पाकुड़: साल 2020 पाकुड़ के लिए मिलाजुला रहा. कोरोना का असर यहां भी देखने को मिला, जिसके कारण कई विकास योजनाएं बाधित हुई. विषाक्त भोजन खाने से 3 बच्चों की मौत के कारण पाकुड़ साल के आखिरी में चर्चा का केंद्र रहा. वहीं, साइबर अपराधी से भी पाकुड़ के लोग परेशान रहे. इसको लेकर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है.
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साल 2020 के शुरुआती में नए सरकार का गठन हुआ. पाकुड़ से आलमगीर आलम ग्रामीण विकास मंत्री बने. अपने क्षेत्र के मंत्री से लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन कोरोना के कारण सबकुछ बंद रहा.
लॉकडाउन में खासकर मजदूर, छोटे व्यवसाई की स्थिति दयनीय हो गयी. पाकुड़ जिले में बीड़ी और पत्थर उद्योग से जुड़े हजारों मजदूरों का रोजगार चला गया तो छोटे उद्योग चलाने वाले कारोबारी अनलॉक के बाद भी उभर नहीं पाए हैं. अधिकांश बड़े कारोबारियों के चेहरे में अनलॉक के बाद खुशी देखी गयी, लेकिन एनजीटी के एक फैसले ने इन्हें फिर से मायूस कर दिया. 250 पट्टेधारियों को 725 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया गया.
साल 2020 के जून महीने में महेशपुर प्रखंड के जुगिडीह में ठनका गिरने से 3 बच्चे समेत 2 व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि दो बच्चे इसकी चपेट में आने से झुलस गए.
साल 2020 के अक्टूबर महीने में पाकुड़िया प्रखंड में विषाक्त भोजन खाने से एक ही परिवार के तीन बच्चे की मौत हो गयी, जबकि उसके माता-पिता की तबियत बिगड़ गयी थी.
महेशपुर प्रखंड में साइबर अपराधियों ने दर्जनों पीएम आवास लाभुकों के बैंक खाते से लाखों रुपये की निकासी कर ली. इससे लाभुक परेशान रहे. हालांकि, पुलिस ने कई साइबर अपराधियों को धर दबोचा और उसके पास से एटीएम, नकली थंब, बैंक पासबुक, कई मशीन को जब्त किया, लेकिन राशि की रिकवरी अभी तक नहीं हो पाई है.
साल 2020 में पहली बार वन विभाग की कार्रवाई से कोल कंपनी, ट्रांसपोर्टर ही नहीं बल्कि रेलवे को भी झटका लगा. बिना ट्रांजिट परमिट के कोयला का परिवहन किये जाने के मामले में वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने कोयला से लदे इंजन सहित 59 मालगाड़ी के डिब्बे को जप्त करते हुए कोल कंपनी के एक साइड इंचार्ज को हिरासत में लिया था, जो आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है.