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मददगार साबित हो रही मोहल्ला क्लास, गांव-गांव में जगी शिक्षा की अलख

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Published : Jul 23, 2021, 6:08 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 11:36 AM IST

कोरोना (Corona) का सबसे बुरा असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ा. स्कूल समेत तमाम शिक्षण संस्थानों पर अब तक ताला लटका हुआ है. अनलॉक की प्रक्रिया के बाद भी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को रियायत नहीं मिली है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई करवाने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं. पाकुड़ में ऐसी ही पहल की गई है. डीसी के निर्देश पर मोहल्ला क्लास (Mohalla Class) आज ग्रामीण बच्चों के लिए मददगार साबित हो रही है.

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मोहल्ला क्लास

पाकुड़: जिला शिक्षा विभाग (District Education Department) की ओर से बहाल की गई मोहल्ला क्लास (Mohalla Class) व्यवस्था का लाभ नेटवर्क विहीन और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित गांव के बच्चे भरपूर लाभ उठा रहे हैं. जिन अभिभावकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल (Android Mobile) नहीं है और जहां नेटवर्क की समस्या उत्पन्न हो रही थी. वहां अब मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराया जा रहा है. पाकुड़ डीसी (Pakur DC) के निर्देश पर यह प्रयास अब रंग ला रहा है.

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कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की वजह से सरकार की ओर से विद्यालयों में पठन-पाठन बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) की व्यवस्था शुरू की गई थी. जिला में 1 लाख 38 हजार 882 नामांकित बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा मुहैया करानी थी. शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई शुरु भी करवाया. लेकिन अधिकांश ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क नहीं रहने के साथ ही बच्चों के अभिभावकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल की अनुपलब्धता की वजह से शत-प्रतिशत बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे थे.

विभिन्न स्कूलों में नामांकित बच्चों के विरुद्ध जिला के 27 हजार बच्चे ही ऑनलाइन क्लास का लाभ ले पा रहे. प्रशासन की ओर से मोहल्ला क्लास के जरिए स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की पहल शुरू की गई. धीरे-धीरे इसका असर भी उन इलाकों में होने लगा, जहां मोबाइल का नेटवर्क (Mobile Network) नहीं है. आज स्कूली बच्चे ना केवल मोहल्ला क्लास में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं बल्कि बच्चों के अभिभावक शासन-प्रशासन की बहाल इस व्यवस्था का गुणगान भी कर रहे हैं.

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कोरोना संक्रमण की वजह से जारी गाइडलाइन के बाद सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन बंद कर दिया गया था. स्कूल बंद होने की वजह से बच्चे पोषाहार का लाभ भले ही उठा पा रहे थे, पर उनकी शिक्षा की भूख मिटा पाने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा था. स्कूलों में पढ़ाई बंद हो जाने की वजह से बच्चे खेलने-कूदने के साथ ही मवेशी चराने में अपना समय बिताया करते थे. घर में रह रहे ऐसे बच्चों की पढ़ाई और अभिभावकों की परेशानी को समझते हुए मोहल्ला क्लास की पहल की गई.

झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने प्रदेशभर में मोहल्ला क्लास चलाने का निर्णय लिया. जिसके माध्यम से बच्चों को उनके मोहल्ले में किसी सार्वजनिक स्थान पर पढ़ाई कराई जाए. इसके लिए शिक्षकों की भी तैनाती की गई, जो ऐसे बच्चों को पढ़ाएंगे. सरकार के इस फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए पाकुड़ डीसी वरुण रंजन (Pakur DC Varun Ranjan) ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान नेटवर्क विहीन गांव में मोहल्ला क्लास को चालू कराने का निर्देश दिया.

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ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) की व्यवस्था के तहत एंड्रॉयड मोबाइल (Android Mobile) से पठन-पाठन के दौरान ऐसे बच्चे जिनके पास मोबाइल थे, वो भी स्पष्ट तरीके से शिक्षकों की ओर से दी गई जानकारी को समझ नहीं पाते थे. इतना ही नहीं अभिभावकों के पास मोबाइल अपने पास रखने के कारण भी कभी कभार बच्चों को ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ नहीं मिल पाता था. आज मोहल्ला क्लास शुरू होने से बच्चे सुलभ तरीके से पठन-पाठन कर रहे हैं और शिक्षा विभाग की ओर से दी गई शैक्षणिक जानकारियां ग्रहण भी कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 24, 2021, 11:36 AM IST
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