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जानिए लोहरदगा में कैसे हैं हालात, 5 दिनों की कर्फ्यू का क्या पड़ रहा है जनजीवन पर असर

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Published : Jan 27, 2020, 1:51 PM IST

लोहरदगा में 23 जनवरी को हुई हिंसक घटना के बाद से आम जनजीवन अब तक सामान्य नहीं हो पाया है. पुलिस प्रशासन की ओर से जिले के सभी क्षेत्रों में लगातार निगरानी की जा रही है. सोमवार को प्रशासन की ओर से कर्फ्यू में दो घंटे के ढील दी गई. इस दौरान लोगों ने अपने जरूरत के सामान दुकान से खरीदे.

जानिए लोहरदगा में कैसे हैं हालात, क्या पड़ रहा है जनजीवन पर असर
लोगों की कतार

लोहरदगाः जिले में बीते 23 जनवरी को हुए हिंसक घटना के बाद अब तक आम जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है. जिला प्रशासन हर जगह पर दिन से रात नजर बनाए हुए हैं. ड्रोन कैमरे के माध्यम से शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. नाइट विजन ड्रोन कैमरे की सहायता से संवेदनशील स्थानों पर पुलिस रात में भी निगरानी कर रही है. इसके बावजूद जनजीवन अब भी सामान्य नहीं कह सकते हैं.

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दो घंटे के लिए लोगों को आराम

सोमवार को लोहरदगा शहर में कर्फ्यू में 2 घंटे की ढील दिए जाने के बाद लोग जरूरी सामानों की खरीदने को लेकर सड़कों पर उतर पड़े. इस दौरान भी पुलिस प्रशासन की नजर आम लोगों पर बनी रही. लोग दवा, सब्जी सहित अन्य सामानों की खरीद को लेकर दुकानों में उमड़ पड़े थे. दवा दुकान में इतनी ज्यादा भीड़ थी कि वहां भी पुलिस को तैनात करना पड़ा. लोगों को कतारबद्ध कर जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए. पुलिस प्रशासन की गाड़ियां लगातार सड़कों पर दौड़ रही हैं. जनजीवन को सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है. अफवाहों का दौर अभी भी जारी है. खौफ का माहौल जनजीवन को सामान्य बनने से रोक रहा है.

हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि जनजीवन को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाए. इसके लिए अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी गई है. पुलिस ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है. शहरी क्षेत्र में 2 कैंप जेल भी बनाए गए हैं, जहां पर पूछताछ के लिए लोगों को लाया जा रहा है. प्रखंड मुख्यालयों में जनजीवन कुछ हद तक सामान्य है, परंतु शहरी क्षेत्र में स्थिति अब भी चिंताजनक और एक संवेदनशील स्थिति की ओर इशारा करती है. पुलिस प्रशासन के अधिकारी हालात को सामान्य बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. 5 दिनों में कर्फ्यू की वजह से हालात काफी संवेदनशील बने हुए हैं. लोग लगातार अपनों की खैरियत जाने को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं.

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स्टोरी-जानिए लोहरदगा में कैसे हैं हालात, क्या पड़ रहा है जनजीवन पर असर
पीटूसी-
एंकर- लोहरदगा जिले में विगत 23 जनवरी को हुई हिंसक घटना के बाद जगजीवन अब तक सामान्य नहीं हो पाया है. एक खौफ का वातावरण अब भी बना हुआ है. पुलिस प्रशासन की ओर से जिले के सभी क्षेत्रों में सतत निगरानी की जा रही है. ड्रोन कैमरे के माध्यम से शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. रात के समय नाइट विजन ड्रोन कैमरे की सहायता से संवेदनशील स्थानों में पुलिस प्रशासन निगरानी रख रही है. इसके बावजूद जनजीवन अब भी सामान्य नहीं कह सकते हैं.


इंट्रो- सोमवार को लोहरदगा शहर में 2 घंटे की ढील दिए जाने के बाद लोग जरूरी सामानों की खरीद को लेकर सड़कों पर उतर पड़े. इस दौरान भी पुलिस प्रशासन की नजर आम लोगों पर बनी रही. लोग दवा, सब्जी सहित अन्य सामानों की खरीद को लेकर दुकानों में उम्र पड़े थे. दवा दुकान में इतनी ज्यादा भीड़ थी कि वहां भी पुलिस को तैनात करना पड़ा. लोगों को कतारबद्ध कर जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए. पुलिस प्रशासन की गाड़ियां लगातार सड़कों पर दौड़ रही है. जनजीवन को सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है. अफवाहों का दौर अभी जारी है. खौफ का माहौल जनजीवन को सामान्य बनने से रोक रहा है. हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि जनजीवन को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाए. इसके लिए अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी गई है. पुलिस ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है. शहरी क्षेत्र में 2 कैंप जेल भी बनाए गए हैं. जहां पर पूछताछ के लिए लोगों को लाया जा रहा है. प्रखंड मुख्यालयों में जनजीवन कुछ हद तक सामान्य है, परंतु शहरी क्षेत्र में स्थिति अब भी चिंताजनक और एक संवेदनशील स्थिति की ओर इशारा करती है. पुलिस प्रशासन के अधिकारी को सामान्य बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. 5 दिनों के दौरान कर्फ्यू की वजह से हालात काफी संवेदनशील बने हुए हैं. लोग लगातार अपनों की खैरियत जाने को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं.


Body:सोमवार को लोहरदगा शहर में 2 घंटे की ढील दिए जाने के बाद लोग जरूरी सामानों की खरीद को लेकर सड़कों पर उतर पड़े. इस दौरान भी पुलिस प्रशासन की नजर आम लोगों पर बनी रही. लोग दवा, सब्जी सहित अन्य सामानों की खरीद को लेकर दुकानों में उम्र पड़े थे. दवा दुकान में इतनी ज्यादा भीड़ थी कि वहां भी पुलिस को तैनात करना पड़ा. लोगों को कतारबद्ध कर जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए. पुलिस प्रशासन की गाड़ियां लगातार सड़कों पर दौड़ रही है. जनजीवन को सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है. अफवाहों का दौर अभी जारी है. खौफ का माहौल जनजीवन को सामान्य बनने से रोक रहा है. हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि जनजीवन को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाए. इसके लिए अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी गई है. पुलिस ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है. शहरी क्षेत्र में 2 कैंप जेल भी बनाए गए हैं. जहां पर पूछताछ के लिए लोगों को लाया जा रहा है. प्रखंड मुख्यालयों में जनजीवन कुछ हद तक सामान्य है, परंतु शहरी क्षेत्र में स्थिति अब भी चिंताजनक और एक संवेदनशील स्थिति की ओर इशारा करती है. पुलिस प्रशासन के अधिकारी को सामान्य बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. 5 दिनों के दौरान कर्फ्यू की वजह से हालात काफी संवेदनशील बने हुए हैं. लोग लगातार अपनों की खैरियत जाने को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं.


Conclusion:लोहरदगा जिले में कर्फ्यू के पांचवे दिन जनजीवन को सामान्य बनाने की कुछ हद तक कोशिशें तो जरूर हुई, परंतु अभी जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है. कर्फ्यू में 2 घंटे की ढील दिए जाने के बाद जनजीवन को सामान्य बनाने को लेकर प्रशासन की ओर से कोशिश की गई है. हालांकि अब भी लोग संशय और भय के माहौल में जीने को विवश है. पुलिस प्रशासन लगातार लोगों पर नजर बनाए हुए हैं. ड्रोन कैमरे की सहायता से भी निगरानी की जा रही है.
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