बाहर निकलना चाहिए और आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए. एसपी ने कहा कि बच्चों को अच्छे कार्य में लगाने के लिए अभिभावक सलाह दें. साथ ही उन्हें अधिक समय दें.

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