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बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीणों की बदल रही है जिंदगी, गांव में पहुंचने लगी विकास की किरण

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Published : May 18, 2023, 8:10 AM IST

Updated : May 18, 2023, 11:56 AM IST

life of villagers of Budha Pahar became happy
life of villagers of Budha Pahar became happy

बूढ़ा पहाड़ की तलहटी में बसे गांव वालों की जिंदगी बदल रही है. नक्सलियों के खौफ के साये से बाहर निकलकर लोग अब खुशहाली की जिंदगी जी रहे हैं.

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लातेहारः कहा जाता है कि समय परिवर्तनशील है. हमेशा समय एक सा नहीं रहता है. बरसों तक बदहाली का दंश झेल चुके बूढ़ा पहाड़ की तलहटी में बसे गांव में रहने वाले लोगों का जीवन भी अब बदलने लगा है. यहां के ग्रामीणों के लिए विकास योजनाएं और रोजगार एक सपने के बराबर था. परंतु उनका यह सपना साकार होने लगा है. कुछ महीने पहले तक जिन गांवों में सन्नाटा फैला रहता था, उन्हीं इलाकों में अब बाजार सजने लगे हैं. बेरोजगारी के बीच जीवन यापन कर रहे लोगों को अब गांव में ही रोजगार भी मिलने लगा है.

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दरअसल बूढ़ा पहाड़ की तलहटी में बसे तिसिया, नवाडीह, चरहु समेत कई ऐसे गांव थे, जहां लोगों का जनजीवन ठहर सा गया था. उग्रवादियों ने इस इलाके को इस कदर अपनी गिरफ्त में ले रखा था कि यहां उनकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता था. खौफ का माहौल ऐसा था कि यहां अधिकारी या सरकारी कर्मचारी पहुंचकर लोगों की जरूरतों का भी आंकलन नहीं कर पाते थे. इस कारण यह इलाका विकास से पूरी तरह वंचित रह गया था. गांव में बिजली, शिक्षा तथा अन्य विकास योजनाओं की तो बात ही दूर, यहां पेयजल और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव था. परंतु पिछले 1 वर्ष के दौरान पुलिस और सुरक्षाबलों के द्वारा इस इलाके की सूरत बदल दी गई .

ग्रामीणों के लिए बना वरदानः बूढ़ा पहाड़ के इलाके को नक्सलियों से मुक्त कर यहां के लोगों के जनजीवन को खुशहाल करने के लिए पुलिस के द्वारा राज्य स्तर पर एक योजना तैयार की गई. लातेहार जिले में इसका नेतृत्व एसपी अंजनी अंजन ने किया. एसपी के नेतृत्व में पुलिस और सुरक्षा बल ने सबसे पहले पूरे बूढ़ा पहाड़ एरिया को नक्सलियों से मुक्त बनाने के लिए अभियान आरंभ किया. लगभग 6 माह की कड़ी मेहनत के बाद नक्सलियों के कदम वहां से उखड़ने लगे. पुलिस और सुरक्षाबलों ने इस दौरान नक्सलियों के द्वारा छुपाए गए भारी मात्रा में हथियारों तथा गोला बारूद को भी जब्त किया. इसके बाद इन गांव को स्थाई रूप से नक्सलियों के कब्जे से मुक्त बनाने के लिए पुलिस कैंप स्थापित करने की योजना तैयार की गई. कैंप की स्थापना के साथ ही यहां नक्सलियों के विचरण पर काफी हद तक प्रतिबंध लग गया. जिससे आम लोगों को काफी राहत मिली.

सजने लगा बाजारः कैंप स्थापना के बाद पदस्थापित सुरक्षाकर्मी अपने बुनियादी जरूरतों के सामान की खरीदारी गांव में स्थित छोटे-छोटे दुकानों से करने लगे. सामानों की बिक्री बढ़ने से गांव के लोगों को आर्थिक मदद भी मिलने लगी. सुरक्षा बलों के कैंप में दूध, दही, सब्जी आदि की बिक्री भी कर ग्रामीण अच्छी आमदनी करने लगे. नक्सलियों का खौफ खत्म होने के बाद ग्रामीण जो पहले अपने घरों से निकलने से भी डरते थे, वे अब गांव के बाहर भी जाने लगे.

दुकानदार अब बाहरी बाजार से सामान लाकर गांव में बेचने भी लगे, जिससे यहां के ग्रामीणों को भी लाभ मिलने लगा. ग्रामीण राधेश्याम यादव ,संतोष यादव आदि बताते हैं कि गांव में कैंप स्थापित होने से ग्रामीणों को काफी फायदा हुआ है. कैंप स्थापित होने के बाद ग्रामीणों को रोजगार के भी अवसर प्राप्त हुए हैं. कैंप में पदस्थापित जवान और अधिकारी जरूरत के सभी सामान गांव के दुकान से खरीदते हैं. इससे गांव में अब कई दुकान खुलने लगे हैं. जिससे आम ग्रामीणों को भी अब जरूरत के सारी समान गांव में ही मिल जाते हैं. कैंप में दूध, दही, सब्जी, अंडा आदि की भी अच्छी बिक्री हो जाती है.

एसपी के नेतृत्व में पुलिस के जवानों ने बनाई सड़कः बूढ़ा पहाड़ के गांव में आना पहले काफी मुश्किल था. सड़क की स्थिति इतनी बदतर थी कि यहां पैदल भी आना मुश्किल था. मामूली जरूरत के सामान के लिए भी ग्रामीण जब गांव से बाहर जाते थे तो उन्हें वापस गांव लौटने में पूरा दिन लग जाता था. साइकिल पर सामान लेकर किसी प्रकार ग्रामीण अपने गांव लौटते थे. परंतु एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में जब बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया गया तो सबसे पहले उन्होंने बूढ़ा पहाड़ के गांव तक पहुंच सड़क बनाने के प्लान पर काम किया. एसपी के नेतृत्व में पुलिस के अधिकारी श्रमदान कर बूढ़ा पहाड़ के गांवों तक पहुंचने के लिए 3 पुलिया का निर्माण किया. वहीं कच्ची सड़क की भी मरम्मत की. सड़क पुलिया बनने के बाद ग्रामीण अब आसानी से साइकिल अथवा मोटरसाइकिल से आवागमन करने लगे. सड़क बेहतर होने के कारण अब ग्रामीण दुकानदार जरूरत के सामान भाड़े के वाहन से भी गांव तक ले जाने लगे.

सामान्य हुआ है लोगों का जनजीवनः इधर इस संबंध में एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि गत सितंबर माह में पुलिस के द्वारा बूढ़ा पहाड़ के एरिया में एंटी नक्सल अभियान ऑक्टोपस आरंभ किया गया था. इसी क्रम में यहां दो कैंप की भी स्थापना की गई थी. साथ ही लोगों के आवागमन को आसान बनाने के लिए सड़क की मरम्मत और पुलिया का भी निर्माण श्रमदान से किया गया. उन्होंने कहा कि इस इलाके में रहने वाले लोगों का जनजीवन अब सामान्य होने लगा है. तिसिया आदि गांव में तो अब छोटे-छोटे बाजार भी लगने लगे हैं. वहीं इस इलाके में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र का भी निर्माण आरंभ कर दिया गया है.

बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीण इलाकों में अब लोगों के जीवन में बदलाव दिखने लगा है. जरूरत इस बात की है कि आजादी के 75 वर्षों तक विकास योजनाओं के लिए तरस रहे इन गांव में विशेष योजना चलाई जाए, ताकि यहां के लोगों के बीच खुशहाली आ सके.

Last Updated :May 18, 2023, 11:56 AM IST
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