पाकुड़ में पेयजल के लिए तरस रहा आदिम जनजाति पहाड़िया समाज, नहीं पहुंच रही प्रशासन की नजर

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Published : Aug 16, 2022, 5:25 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 7:10 PM IST

Primitive tribe Pahadia

पाकुड़ में आज भी लोग पानी की समस्या से परेशान हैं. Primitive tribe Pahadia के लोग आज भी झरने के पानी पर आश्रित हैं. आलम यह है कि जिस झरने पर पेयजल के लिए आश्रित हैं, वह भी इस बार दगा दे गया.

पाकुड़: आजादी के 75 साल पूरे हो गए और देशवासियों ने जोश खरोश के साथ अमृत महोत्सव मनाया. लेकिन झारखंड राज्य के अंतिम छोर में बसे पाकुड़ जिला के मासधारी गांव के पहाड़िया जनजाति(Primitive tribe Pahadia) के लोगों को को पेयजल समस्या से आजादी न तो शासन और न ही प्रशासन में बैठे लोग दिला पाए.


आलम यह है कि जिस झरना पर लिट्टीपाड़ा प्रखंड के मासधारी के ग्रामीण पीने का पानी के लिए गर्व महसूस करते थे, उसने भी बरसात के इस मौसम में उनका साथ छोड़ दिया. ऐसे में गांव में वर्षों पहले की गई बोरिंग और बनाई गई पानी टंकी मासधारी के ग्रामीणों को ऐसा दुख और दर्द दे रहा है जैसे मानो किसी ने जले पर नमक छिड़क दिया हो. ऐसा इसलिए कि आदिवासियों के हितों के लिए कल्याण विभाग द्वारा संचालित समेकित जनजाति विकास अभिकरण जिसने लाखों रुपए खर्च कर मासधारी गांव के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए बोरिंग के साथ पानी टंकी का निर्माण कराया था उससे एक बूंद पानी भी अबतक मासधारी गांव में रहने वाले आदिम जनजाति पहाड़िया(Primitive tribe Pahadia) परिवारों को नहीं मिल पाया है.

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वर्षों से जिस झरना से ग्रामीण पीने का पानी लेते थे वह भी सूख गया है. शासन और प्रशासन के साथ-साथ मौसम की बेरुखी ने भी मासधारी गांव के ग्रामीणों को पेयजल के लिए एक उद्धारक की तलाश के लिए छोड़ दिया है. ग्रामीणों को रोज शुद्ध पेयजल के लिए तीन से चार किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. ग्रामीणों को मवेशियों को पानी पिलाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. पूरे देश में हर घर नल से जल पहुंचाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन अपने इन रहनुमाओं की नजर मासधारी गांव में पेयजल समस्या से जूझ रहे आदिम जनजाति पहाड़िया(Primitive tribe Pahadia) ग्रामीणों पर नहीं पड़ी है. ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2019 में पानी टंकी बनाई गई और इसके बाद ठेकेदार ने मोटर और सोलर नहीं लगाया. ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत से लेकर जिला कार्यालय तक अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गयी परंतु सिर्फ आश्वासन ही मिला.

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में हर घर नल से जल पहुंचाने की दिशा में काम किया जा रहा है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में पेयजल की समस्या जल्द खत्म हो जाएगी. उन्होंने बताया कि लिट्टीपाड़ा प्रखंड के दो गांव में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में पेयजल सप्लाई शुरू कर दी गई है तथा अन्य गांव में जल्द शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाएगा.

पेयजल की समस्या को लेकर डीडीसी शाहिद अख्तर का कहना है कि लिट्टीपाड़ा के सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले आदिम जनजाति पहाड़िया समाज के लोगों को पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए कल्याण विभाग से जलमीनार बनाने का काम चल रहा है, साथ ही जल जीवन मिशन के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है.

Last Updated :Aug 16, 2022, 7:10 PM IST
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