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भूमि अधिग्रहण के लिए ग्रामसभा कराने गए अंचलकर्मियों और कंपनी के लोगों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, बॉन्ड भरवाने के बाद छोड़ा

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Published : Jul 8, 2022, 7:51 PM IST

Uproar in Gram Sabha for land acquisition in Latehar
Uproar in Gram Sabha for land acquisition in Latehar

लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के बनहरदी गांव में शुक्रवार हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. एनटीपीसी के साथ जमीन अधिग्रहण के लिए ग्रामसभा कराने आए अंचल कर्मियों और कंपनी के लोगों को ग्रामीणों ने घेर लिया. लगभग 3 घंटे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद ग्रामीण शांत हुए. उसके बाद बिना ग्रामसभा कराए अंचल कर्मियों और कंपनी के लोगों को लौटना पड़ा.

लातेहार: जिले के चंदवा प्रखंड के वनहरदी पंचायत में कोल माइंस खोले जाने का प्रस्ताव है. एनटीपीसी को इसके लिए सरकार के स्तर से स्वीकृति मिल गई है. अब कंपनी को प्रस्तावित कोल माइंस के लिए भूमि अधिग्रहण करना है. कंपनी की नीति से नाराज ग्रामीण कोल माइंस के लिए जमीन देने को तैयार नहीं है. हालांकि जमीन अधिग्रहण के लिए पूर्व में भी कई बार कंपनी और अंचल कर्मियों के द्वारा ग्रामीणों के साथ बैठक करने का प्रयास किया गया. परंतु कंपनी के द्वारा ग्रामीणों की मांग को पूरा नहीं किए जाने के कारण भूमि अधिग्रहण का कार्य अधर में लटकता रहा है. शुक्रवार को भी गांव में भूमि अधिग्रहण के लिए ग्रामसभा करवाने चंदवा अंचल के सीआई रमेश राम, राजस्व कर्मचारी विकास कुमार, एनटीपीसी के डिप्टी मैनेजर अमरेश चंद्रा समेत कई आए थे. जैसे ही ग्रामीणों को पता चला कि भूमि अधिग्रहण के लिए ग्रामसभा कराने कंपनी के लोग आए हैं, वैसे ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए और सभी लोगों घेर लिया.

अंचल कर्मियों और कंपनी के लोगों को बिठाया: ग्रामीणों ने घेराबंदी कर सभी लोगों को बिठा दिया. ग्रामीणों का आरोप था कि बिना किसी ग्रामीण को सूचना दिए कंपनी और अंचल कर्मी मिलकर गांव में फर्जी रूप से ग्रामसभा कराकर उनकी जमीन को लूटने का प्रयास कर रहे हैं. आक्रोशित ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि हम किसी भी कीमत में एनटीपीसी को जमीन नहीं देंगे. कंपनी की नीति और नीयत दोनों खराब है. हम जमीन नहीं देंगे. यदि दलालों के साथ मिलकर कंपनी कोई धोखाधड़ी करती है तो अगली बार इसका अंजाम भी भुगतना होगा. भारी हो हंगामे के बीच अंचल निरीक्षक, राजस्व कर्मचारी व कंपनी के लोगों ने अपनी बातों को रखा. लेकिन ग्रामीण कुछ भी सुनने को तैयार नही थे. इस दौरान कई बार नारेबाजी भी हुई, कई बार माहौल गर्म भी हुआ.

लिखित बॉन्ड भरा तब ग्रामीणों ने छोड़ा: करीब 3 घंटे बाद अंचल निरीक्षक, राजस्व कर्मचारी, एनटीपीसी के डिप्टी मैनेजर व अन्य लोगों ने ग्रामीणों के समक्ष लिखित बॉन्ड भरा कि आज के बाद बिना ग्रामीणों के अनुमति के किसी प्रकार की सभा का आयोजन नहीं किया जायेगा तब ग्रामीणों ने सभी लोगों को छोड़ा.

ग्रामसभा के लिए भेजा था नोटिस: इधर अंचल निरीक्षक रमेश राम ने कहा कि उक्त ग्रामसभा हेतु ग्राम प्रधान और मुखिया को सूचना दी गई थी. सूचना के बाद ही ग्रामसभा का आयोजन किया गया था. ग्रामीणों ने अचानक आकर ग्राम सभा को रोक दिया. ग्रामीणों के विरोध के बाद ग्रामसभा को स्थगित कर हम सभी वापस आ गए. वही ग्रामीणों का आरोप था कि किसी भी ग्रामीण को आमसभा की सूचना नहीं दी गई थी. अंचलकर्मी कंपनी के लोगों के साथ मिलकर ग्रामीणों को मूर्ख बना रहे हैं.


पहले समस्याओं को सुलझाए उसके बाद हो सभा: पंचायत के मुखिया रामेश्वर उरांव ने कहा कि कंपनी और प्रशासनिक अधिकारी पहले ग्रामीणों की समस्याओं को सुलझा लें. उसके बाद ही इस प्रकार की सभा का आयोजन करें. मुखिया ने कहा कि मैं ग्रामीणों के साथ हूं, ग्रामीण जैसा चाहेंगे वैसा ही होगा. गांव में चले इस हाई वोल्टेज ड्रामा की चर्चा जमकर हुई. कई लोगों ने ग्रामीणों के विरोध का समर्थन किया और कहा कि ग्रामीण बिल्कुल सही कर रहे हैं.

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