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शहीद सिकंदर के पार्थिव शरीर को देख रो पड़ा पूरा गांव, पिता ने दी मुखाग्नि

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Published : Nov 23, 2019, 3:11 PM IST

सिकंदर सिंह शुक्रवार की रात चंदवा में हुए नक्सली हमला के दौरान शहीद हो गए थे. शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन में वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उसके बाद शहीद को पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव पतरातू पहुंचाया गया.

शहीद सिकंदर

लातेहार: लातेहार थाना क्षेत्र के पतरातू गांव में शनिवार को किसी के घर चूल्हा नहीं जला. शहीद सिकंदर के शहादत के बाद जैसे ही उनका शव उनके गांव पतरातू पहुंचा वैसे ही पूरा गांव दहाड़ मार कर रो पड़ा. ग्रामीणों के करुण विलाप से पूरा वातावरण गमगीन रहा.

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दरअसल, सिकंदर सिंह शुक्रवार की रात चंदवा में हुए नक्सली हमला के दौरान शहीद हो गए थे. शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन में वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उसके बाद शहीद को पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव पतरातू पहुंचाया गया. इस दौरान गांव में उनके घर के आगे पूरे गांव के ग्रामीण उमड़े हुए थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद विधायक प्रकाश राम भी शहीद के घर गए और परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया.

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शहीद सिकंदर सिंह के 5 बच्चे हैं. तीन बच्चों को पता है कि उनके सर से पिता का साया उठ गया है.. इन बच्चियों के विलाप से लोगों का कलेजा फट रहा था. सिकंदर के पिता करीमन सिंह बदहवास थे. ग्रामीणों का कहना था कि सिकंदर इतना मिलनसार था कि उसके जाने का दुख सिर्फ गांव में ही नहीं बल्कि आसपास के इलाके में है.

Intro:शहीद के शव को देखकर रो पड़ा पूरा गांव

लातेहार. लातेहार थाना क्षेत्र के पतरातू गांव में शनिवार को किसी के घर चूल्हा नहीं जला. शहीद सिकंदर के शहादत के बाद जैसे ही उनका शव उनके गांव पतरातू पहुंचा वैसे ही पूरा गांव दहाड़ मार कर रो पड़ा. ग्रामीणों के करुण विलाप से पूरा वातावरण गमगीन रहा.


Body:दरअसल सिकंदर सिंह शुक्रवार की रात चंदवा में हुए नक्सली हमला के दौरान शहीद हो गए थे. शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन में वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उसके बाद शहीद को पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव पतरातू पहुंचाया गया. गांव में उनके घर के आगे पूरे गांव के ग्रामीण उमड़े हुए थे. घटना की जानकारी मिलने के बाद विधायक प्रकाश राम भी शहीद के घर गए और परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया.
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5 बच्चे हैं सिकंदर के
शहीद सिकंदर सिंह के 5 बच्चे हैं. सबसे बड़ी बच्ची चांदनी 12 साल की है.वही उससे छोटी 10 वर्ष की रौशनी और 8 साल की है . तीन को पता है कि उनके सर से पिता का साया उठ गया. इन बच्चियों के विलाप से लोगों का कलेजा फट रहा था. वहीं सिकंदर की चौथी बेटी धनलक्ष्मी और सबसे बेटे लकी सिंह को तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. वही सिकंदर के पिता करीमन सिंह बदहवास थे. सिकंदर के तीन छोटे भाई अर्जुन, रंजीत और संतोष सिंह का भी रो रो कर बुरा हाल था. ग्रामीणों का कहना था कि सिकंदर इतना मिलनसार था कि उसके जाने का दुख सिर्फ गांव में ही नहीं बल्कि आसपास के इलाके में है.
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Conclusion:सिकंदर के पिता करीमन सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी.
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