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नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों के लिए पहली बार सड़क मार्ग से रवाना हुए मतदान कर्मी, पुलिस प्रशासन ने बढ़ाया हौसला

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Published : May 12, 2022, 3:50 PM IST

लोहरदगा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के मतदान केंद्र के लिए गुरुवार को मतदान कर्मी पहली बार सड़क मार्ग से रवाना हुए हैं. लोहरदगा पुलिस ने इनका हौसला बढ़ाया है. इन सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव संपन्न कराने को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

Naxal affected polling stations
Naxal affected polling stations

लोहरदगा: जिला के नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों के लिए गुरुवार को मतदान कर्मी रवाना हो गए. खास बात यह है कि मतदान कर्मी पहली बार हेलीकॉप्टर से ना जाकर सड़क मार्ग से अपने-अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना हुए हैं. यह सभी मतदान कर्मी अगले 36 घंटों तक सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहेंगे. जहां पर 14 मई को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के बाद वापस लौट आएंगे. लंबे समय के बाद ऐसा हो रहा है कि मतदान कर्मी हवाई मार्ग से नहीं ना जाकर सड़क मार्ग से गए हों. हालांकि इस बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजमात थे.

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कुल 21 मतदान कर्मी हुए हैं रवाना: जिला के सुदूरवर्ती पेशरार और सेरेंगदाग इलाके में स्थित मतदान केंद्रों के लिए कुल 21 मतदान कर्मी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान से संबंधित सामान लेकर रवाना हुए हैं. समाहरणालय परिसर में खुद उपायुक्त डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण, एसपी आर रामकुमार, डीएसपी अभियान दीपक कुमार पांडे सहित अन्य अधिकारियों ने उपस्थित रहकर मतदान कर्मियों का हौसला बढ़ाया. मतदान कर्मी भी चुनाव व्यवस्था को लेकर काफी खुश नजर आए हैं. इन क्षेत्रों में मतदान संपन्न कराना पुलिस प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

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यहां 10 दिनों तक चलाया गया था नक्सल विरोधी अभियान: पेशरार प्रखंड में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 62 है, जहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 20608 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 10657 और महिला मतदाताओं की संख्या 9951 है. लंबे समय के बाद मतपत्र के माध्यम से चुनाव कार्य संपन्न हो रहा है. महत्वपूर्ण बात यह है कि यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है. इसी क्षेत्र में विगत 8 फरवरी 2022 से लेकर 10 दिनों तक नक्सल विरोधी अभियान ऑपरेशन डबल बुल चलाया गया था. इस दौरान कुल 11 नक्सली पकड़े गए थे, जबकि एक नक्सली मारा गया था. वहीं, एक नक्सली ने आत्मसमर्पण किया था. नक्सलियों के कई बंकर भी ध्वस्त किए गए थे. भारी मात्रा में नक्सलियों के हथियार और अन्य सामान भी बरामद हुए थे. हालंकि, इस अभियान में लैंड माइंस की चपेट में आने से सुरक्षा बल के दो जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इन सबको देखते हुए पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं.

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