खिलाड़ियों के सपनों पर जर्जर स्टेडियम ने लगाया ब्रेक, जानवरों का चारागाह बना मल्टीपरपस बिल्डिंग

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Published : Aug 25, 2021, 8:24 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 8:59 AM IST

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झारखंड में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. राज्य के कई खिलाड़ियों ने देश और दुनिया में नाम रोशन किया है, लेकिन राज्य के कुछ जिलों में आज भी खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है. जिससे उनकी प्रतिभा दम तोड़ रही है. पाकुड़ में इंडोर गेम (Indoor games) को बढ़ावा देन के लिए मल्टीपरपस बिल्डिंग (Multipurpose building) का निर्माण कराया गया जो आज जर्जर स्थिति में है. स्टेडियम में ग्रामीण मवेशी बांध रहे हैं.

पाकुड़: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर देश को कई मेडल दिलवाए. ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के देश लौटने पर जगह-जगह उनके सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. झारखंड में भी विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए होड़ मची हुई है. लेकिन राज्य के अंतिम छोर में बसे पाकुड़ जिले में खेल का माहौल बनाने और खेल प्रतिभाओं को उभारने की दिशा में सार्थक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. यहां का बहुउद्देशीय भवन (Multipurpose building) पूरी तरह जर्जर अवस्था में है, जिसका देखरेख करने वाला कोई नहीं है.

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पाकुड़ में खिलाड़ियों के प्रतिभाओं को निखारने की बात तो दूर खेल से संबंधित संसाधनों को संभाल कर रखने में भी शासन-प्रशासन नाकाम साबित हुआ है. जिले के सदर प्रखंड के दुर्गापुर में करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया बहुउद्देशीय भवन जर्जर अवस्था में है. तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की सरकार के कार्यकाल में दुर्गापुर में मल्टीपरपस बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था. बिल्डिंग निर्माण कराने का मकसद इंडोर गेम को बढ़ावा देना और इन खेलों से जुड़ी प्रतिभाओं को सामने लाना था लेकिन इस उद्देश्य को हासिल करने में सरकार नाकाम साबित हो गई है. आज बिल्डिंग की दशा और दुर्दशा को देखकर सरकार की खेल के प्रति उदासीनता देखने को मिल रही है.

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मल्टीपरपस बिल्डिंग का खिड़की और दरवाजा चोरी

मल्टीपरपस बिल्डिंग में लगी खिड़कियां, दरवाजे सभी चोर ले भाग गए. आज यह बिल्डिंग शासन और प्रशासन में बैठे उन लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है जो राज्य में खेल को बढ़ावा देने और खेल प्रतिभाओं को बेहतर अवसर देने का दावा कर रहे हैं. जिले के खेल प्रेमी और खिलाड़ी भी शासन और प्रशासन की उदासीनता का दंश झेल रहे हैं. जिले में वैसे तो इंडोर, आउटडोर जिलास्तरीय स्टेडियम बनाए गए हैं, लेकिन इसका उपयोग यहां के अधिकारियों और शहर के लोग मॉर्निंग वॉक और जॉगिंग के लिए कर रहे हैं. खेल का आयोजन तो खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए सपने जैसा हो गया है.

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मल्टीपरपस बिल्डिंग में मवेशी

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स्टेडियम बना असमाजिक तत्वों का अड्डा
शाहरकोल पंचायत की मुखिया चित्रलेखा गौड़ और खेल संघ से जुड़े प्रतिनिधियों ने बताया कि कई बार शासन प्रशासन में बैठे अधिकारियों और मंत्रियों का ध्यान इस ओर दिलाया गया लेकिन किसी ने पहल नहीं की. जिसके कारण आज इंडोर स्टेडियम जर्जर हो गया है. स्टेडियम में ग्रामीण मवेश बांध रहे हैं और हर समय यहां असमाजिक तत्वों को डेरा लगा रहता है.

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जर्जर स्टेडियम


स्टेडियम को जल्द करवाया जाएगा दुरुस्त: सांसद

वहीं, इस मामले को लेकर राजमहल संसदीय क्षेत्र के सांसद विजय हांसदा का कहना है कि राज्य सरकार खेल को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. दुर्गापुर इंडोर स्टेडियम की जांच प्रशासनिक अधिकारियों से कराई जाएगी. उसके बाद जल्द व्यवस्था दुरुस्त किया जाएगा. जबकि डीसी वरुण रंजन ने कहा कि खेल को आगे बढ़ाने के लिए जिला खेलकूद पदाधिकारी और कमेटी के साथ बैठक की गई है. खिलाड़ियों को हरसंभव मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जिले में जहां भी स्टेडियम जर्जर अवस्था में है, उसे चिन्हित कर दुरुस्त कराया जाएगा.

Last Updated :Aug 26, 2021, 8:59 AM IST
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