रांची: पलामू के जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार और जिला कल्याण कार्यालय के सहयाक मनोज कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम, 2018) की धारा-7 (ए) के तहत अभियोजन की स्वीकृति दे दी गई है. दोनों को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, पलामू थाना कांड संख्या 10/2021 दिनांक- 05.08.2021 के तहत प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनुसूचित जनजाति, अनसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग विभाग से जुड़े इस मामले के अभियोजन के लिए स्वीकृति दे दी है. मुख्यमंत्री की तरफ से स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
दरअसल, धुमकुड़ीया भवन निर्माण के विरूद्ध आवंटन देने के लिए सरकारी पद का दुरूपयोग करते हुए वादी उमाशंकर बैगा से 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी. उमाशंकर बैगा रिश्वत नहीं देना चाहते थे. इस बात की सूचना उन्होंने पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, पलामू को दी थी. इसके सत्यापन के लिए पुलिस निरीक्षक नागेन्द्र कुमार मंडल को प्राधिकृत किया गया था. सत्यापन के क्रम में आरोप को सही पाए जाने के बाद प्राथमिक अभियुक्त को रिश्वत की राशि के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था. इसी आधार पर प्राथमिकी अभियुक्त पर सरकारी पद का दुरूपयोग करते हुए रिश्वत लेने का आरोप गठित है.