ETV Bharat / state

पाकुड़ सदर प्रखंड के हजारों किसान बाढ़ और सुखाड़ से परेशान, नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

author img

By

Published : Jun 20, 2020, 7:06 AM IST

किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं बनाने का दावा करती है. झारखंड सरकार भी किसानों के हित में कई योजनाएं बनाई है, लेकिन पाकुड़ के हजारों किसानों तक इन योजनाओं का कोई लाभ नहीं पहुंचा है. सरकार की अबतक कोई स्पष्ट नीति नहीं बनने के कारण हजारों किसान आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं.

Problem of Pakur farmers
डिजाइन इमेज

पाकुड़: किसानों की आय दोगुनी करने, कम खर्च में अधिक ऊपज करने और किसानों को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार कई योजनाएं बनाई है. सरकार किसान और मजदूरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कई योजनाएं भी बना रही है, लेकिन पाकुड़ में एक ऐसा भी प्रखंड है जहां सरकार की अबतक स्पष्ट नीति नहीं बन पाने के कारण हजारों किसान आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिंचाई सुविधाएं मुकम्मल की जा रही है. साथ ही खेतों की ऊपज बढ़ाने के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल, खेतों की अच्छी जुताई-बुआई और किसानों को आर्थिक मदद करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के जरिए सरकार किसानों को मदद कर रही है. उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों को खुशहाल बनाने के लिए सरकार योजनाएं बना रही है, लेकिन झारखंड के पाकुड़ जिले में एक ऐसा प्रखंड भी है, जहां शासन-प्रशासन की अबतक स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं. किसानों की परेशानी अधिक बारिश और सुखाड़ के कारण ज्यादा होती है.

सुखाड़ और जलजमाव है समस्या

पाकुड़ के सदर प्रखंड में 36 पंचायत है. जिनमें 24 पंचायतों में बरसात के समय किसानों के खेत पानी में डूब जाता है और यदि सुखाड़ हुआ तो भी खेत फसल विहीन हो जाता है. इस प्रखंड में भूमीगत जल से सिंचाई करने वाले हजारों किसान समय पर बारिश नहीं होने और ज्यादा बारिश होने की परिस्थितियों में परेशान होने को मजबूर है. ऐसा इसलिए हो रहा है कि अबतक की सरकारों ने किसानों को पटसन की खेती में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई योजना नहीं बनाई. इसलिए 800 से 900 हेक्टेयर भूमि पर पटसन खेती करने वाले किसान बदहाल हैं.

सदर प्रखंड के दर्जनों पंचायत के किसान परेशान

पाकुड़ सदर प्रखंड का चांचकी, पृथ्वीनगर, झिकरहट्टी पूर्वी और पश्चिमी, भवानीपुर, फरसा, नवादा, चांदपुर, चेंगाडांगा, सीतापहाड़ी, नबीनगर, इलामी, तारानगर रामचंद्रपुर, कुमारपुर, मदनमोहनपुर, मनिकापाड़ा, नसीपुर सहित दो दर्जन पंचायतों में हर साल अधिक बारिश होने के कारण क्षेत्र जलमग्न हो जाता है. जिससे खेतों में लगाई गई फसल बर्बाद हो जाती है. इस स्थिति में धान के अलावा और कोई दूसरा फसल नहीं हो पाता है. जिसके कारण खेत में लगी अन्य फसलें बर्बाद हो जाती है. फसलों की बर्बादी के कारण आर्थिक और मानसिक रूप से किसान परेशान हो जाते हैं. इन पंचायतों में नसीपुर और सीतापहाड़ी ऐसा पंचायत है जहां के किसान खेतों में अधिक पानी जमा होने के कारण कुछ भी नहीं उपजा पाते. बेमौसम बरसात की भी मार सदर प्रखंड के इन इलाकों के किसानों को झेलनी पड़ती है. इतना ही नहीं बारिश के दिनों में जलजमाव के कारण इस क्षेत्र के अधिकांश लोगों के घरों में पानी घुस जाता है. जिस कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें- जेपीएससी ने जारी किया नया कैलेंडर, अगस्त से शुरू होंगी परीक्षाएं

कांग्रेस-जेएमएम का रहा है गढ़

इस साल मानसून आने के पहले हुई बेमौसम बारिश के कारण किसानों के खेतों में लगाए गए सब्जी और पटसन वाली फसलों को काफी नुकसान हुआ. सरकार में इच्छाशक्ति की कमी और योजनाओं के क्रियान्वय में स्थानीय अधिकारियों की लेट-लतीफी नीति का ही नतीजा है कि 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन रूरल डेवलपमेंट योजना' का भी काम चालू नहीं हो पाया है. पाकुड़ सदर प्रखंड का ग्रामीण इलाका राजनीतिक दृष्टिकोण से कांग्रेस और जेएमएम का गढ़ रहा है. इस क्षेत्र से अधिकांश नेता-मंत्री कांग्रेस के रहे हैं. यह संयोग ही है कि इसी विधानसभा क्षेत्र के विधायक आलमगीर आलम जो पेशे से किसान हैं और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री भी हैं. विपक्ष में रहते हुए आलमगीर आलम ने किसानों के हितों की अनदेखी का आरोप पूर्व की सरकारों पर लगाते रहे हैं. चुनाव के दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि किसानों की स्थिति मजबूत की करेंगे, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है.


झारखंड अलग राज्य बनने के बाद अधिकांश कृषि मंत्री संथाल परगना प्रमंडल से ही हुए हैं, लेकिन न तो मंत्रियों और न ही कृषि अधिकारियों ने पाकुड़ सदर प्रखंड के किसानों की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश नहीं की. सुखाड़ और अधिक बारिश की वजह से आज भी पाकुड़ के किसान परेशान हैं, उन्हें सरकार से समस्याओं का उचित समाधान और मुआवजे की आज भी उम्मीद है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.