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Cyber Fraud In Palamu: माइक्रो फाइनेंस कंपनी का डाटा हो रहा है लीक, पलामू के ग्रामीण साइबर ठगी का हो रहे शिकार

पलामू में साइबर अपराधी सक्रिय हैं. साइबर अपराधियों के हाथ माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का डाटा लग गया है. जिसकी मदद से साइबर अपराधी ग्रामीण इलाके के भोले-भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. वहीं मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस जांच में जुट गई है.

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Cyber Fraud In Name Of Getting Loan In Palamu
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Published : Jul 16, 2023, 6:59 PM IST

पलामूः माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का डाटा लीक हो रहा है और इसका फायदा साइबर अपराधी उठाने लगे हैं. पलामू के इलाके में बड़े पैमाने पर साइबर अपराधियों ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी से ऋण लेने वाले लोगों को शिकार बनाया है. ग्रामीण ठगी का शिकार होने के बाद शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पलामू में दो अलग-अलग थाना क्षेत्र में दो लोग ठगी का शिकार हुए हैं.

ये भी पढ़ें-साइबर अपराधियों ने सेवानिवृत्त कर्मी के खाते से उड़ाया 21 लाख रुपये, एप्लिकेशन डाउनलोड करा कर लगाया चूना

ऋण देने के नाम पर साइबर अपराधियों ने दो लोगों को बनाया निशानाः जानकारी के अनुसार पलामू के पांकी रोड के इलाके के रहने वाले राजेन्द्र साव नामक व्यक्ति की पत्नी ने एक निजी फाइनेंस कंपनी से ऋण लिया था. ऋण को उन्होंने चुकता भी कर दिया था. कुछ दिन बाद उन्हें एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने बताया कि उनके नाम पर एक और ऋण स्वीकृत हुआ है, लेकिन ऋण लेने के लिए कुछ राशि जमा करनी होगी. राजेंद्र साव उसके झांसे में आ गए और ऋण के लिए ऑनलाइन पैसा जमा कर दिया. पैसे जमा करने के बाद वह ऋण लेने के लिए निजी फाइनेंस कंपनी के कार्यालय में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनके नाम पर कोई ऋण स्वीकृत नहीं हुआ है. इसके बाद राजेंद्र साव को अहसास हुआ कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं. राजेंद्र से करीब सात हजार रुपए की ठगी की गई है. राजेंद्र साव की तरह हुसैनाबाद के रहने वाले राजीव रंजन नामक व्यक्ति भी ठगी के शिकार हुए हैं. राजीव रंजन को भी माइक्रो फाइनेंस कंपनी से ऋण देने के नाम पर साइबर अपराधियों ने ठग लिया था.

छोटी-छोटी रकम उड़ा रहे साइबर अपराधीः माइक्रो फाइनेंस कंपनी ग्रामीण और अन्य लोगों को 20 हजार रुपए से लेकर एक लाख तक का ऋण उपलब्ध कराती है. छोटी राशि लेने वाले ग्रामीणों का डाटा साइबर अपराधियों तक पहुंच गया है. साइबर अपराधी ऋण लेने वाले संबंधित कंपनी का नाम लेकर ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं. साइबर अपराधी ऋण लेने वाले ग्रामीणों से दो हजार रुपए से लेकर सात हजार रुपए तक की ठगी कर रहे हैं. पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर और उसके आसपास के इलाके को ग्रामीणों को साइबर अपराधियों ने सबसे अधिक निशाना बनाया है. इसके अलावा पलामू के हुसैनाबाद और चैनपुर के इलाके में भी ग्रामीण ठगी का शिकार हुए है.

पलामू साइबर थाना पुलिस जांच में जुटीः पलामू साइबर थाना में तैनात पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस इस तरह के मामले में अनुसंधान कर रही है. डाटा लीक होने के बाद ही साइबर अपराधी इस तरह की ठगी कर रहे हैं. पुलिस आम लोगों से सावधान रहने की अपील कर रही है और इस तरह के ठगी में शामिल अपराधियों की तलाश की जा रही है.

पलामूः माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का डाटा लीक हो रहा है और इसका फायदा साइबर अपराधी उठाने लगे हैं. पलामू के इलाके में बड़े पैमाने पर साइबर अपराधियों ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी से ऋण लेने वाले लोगों को शिकार बनाया है. ग्रामीण ठगी का शिकार होने के बाद शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पलामू में दो अलग-अलग थाना क्षेत्र में दो लोग ठगी का शिकार हुए हैं.

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ऋण देने के नाम पर साइबर अपराधियों ने दो लोगों को बनाया निशानाः जानकारी के अनुसार पलामू के पांकी रोड के इलाके के रहने वाले राजेन्द्र साव नामक व्यक्ति की पत्नी ने एक निजी फाइनेंस कंपनी से ऋण लिया था. ऋण को उन्होंने चुकता भी कर दिया था. कुछ दिन बाद उन्हें एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने बताया कि उनके नाम पर एक और ऋण स्वीकृत हुआ है, लेकिन ऋण लेने के लिए कुछ राशि जमा करनी होगी. राजेंद्र साव उसके झांसे में आ गए और ऋण के लिए ऑनलाइन पैसा जमा कर दिया. पैसे जमा करने के बाद वह ऋण लेने के लिए निजी फाइनेंस कंपनी के कार्यालय में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनके नाम पर कोई ऋण स्वीकृत नहीं हुआ है. इसके बाद राजेंद्र साव को अहसास हुआ कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं. राजेंद्र से करीब सात हजार रुपए की ठगी की गई है. राजेंद्र साव की तरह हुसैनाबाद के रहने वाले राजीव रंजन नामक व्यक्ति भी ठगी के शिकार हुए हैं. राजीव रंजन को भी माइक्रो फाइनेंस कंपनी से ऋण देने के नाम पर साइबर अपराधियों ने ठग लिया था.

छोटी-छोटी रकम उड़ा रहे साइबर अपराधीः माइक्रो फाइनेंस कंपनी ग्रामीण और अन्य लोगों को 20 हजार रुपए से लेकर एक लाख तक का ऋण उपलब्ध कराती है. छोटी राशि लेने वाले ग्रामीणों का डाटा साइबर अपराधियों तक पहुंच गया है. साइबर अपराधी ऋण लेने वाले संबंधित कंपनी का नाम लेकर ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं. साइबर अपराधी ऋण लेने वाले ग्रामीणों से दो हजार रुपए से लेकर सात हजार रुपए तक की ठगी कर रहे हैं. पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर और उसके आसपास के इलाके को ग्रामीणों को साइबर अपराधियों ने सबसे अधिक निशाना बनाया है. इसके अलावा पलामू के हुसैनाबाद और चैनपुर के इलाके में भी ग्रामीण ठगी का शिकार हुए है.

पलामू साइबर थाना पुलिस जांच में जुटीः पलामू साइबर थाना में तैनात पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस इस तरह के मामले में अनुसंधान कर रही है. डाटा लीक होने के बाद ही साइबर अपराधी इस तरह की ठगी कर रहे हैं. पुलिस आम लोगों से सावधान रहने की अपील कर रही है और इस तरह के ठगी में शामिल अपराधियों की तलाश की जा रही है.

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