ETV Bharat / state

लातेहार में छात्रवृत्ति घोटाला, बच्चों के पैसे खा गए बिचौलिए

author img

By

Published : Nov 26, 2020, 12:04 AM IST

Updated : Nov 26, 2020, 1:42 PM IST

लातेहार में अल्पसंख्यक बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. लातेहार जिला प्रशासन सक्रिय होकर पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

Scholarship scam in Latehar
लातेहार में छात्रवृत्ति घोटाला

लातेहार: अल्पसंख्यक बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि लातेहार में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. बच्चों को मिलने वाली राशि को बिचौलिए खा गए. लाभुक बच्चे छात्रवृत्ति से वंचित रह गए. मामले का पर्दाफाश होने के बाद लातेहार जिला प्रशासन सक्रिय होकर पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

लातेहार में छात्रवृत्ति घोटाला.

अल्पसंख्यक बच्चों को केंद्र सरकार के द्वारा एनपीएस योजना के तहत प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति दिया जाता है, लेकिन झारखंड राज्य में यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में भी बड़े पैमाने पर छात्रवृत्ति की राशि का घोटाला किया गया. मजेदार बात यह है कि जिस स्कूल के बच्चों के नाम पर छात्रवृत्ति के नाम पर पैसे आए हैं. उस स्कूल के शिक्षकों को भी इसकी भनक नहीं लगी.

महुआडांड़ के राजकीय बीएमसी स्कूल में कुल 137 बच्चे नामांकित थे, लेकिन फर्जी रूप से स्कूल में 237 से अधिक बच्चे का नामांकन दिखाकर उनके नाम पर छात्रवृत्ति आवंटित की गई, लेकिन पैसे बच्चों के हाथ तक नहीं पहुंचे. महुआडांड़ की एक छात्रा शगुफ्ता नाज ने बताया कि उसे आज तक कभी भी छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली है. यहां तक कि नामांकन के लिए भी उसे अपने घर से पैसे देने पड़े. वहीं, स्कूल की प्रधानाध्यापिका आशा मिंज ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कुछ पता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष ही उन्होंने प्रधानाध्यापिका का प्रभार लिया है. छात्रवृत्ति का घोटाला कैसे किया गया उन्हें इस संबंध में कुछ जानकारी ही नहीं है.

3 स्कूलों से पकड़ाया घोटाला

महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय में स्थित बीएमसी महुआडांड़, मदरसा और एक निजी विद्यालय में छात्रवृत्ति घोटाला का मामला उजागर हुआ है. महुआडांड़ का निजी विद्यालय कहने के लिए तो आवासीय है, लेकिन उसमें मुश्किल से 50 बच्चों के रहने की भी सुविधा नहीं है. इस स्कूल से भी 200 से अधिक बच्चों के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि मंगाई गई. इधर, लॉकडाउन के कारण स्कूल में ताला लटक रहा था. वहीं, मदरसा में भी मुश्किल से 50 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे होंगे, लेकिन यहां भी फर्जी रूप से 200 से अधिक बच्चा दिखा कर उनके नाम पर छात्रवृत्ति मंगाई गई है.

क्या है नियम

भारत सरकार के द्वारा अल्पसंख्यक बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाती है. इसमें छात्रावास में रहने वाले बच्चों को 10700 रुपये छात्रवृत्ति के रूप में प्रत्येक वर्ष उनके खाते में उपलब्ध कराने की योजना है, लेकिन बिचौलिए इस योजना को हाईजैक कर इस महत्वकांक्षी योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी. स्कूलों में नामांकित बच्चों की अपेक्षा दो से 3 गुना अधिक नामांकन दिखाकर सभी के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि मंगवाई और उसका बंदरबांट कर लिया गया.

ये भी पढ़ें: घरेलू कलह में बेटी ने पिता को पीट-पीटकर मार डाला, पिटाई के बाद ठंड में छोड़ दिया था घर के बाहर

मामले की हो रही है जांच

इस संबंध में महुआडांड़ के अनुमंडल पदाधिकारी नित निखिल सुरीन ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. उपायुक्त के आदेश पर टीम बनाकर घोटाले की जांच की जा रही है. बच्चों की छात्रवृत्ति की राशि बिचौलिए गटक गए. इस प्रकार सरकार की महत्वकांक्षी योजना धरातल पर उतरने से पहले ही धराशाई हो गई. जरूरत इस बात की है कि सरकार ऐसे काले करतूत में शामिल लोगों को चिन्हित करें और उन पर कड़ी कार्रवाई करें, ताकि बच्चों के हक पर डाका डालने वाले दरिंदों को सबक मिल सके.

Last Updated : Nov 26, 2020, 1:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.