नेता प्रतिपक्ष मामलाः वित्त मंत्री का निर्दलीय विधायक पर तंज, कहा-सरयू पढ़े-लिखे, उनका बयान समझ से परे

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Published : Aug 29, 2021, 10:00 AM IST

Leader of Opposition case  in Jharkhand Assembly Finance Minister took jibe at Independent MLA Saryu rai

झारखंड में नेता प्रतिपक्ष का मामला एक बार फिर उठा है. अबकी निर्दलीय विधायक सरयू राय (Independent MLA Saryu rai) ने इसका समर्थन किया है. उनके बयान पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने तंज किया है.

लोहरदगा : निर्दलीय विधायक सरयू राय की ओर से भाजपा विधायकदल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिए जाने के समर्थन पर झारखंड के वित्त मंत्री ने उनकी पढ़ाई लिखाई पर तंज किया है. डॉ. रामेश्वर उरांव ने लोहरदगा में कहा कि सरयू राय पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं. ऐसे में उनका इस प्रकार का बयान देना समझ से परे है.

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दरअसल, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव कार्यकर्ताओं से मुलाकात और जन समस्याओं के निराकरण को लेकर लोहरदगा पहुंचे हैं. यहां झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने निर्दलीय विधायक सरयू राय की ओर से भाजपा विधायकदल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की सलाह वाले बयान पर टिप्पणी की. मीडिया की ओर से सरयू राय के बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरयू राय पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और इस प्रकार से उनका बयान दिया जाना समझ में नहीं आता.

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नेता प्रतिपक्ष का मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास

वहीं कांग्रेस नेता बंधु तिर्की को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से संबंधित सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक बंधु तिर्की को कांग्रेस पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की बात है तो बंधु तिर्की कांग्रेस पार्टी में हैं और उन्हें पार्टी में जिम्मेदारी दी गई है. भारतीय जनता पार्टी बाबूलाल मरांडी को भाजपा का अध्यक्ष बना दे, इसमें कांग्रेस को और सरकार को कोई लेना-देना नहीं है. जहां तक नेता प्रतिपक्ष की बात है तो यह मामला विधानसभा और विधान सभा अध्यक्ष के पास है, इसमें निर्णय इन्हीं को लेना है.

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उरांव ने थपथपाई खुद की पीठ

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने इस दौरान झारखंड में कांग्रेस को सरकार बनाने की स्थिति में लाने के लिए खुद की पीठ भी थपथपाई. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हैं, वह काफी छोटे व्यक्ति हैं, उन्होंने अपना फर्ज निभाया है. सोनिया गांधी ने उन पर विश्वास करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. उन्होंने बखूबी उसे निभाया. झारखंड में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आज उन्हें लेकर पार्टी के चार विधायक झारखंड सरकार में मंत्री हैं. इसके अलावा 16 विधायक भी हैं. यही नहीं उन्होंने पार्टी को मजबूत करने में भी अपना योगदान दिया है.

आठ विधानसभा क्षेत्रों में ट्राइबल अहम

कार्यकाल न बढ़ने की टीस भी उरांव में दिखी. वित्त मंत्री ने लोहरदगा में कहा कि कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक एक ही पद पर बना नहीं रह सकता है. वह दो साल तक काम करते रहे हैं और पार्टी जैसा निर्णय लेती है, वैसा ही कार्यकर्ता को करना होता है. वह खुद ट्राइबल हैं और ट्राइबल से उनका ज्यादा जुड़ाव रहता है. उन्हें यह बखूबी पता है कि किस विधानसभा में ट्राइबल किस भूमिका में है. राज्य में सात-आठ विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां पर ट्राइबल विधायक चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जब कभी पार्टी को जरूरत होगी, वह इस बात को पार्टी को जरूर बताएंगे.

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